मिर्जापुर: जिले में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब सिंचाई के लिए कराई गई बोरिंग से ज्वलनशील गैस निकलने लगी. सिंचाई करने पहुंचे किसान ने पुष्टि के लिए जलती हुई माचिस की तिली बोरिंग की पाइप में डाली तो आग जल उठी. इसके बाद किसान ने पुलिस को सूचित किया. सूचना पर पहुंची पुलिस ने बोरिंग के पास जाने से लोगों को मना कर दिया है. बता दें कि इस तरह की घटनाएं जिले में पहले भी हो चुकी हैं.
दरअसल मड़िहान तहसील अंतर्गत खोरिया गांव निवासी किसान तारकेश्वर पाल ने खेती की सिंचाई करने के लिए 450 फिट गहरी बोरिंग कराई थी. बोरिंग के बाद उसमें पाइप भी डाली गई और फिर उसमें पानी निकालने के लिए सबमर्सिबल पंप डाला गया है. खेत की सिंचाई पहुंचे तारकेश्वर पाल को गैस की गंध महसूस हुई. गैस की पुष्टि करने के लिए किसान ने पाइप के पास जलती हुई माचिस की तिली लगाई तो आग जल उठी. इसके बाद किसान ने इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दी. मौके पर पहुंचे अहरौरा थाना प्रभारी अजित श्रीवास्तव ने निरीक्षण किया और ग्रामीणों को बोरिंग से दूर रहने की हिदायत दी.
किसान तारकेश्वर पाल ने ने बताया कि हमेशा गैस नहीं निकलती है. जब समरसेबल को चालू करते हैं तो उस दौरान कुछ देर के लिए गैस निकलती है. समरसेबल चालू होने के बाद गैस नहीं निकलती. किसान ने बताया कि गैस की गंध महसूस होने पर उसने माचिस की तिली जलाकर पाइप में डाला तो आग जल उठी.
बता दें कि मिर्जापुर जिले के लालगंज, राजगढ़ और पटेहरा विकास खंड का अधिकांश हिस्सा पठारी होने के कारण वाटर लेबल नीचे है. इसलिए किसानों को खेती की सिंचाई कराने के लिए गहरी बोरिंग करानी पड़ती है. जानकारों के अनुसार जमीन के अंदर प्राकृतिक मीथेन गैस होती है. जब जमीन की गहराई तक खुदाई की जाती है तो मीथेन गैस निकलने लगती है. यदि गैस निकलने के दौरान कोई आग दिखाए तो लपटें उठने लगती हैं. हालांकि गैस का प्रभाव खत्म होते ही आग बुझ जाती है.
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बता दें कि जिले में बोरिंग की पाइप से गैस निकलना आम बात है. लेकिन जब भी गैस निकलने की जानकीरी फैलती हो तो लोगों में कौतूहल का विषय बन जाता है. इसके पहले भी कई जगह बोरिंग से गैस और आग लगने के मामले सामने आ चुके हैं. गैस निकलने की सच्चाई जानने के लिए IOC से एक दो बार टीम भी आकर जांच करके गई है. लेकिन अभी तक कोई रिपोर्ट नहीं आई है.