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मिर्जापुर: प्रदर्शन कर रहे लेखपालों का रोका गया वेतन

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में धरना दे रहे लेखपालों के खिलाफ डीएम ने बड़ी कार्रवाई की है. एस्मा लगने के बाद भी धरना प्रदर्शन जारी रखना लेखपालों पर भारी पड़ा. हड़ताल कर रहे 393 लेखपालों का जिलाधिकारी ने वेतन रोक दिया. नोटिस जारी होने के बाद भी संपूर्ण समाधान दिवस में अनुपस्थित रहने पर कार्रवाई की गई.

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आठ सूत्रीय मांगों को लेकर लेखपालों का प्रदर्शन
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Published : Dec 18, 2019, 12:24 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST

मिर्जापुर: लेखपाल संघ के आह्वान पर समस्त लेखपाल विभिन्न मांगों को लेकर कार्य बहिष्कार कर धरना प्रदर्शन कर रहे थे. जिलाधिकारी के आदेश पर नोटिस जारी किए जाने के बाद भी लेखपाल संपूर्ण समाधान दिवस में नहीं पहुंचे थे. जिसके चलते डीएम सुशील कुमार पटेल ने कार्रवाई करते हुए 393 लेखपालों का वेतन रोक दिया है. इस कार्रवाई से लेखपालों में खलबली मच गई. उप जिलाधिकारियों द्वारा काम नहीं तो वेतन नहीं का नोटिस जारी किया गया था.

आठ सूत्रीय मांगों को लेकर लेखपालों का प्रदर्शन

जानें क्या था पूरा मामला-

  • मिर्जापुर डीएम सुशील कुमार पटेल ने धरना दे रहे लेखपालों पर बड़ी कार्रवाई की है.
  • हड़ताल कर रहे 393 लेखपालों का जिलाधिकारी ने सुशील कुमार पटेल वेतन रोक दिया.
  • एस्मा लगने के बाद भी लेखपाल संघ के बैनर तले लेखपाल धरना प्रदर्शन कर रहे थे.
  • नोटिस जारी होने के बाद भी संपूर्ण समाधान दिवस में अनुपस्थित रहने पर कार्रवाई की गई.
  • इससे पहले उप जिलाधिकारियों द्वारा काम नहीं तो वेतन नहीं का नोटिस जारी किया गया था.
  • लेखपाल संघ के आह्वान पर समस्त लेखपाल विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे.

जिलाधिकारी ने वेतन रोकने का आदेश दिया-
जिले में कुल 402 लेखपाल कार्यरत हैं. जिसमें से नौ छुट्टी पर है 393 लेखपाल संपूर्ण समाधान दिवस में अनुपस्थित मिलने पर जिलाधिकारी ने वेतन रोकने के निर्देश दिया है. सदर तहसील में 139 लेखपाल अनुपस्थित रहे. तो वहीं चुनार तहसील में 144 और लालगंज में 82, मड़िहान में 55 लेखपाल अनुपस्थित रहे. इन सभी का वेतन रोकने का निर्देश जारी कर दिया गया है.

कार्य बहिष्कार करना लेखपालों को पड़ा महंगा-
उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के तत्वाधान में विभिन्न मांगों को लेकर लेखपाल कई दिनों से कार्य बहिष्कार कर रहे है. मिर्जापुर में भी सभी तहसीलों के लेखपाल पुराने विकास भवन में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. शुक्रवार को शासन की ओर से एस्मा लागू होने के बाद भी लेखपालों ने अपना आंदोलन जारी रखा. उप जिलाधिकारियों द्वारा लेखपालों को काम नहीं तो वेतन नहीं का नोटिस जारी होने के बाद भी लेखपाल संपूर्ण समाधान दिवस में नहीं पहुंचे थे. तहसीलों में अनुपस्थित 393 लेखपालों का जिलाधिकारी ने दो दिन का वेतन रोकने का निर्देश दिया है.

लेखपाल संघ ने कहा, धरना जारी रहेगा-
लेखपाल संघ का कहना है कि उत्तर प्रदेश लेखपाल महासंघ के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन चल रहा है. हम लोगों की मांगे सरकार जब तक पूरा नहीं करेगी, तब तक हम लोगों का धरना प्रदर्शन जारी रहेगा. जो हमारा उच्च नेतृत्व कहेगा उसी के आधार पर हम लोग कार्य करेंगे.

