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लॉकडाउन: मध्यप्रदेश से साइकिल चलाकर बिहार जा रहे मजदूर, ईटीवी भारत से बयां किया दर्द - मिर्जापुर पहुंचे बिहार के प्रवासी मजदूर

लॉकडाउन के चलते ट्रेन, बसों के पहिए थमे हुए हैं. सरकार अपील कर रही है कि प्रवासी मजदूर जहां हैं, वहीं रहें. उनके रहने और खाने का इंतजाम वहीं होगा. मगर इन तमाम प्रयासों के बावजूद मजदूरों के अपने घर लौटने का सिलसिला नहीं थम रहा है. मध्य प्रदेश के धूलिया से साइकिल चलाकर बिहार जा रहे मजदूर मिर्जापुर पहुंचे, जहां उन्होंने ईटीवी भारत से बातचीत में अपना दर्द बयां किया.

laborers going from madhya pradesh to bihar
मध्यप्रदेश से साइकिल चलाकर बिहार जा रहे मजदूर.
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Published : May 4, 2020, 12:13 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST

मिर्जापुर: लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों को सबसे ज्यादा परेशानी उठानी पड़ रही है. कोई साधन नहीं मिल रहा है तो वे साइकिल पर सवार होकर ही अपने घर लौटने लगे हैं. मध्य प्रदेश के धूलिया से साइकिल से यात्रा करके 10 मजदूर मिर्जापुर पहुंचे. ये सभी बिहार के रोहतास के रहने वाले हैं.

laborers going from madhya pradesh to bihar
मध्यप्रदेश से साइकिल चलाकर बिहार जा रहे मजदूर.

बिहार से मध्यप्रदेश कमाने के उद्देश्य गए मजदूरों की कंपनी बंद होने से खाने रहने की समस्या होने लगी. जिसके बाद इन्होंने घर से पैसा मंगा कर नई साइकिल खरीदी और अपने घर के लिए निकल पड़े. ये मजदूर कुछ कपड़े और सामान साइकिल के पीछे बांधकर 4 घंटा सुबह और 4 घंटा शाम के साथ रात में भी साइकिल चलाकर मिर्जापुर पहुंचे हैं. ये सभी 23 अप्रैल को ही मध्य प्रदेश के धूलिया से निकले हैं. इस दौरान वे कभी खाना खाकर तो कभी बिना खाए ही सफर तय कर रहे हैं.

मजदूरों से बातचीत करते संवाददाता.

मजदूरों का कहना है कि, 'हम लोग मध्य प्रदेश के धूलिया काम करने गए थे. 15 दिन काम किए. इसके बाद लॉकडाउन हो गया. कंपनी मालिक ने पैसा देना बन्द कर दिया और कमरा छोड़ने को कहा. पैसा न होने के कारण हमें न तो खाना मिल पा रहा था और न रहने की सुविधा मिल रही थी. फिर हम लोगों ने घरवालों से सारी बात बताई. घरवालों से पैसा मंगाकर नई साइकिल खरीदकर अब हम लोग बिहार अपने घर जा रहे हैं.'

मिर्जापुर: सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ाई जा रही धज्जियां, डर के साए में काम कर रहे रेलवे कर्मचारी

उन्होंने बताया कि वे 23 अप्रैल से धूलिया से निकले हैं. 4 घंटे सुबह और 4 घंटे शाम साइकिल चलाते हैं. रात में भी कभी-कभी साइकिल चला लेते हैं. कोई कुछ दे देता है तो खा लेते हैं. उम्मीद है कि दो-चार दिन में वे लोग अपने घर पहुंच जाएंगे.

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laborers going from madhya pradesh to bihar
मध्यप्रदेश से साइकिल चलाकर बिहार जा रहे मजदूर.

बिहार से मध्यप्रदेश कमाने के उद्देश्य गए मजदूरों की कंपनी बंद होने से खाने रहने की समस्या होने लगी. जिसके बाद इन्होंने घर से पैसा मंगा कर नई साइकिल खरीदी और अपने घर के लिए निकल पड़े. ये मजदूर कुछ कपड़े और सामान साइकिल के पीछे बांधकर 4 घंटा सुबह और 4 घंटा शाम के साथ रात में भी साइकिल चलाकर मिर्जापुर पहुंचे हैं. ये सभी 23 अप्रैल को ही मध्य प्रदेश के धूलिया से निकले हैं. इस दौरान वे कभी खाना खाकर तो कभी बिना खाए ही सफर तय कर रहे हैं.

मजदूरों से बातचीत करते संवाददाता.

मजदूरों का कहना है कि, 'हम लोग मध्य प्रदेश के धूलिया काम करने गए थे. 15 दिन काम किए. इसके बाद लॉकडाउन हो गया. कंपनी मालिक ने पैसा देना बन्द कर दिया और कमरा छोड़ने को कहा. पैसा न होने के कारण हमें न तो खाना मिल पा रहा था और न रहने की सुविधा मिल रही थी. फिर हम लोगों ने घरवालों से सारी बात बताई. घरवालों से पैसा मंगाकर नई साइकिल खरीदकर अब हम लोग बिहार अपने घर जा रहे हैं.'

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उन्होंने बताया कि वे 23 अप्रैल से धूलिया से निकले हैं. 4 घंटे सुबह और 4 घंटे शाम साइकिल चलाते हैं. रात में भी कभी-कभी साइकिल चला लेते हैं. कोई कुछ दे देता है तो खा लेते हैं. उम्मीद है कि दो-चार दिन में वे लोग अपने घर पहुंच जाएंगे.

Last Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST
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