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पंचायत चुनाव: 5 साल पूरा और काम अधूरा, देखिए ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट - सिटी ब्लॉक

उत्तर प्रदेश में इन दिनों पंचायत चुनाव की सरगर्मी जोरों पर है. ऐसे में पिछले पांच सालों में गांव की सरकार ने अपने क्षेत्र में कितना विकास किया है, इस बाबत ईटीवी भारत ने मिर्जापुर के एक गांव में जाकर ग्राउंड जीरो से रिपोर्टिंग की.

गांव से ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट
गांव से ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट
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Published : Apr 10, 2021, 10:28 PM IST

मिर्जापुर: पांच साल पूरे, विकास अधूरे पंचायत चुनाव को लेकर मिर्जापुर जिले में सरगर्मियां तेज हो गई हैं. पंचायत चुनाव के उम्मीदवार अपने पक्ष में मतदान के लिए गांव-गांव जनता को रिझाने में जुटे हुए हैं, लेकिन बात अगर गांव के विकास की करें तो ज्यादातर गांव में हालात जस के तस हैं. आज भी लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. तमाम योजनाएं आती हैं, लेकिन उन योजनाओं का लाभ गरीब जनता तक नहीं पहुंच पाता है.

गांव से ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट

कागजों पर हुआ विकास

जिले के सिटी ब्लॉक के अधिकतर गांवों में विकास सिर्फ कागजों में हुआ है, धरातल पर इसकी कोई निशानी नहीं है. शादीबनकट गोपालपुर गांव के वाशिंदे अब भी बुनियादी जरूरतों के लिए परेशान हैं. पंचायत चुनाव को पांच साल हो गए, लेकिन अभी तक इनके गांव में विकास की किरणें नहीं पहुंची हैं. कागजी दावों पर लाखों खर्च हुए, लेकिन विकास कार्यों के नाम पर कहीं सड़क अधूरी तो कहीं हैंडपंप में पानी नहीं है. वहीं, गांव को जोड़ने वाली सड़कें अभी भी खस्ताहाल हैं.

इसे भी पढ़ें:शहीद रवि सिंह की मां को BJP ने बनाया जिला पंचायत सदस्य पद का प्रत्याशी

ग्राउंड जीरो पर पहुंचा ईटीवी भारत

शादीबनकट गोपालपुर में पिछले 5 सालों से समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं. ईटीवी भारत ने जब यहां के ग्रामीणों से बात की तो लोगों ने बताया कि गांव में सड़क, पानी और स्वास्थ्य की सुविधाएं नहीं हैं. टूटी-फूटी सड़कों पर गांव वाले आने-जाने को विवश हैं. सबसे ज्यादा समस्या बरसात के मौसम में होती है. यहां पर जलनिकासी के लिए कोई खास व्यवस्था नहीं है. इसके अलावा न नाली है, न खड़ंजा है जिसकी वजह से सड़कों पर पानी भरा रहता है. कीचड़ से आने-जाने को लोग मजबूर होते हैं.

ग्रामीणों का आरोप

ग्रामीणों का आरोप है कि पिछले 5 साल के कार्यकाल में गांव के विकास के लिए कुछ नहीं किया गया है. विकास क्या होता है यह गांव वाले जानते तक नहीं हैं. स्वास्थ्य की कोई सुविधा न होने से छोटी सी भी परेशानी होने पर गांव से निकलकर हाई-वे तक जाना पड़ता है. गांव बड़ा होने के चलते गोपालपुर मौजे में तो पंचायत भवन बना हुआ है, लेकिन शादी बनकट में पंचायत भवन न होने से गांव वालों को परेशानी होती है. ग्रामीणों ने कहा कि इस बार चुनाव में उसी को चुना जाएगा जो हमारे गांव का विकास करेगा.

मिर्जापुर: पांच साल पूरे, विकास अधूरे पंचायत चुनाव को लेकर मिर्जापुर जिले में सरगर्मियां तेज हो गई हैं. पंचायत चुनाव के उम्मीदवार अपने पक्ष में मतदान के लिए गांव-गांव जनता को रिझाने में जुटे हुए हैं, लेकिन बात अगर गांव के विकास की करें तो ज्यादातर गांव में हालात जस के तस हैं. आज भी लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. तमाम योजनाएं आती हैं, लेकिन उन योजनाओं का लाभ गरीब जनता तक नहीं पहुंच पाता है.

गांव से ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट

कागजों पर हुआ विकास

जिले के सिटी ब्लॉक के अधिकतर गांवों में विकास सिर्फ कागजों में हुआ है, धरातल पर इसकी कोई निशानी नहीं है. शादीबनकट गोपालपुर गांव के वाशिंदे अब भी बुनियादी जरूरतों के लिए परेशान हैं. पंचायत चुनाव को पांच साल हो गए, लेकिन अभी तक इनके गांव में विकास की किरणें नहीं पहुंची हैं. कागजी दावों पर लाखों खर्च हुए, लेकिन विकास कार्यों के नाम पर कहीं सड़क अधूरी तो कहीं हैंडपंप में पानी नहीं है. वहीं, गांव को जोड़ने वाली सड़कें अभी भी खस्ताहाल हैं.

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ग्राउंड जीरो पर पहुंचा ईटीवी भारत

शादीबनकट गोपालपुर में पिछले 5 सालों से समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं. ईटीवी भारत ने जब यहां के ग्रामीणों से बात की तो लोगों ने बताया कि गांव में सड़क, पानी और स्वास्थ्य की सुविधाएं नहीं हैं. टूटी-फूटी सड़कों पर गांव वाले आने-जाने को विवश हैं. सबसे ज्यादा समस्या बरसात के मौसम में होती है. यहां पर जलनिकासी के लिए कोई खास व्यवस्था नहीं है. इसके अलावा न नाली है, न खड़ंजा है जिसकी वजह से सड़कों पर पानी भरा रहता है. कीचड़ से आने-जाने को लोग मजबूर होते हैं.

ग्रामीणों का आरोप

ग्रामीणों का आरोप है कि पिछले 5 साल के कार्यकाल में गांव के विकास के लिए कुछ नहीं किया गया है. विकास क्या होता है यह गांव वाले जानते तक नहीं हैं. स्वास्थ्य की कोई सुविधा न होने से छोटी सी भी परेशानी होने पर गांव से निकलकर हाई-वे तक जाना पड़ता है. गांव बड़ा होने के चलते गोपालपुर मौजे में तो पंचायत भवन बना हुआ है, लेकिन शादी बनकट में पंचायत भवन न होने से गांव वालों को परेशानी होती है. ग्रामीणों ने कहा कि इस बार चुनाव में उसी को चुना जाएगा जो हमारे गांव का विकास करेगा.

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