लेखपाल संघ के जिला मंत्री अवनीश पटेल का कहना है कि हमारी आठ सूत्रीय मांगे हैं. जिनको लेकर तीन वर्षों से लगातार अश्वाशन दिया जा रहा है. जब भी हम लोग धरना प्रदर्शन करते हैं तो कार्यवित्तीय जारी की जाती है. और कहा जाता है कि एक महीने में कर देंगे दो महीने में कर देंगे लेकिन उसके बाद हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जाता है.

कल हमारे जिले के जितने भी एसडीएम हैं उनकी तरफ से नोटिस गया था कि आप कार्य पर वापस आ जाएं वरना कार्रवाई की जाएगी. और आज भी ये लोग कार्य पर वापस नहीं आए हैं. हमारे यहां जिले में 402 लेखपाल हैं जिसमे 10 अगल-अलग कार्यों के चलते छुट्टी पर हैं. बाकी 392 लेखपालों की दो दिन की सैलरी काटी जाएगी.
-सुशील कुमार पटेल, जिलाधिकारी

मिर्जापुर: लेखपाल संघ के आह्वान पर समस्त लेखपाल विभिन्न मांगों को लेकर कार्य बहिष्कार कर धरना प्रदर्शन कर रहे थे. जिलाधिकारी के आदेश पर नोटिस जारी किए जाने के बाद भी लेखपाल संपूर्ण समाधान दिवस में नहीं पहुंचे थे. जिसके चलते डीएम सुशील कुमार पटेल ने कार्रवाई करते हुए 393 लेखपालों का वेतन रोक दिया है. इस कार्रवाई से लेखपालों में खलबली मच गई. उप जिलाधिकारियों द्वारा काम नहीं तो वेतन नहीं का नोटिस जारी किया गया था.

आठ सूत्रीय मांगों को लेकर लेखपालों का प्रदर्शन

जानें क्या था पूरा मामला-

  • मिर्जापुर डीएम सुशील कुमार पटेल ने धरना दे रहे लेखपालों पर बड़ी कार्रवाई की है.
  • हड़ताल कर रहे 393 लेखपालों का जिलाधिकारी ने सुशील कुमार पटेल वेतन रोक दिया.
  • एस्मा लगने के बाद भी लेखपाल संघ के बैनर तले लेखपाल धरना प्रदर्शन कर रहे थे.
  • नोटिस जारी होने के बाद भी संपूर्ण समाधान दिवस में अनुपस्थित रहने पर कार्रवाई की गई.
  • इससे पहले उप जिलाधिकारियों द्वारा काम नहीं तो वेतन नहीं का नोटिस जारी किया गया था.
  • लेखपाल संघ के आह्वान पर समस्त लेखपाल विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे.

जिलाधिकारी ने वेतन रोकने का आदेश दिया-
जिले में कुल 402 लेखपाल कार्यरत हैं. जिसमें से नौ छुट्टी पर है 393 लेखपाल संपूर्ण समाधान दिवस में अनुपस्थित मिलने पर जिलाधिकारी ने वेतन रोकने के निर्देश दिया है. सदर तहसील में 139 लेखपाल अनुपस्थित रहे. तो वहीं चुनार तहसील में 144 और लालगंज में 82, मड़िहान में 55 लेखपाल अनुपस्थित रहे. इन सभी का वेतन रोकने का निर्देश जारी कर दिया गया है.

कार्य बहिष्कार करना लेखपालों को पड़ा महंगा-
उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के तत्वाधान में विभिन्न मांगों को लेकर लेखपाल कई दिनों से कार्य बहिष्कार कर रहे है. मिर्जापुर में भी सभी तहसीलों के लेखपाल पुराने विकास भवन में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. शुक्रवार को शासन की ओर से एस्मा लागू होने के बाद भी लेखपालों ने अपना आंदोलन जारी रखा. उप जिलाधिकारियों द्वारा लेखपालों को काम नहीं तो वेतन नहीं का नोटिस जारी होने के बाद भी लेखपाल संपूर्ण समाधान दिवस में नहीं पहुंचे थे. तहसीलों में अनुपस्थित 393 लेखपालों का जिलाधिकारी ने दो दिन का वेतन रोकने का निर्देश दिया है.

लेखपाल संघ ने कहा, धरना जारी रहेगा-
लेखपाल संघ का कहना है कि उत्तर प्रदेश लेखपाल महासंघ के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन चल रहा है. हम लोगों की मांगे सरकार जब तक पूरा नहीं करेगी, तब तक हम लोगों का धरना प्रदर्शन जारी रहेगा. जो हमारा उच्च नेतृत्व कहेगा उसी के आधार पर हम लोग कार्य करेंगे.

लेखपाल संघ के जिला मंत्री अवनीश पटेल का कहना है कि हमारी आठ सूत्रीय मांगे हैं. जिनको लेकर तीन वर्षों से लगातार अश्वाशन दिया जा रहा है. जब भी हम लोग धरना प्रदर्शन करते हैं तो कार्यवित्तीय जारी की जाती है. और कहा जाता है कि एक महीने में कर देंगे दो महीने में कर देंगे लेकिन उसके बाद हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जाता है.

कल हमारे जिले के जितने भी एसडीएम हैं उनकी तरफ से नोटिस गया था कि आप कार्य पर वापस आ जाएं वरना कार्रवाई की जाएगी. और आज भी ये लोग कार्य पर वापस नहीं आए हैं. हमारे यहां जिले में 402 लेखपाल हैं जिसमे 10 अगल-अलग कार्यों के चलते छुट्टी पर हैं. बाकी 392 लेखपालों की दो दिन की सैलरी काटी जाएगी.
-सुशील कुमार पटेल, जिलाधिकारी

Intro:एस्मा लगने के बाद भी धरना प्रदर्शन जारी रखना लेखपालों पर भारी पड़ने लगा है। मिर्जापुर जिले में भी उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के आह्वान पर विभिन्न मांगों को लेकर लक वालों का बहिष्कार कर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं हड़ताल कर रहे 393 लेखपालों को जिलाधिकारी ने वेतन रोकने का निर्देश दिया है इस कार्रवाई से लेखपालों में खलबली मच गई है शुक्रवार को शासन की ओर से समा लागू होने के बाद भी लगवा लो ना बन आंदोलन जारी रखा है उप जिलाधिकारियों के द्वारा लोकपाल को काम नहीं तो वेतन नहीं का नोटिस जारी होने के बाद भी लेखपाल संपूर्ण समाधान दिवस में अनुपस्थित रहे जिसको लेकर यह कार्रवाई की गई है।


Body:उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के तत्वाधान पर विभिन्न मांगों को लेकर लेखपाल कार्य बहिष्कार कर रहे हैं। कई दिनों से विरोध जारी रखना लेखपालों पर भारी पड़ने लगा है मिर्जापुर में भी सभी तहसीलों के लेखपाल पुराने विकास भवन में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। शुक्रवार को शासन की ओर से एस्मा लागू होने के बाद भी लेखपालों ने अपना आंदोलन जारी रखा है जिलाधिकारियों के द्वारा लेखपालों को काम नहीं तो वेतन नहीं का नोटिस जारी होने के बाद भी लेखपाल संपूर्ण समाधान दिवस में उपस्थित रहे सभी तहसीलों में अनुपस्थित 393 लेखपालों को जिलाधिकारी ने दो दिन का वेतन रोकने का निर्देश दिया है। वहीं लेखपाल संघ का कहना है कि उत्तर प्रदेश लेखपाल महासंघ के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन चल रही है हम लोगों की जो मांगे सरकार जब तक पूरा नहीं करेगी हम लोग का धरना प्रदर्शन हड़ताल जारी रहेगा जो हमारा उच्च नेतृत्व कहेगा उसी के आधार पर हम लोग कार्य करेंगे। आपको बता दें मिर्जापुर जिले में कुल 402 लेखपाल कार्यरत हैं जिसमें से 9 छुट्टी पर है किसी कारणवश 393 लेखपाल संपूर्ण समाधान दिवस में अनुपस्थित मिलने पर वेतन रोकने के निर्देश सभी का दिया गया है। सदर में 139 लेखपाल अनुपस्थित रहे चुनार में 144 लालगंज में 82 मड़िहान में 55 लेखपाल लगभग अनुपस्थित रहे इन सभी का वेतन रोकने का निर्देश दिया गया है।

बाईट-अवनीश पटेल-जिला मंत्री लेखपाल संघ

बाईट-सुशील कुमार पटेल-जिला अधिकारी मिर्ज़ापुर

जय प्रकाश सिंह
मिर्ज़ापुर
9453881630


Conclusion:
Last Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST
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