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मिर्जापुर: नक्सल प्रभावित इलाके में औद्योगिक प्रशिक्षण से आत्मनिर्भर हो रहे छात्र

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में तथागत औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में आदिवासी समाज के लोगों को मुफ्त प्रशिक्षण दिया जा रहा है. यहां पर छात्रों को मुफ्त शिक्षा देने के साथ ही मारुति सुजुकी के साथ टाईअप करके जॉब भी मुहैया कराई जा रही है.

निशुल्क प्रशिक्षण.
निशुल्क प्रशिक्षण.
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Published : Oct 5, 2020, 12:16 PM IST

मिर्जापुर: नक्सल प्रभावित इलाके में चल रहा तथागत औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान ज्ञान का ऐसा अनोखा केंद्र है, जहां पर गरीब आदिवासी लोगों के बच्चों, लड़कियों और विधवा महिलाओं को निशुल्क प्रशिक्षण देकर शिक्षा की अलख जगाई जा रही है. इतना ही नहीं बल्कि मारुति सुजुकी गुरुग्राम में जॉब भी मुहैया करा रही है. यह ऐसे बच्चे हैं जिनका बचपन बिना स्कूल के ही बीत जाता था. स्कूल या शिक्षा से दूर तक इनका कोई सरोकार नहीं था. इन बच्चों को शिक्षित कर उनका जीवन संवारने और आत्मनिर्भर बनाने का काम यहां किया जा रहा है.

नक्सल प्रभावित इलाके में दिया जा रहा निशुल्क प्रशिक्षण.

पिछड़े आदिवासी बच्चों के लिए बना वरदान

जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर मिर्जापुर-सोनभद्र के मध्य मड़िहान तहसील के पास दादरा पहाड़ी गांव में चलने वाला तथागत औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान नक्सल प्रभावित इलाके के पिछड़े आदिवासियों लड़कियों और विडो महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रहा है. यह संभव हुआ है पूर्व आईएएस एनपी सिंह की सोच के चलते. जिन्होंने नक्सल प्रभावित क्षेत्र, जहां पर बच्चे बचपन में किसी तरह थोड़ी बहुत स्कूल की तो शिक्षा हासिल कर लेते थे, मगर हायर एजुकेशन नहीं कर पाते थे और न ही कोई जॉब करता था. अब इन बच्चों को तथागत औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थागत में निशुल्क में शिक्षा दिलवा कर इन्हें आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास कर रहे हैं.

यहां सभी बैच के लिए अलग-अलग टीचर पढ़ाते हैं. बच्चों का फिंगर अटेंडेंस लगाया जाता है. इस संस्थागत आईटीआई में दो ट्रेड चलता है- फिटर और इलेक्ट्रॉनिक. हर ट्रेड में 40-40 बच्चों का बैच है. सभी को प्रशिक्षण देने के बाद मारुति सुजुकी कंपनी इंटरव्यू और परीक्षा लेता है. फिर इन्हें गुरुग्राम में इंटर्न और नौकरी दी जाती है.

चार साल से चल रहा संस्थान

2016 से यह संस्थान चल रहा है और अभी तक 350 बच्चों को इंटर्न कराया गया है. वहीं 150 बच्चे जॉब कर रहे हैं. यह जनपद का पहला आईटीआई विद्यालय है, जो मारुति सुजुकी से टाईअप है. मारुति प्रतिनिधि भी यहां पर बैठते हैं. यहां पर बच्चों को परफेक्ट प्रशिक्षण दिलाने के बाद सत प्रतिशत जॉब देने की कोशिश की जा रही है.

बच्चों ने जताई खुशी

बता दें कि मड़िहान तहसील का राजगढ़ ब्लाक नक्सल प्रभावित अति पिछड़ा क्षेत्र है, यहां के आदिवासी बच्चे और गरीब परिवार के बच्चों को हायर एजुकेशन दिलाना बहुत मुश्किल होता है. संस्थान में पढ़ रहे बच्चों ने बताया कि यहां पर हम लोगों को निशुल्क शिक्षा दी जा रही है. दो वर्ष की फीस 36000 रुपये होती है. छात्रों का कहना है कि अच्छी पढ़ाई करा कर हम लोगों को मारुति सुजुकी इंटरव्यू परीक्षा लेता है, उसके बाद जॉब मुहैया कराता है. हमारे अभिभावकों का 36000 रुपया बच जा रहा है नहीं तो हम लोगों की पढ़ाई भी संभव न हो पाती. उनका कहना है कि इस कॉलेज में हमें सारी सुविधाएं दी जा रही हैं.

मिर्जापुर: नक्सल प्रभावित इलाके में चल रहा तथागत औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान ज्ञान का ऐसा अनोखा केंद्र है, जहां पर गरीब आदिवासी लोगों के बच्चों, लड़कियों और विधवा महिलाओं को निशुल्क प्रशिक्षण देकर शिक्षा की अलख जगाई जा रही है. इतना ही नहीं बल्कि मारुति सुजुकी गुरुग्राम में जॉब भी मुहैया करा रही है. यह ऐसे बच्चे हैं जिनका बचपन बिना स्कूल के ही बीत जाता था. स्कूल या शिक्षा से दूर तक इनका कोई सरोकार नहीं था. इन बच्चों को शिक्षित कर उनका जीवन संवारने और आत्मनिर्भर बनाने का काम यहां किया जा रहा है.

नक्सल प्रभावित इलाके में दिया जा रहा निशुल्क प्रशिक्षण.

पिछड़े आदिवासी बच्चों के लिए बना वरदान

जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर मिर्जापुर-सोनभद्र के मध्य मड़िहान तहसील के पास दादरा पहाड़ी गांव में चलने वाला तथागत औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान नक्सल प्रभावित इलाके के पिछड़े आदिवासियों लड़कियों और विडो महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रहा है. यह संभव हुआ है पूर्व आईएएस एनपी सिंह की सोच के चलते. जिन्होंने नक्सल प्रभावित क्षेत्र, जहां पर बच्चे बचपन में किसी तरह थोड़ी बहुत स्कूल की तो शिक्षा हासिल कर लेते थे, मगर हायर एजुकेशन नहीं कर पाते थे और न ही कोई जॉब करता था. अब इन बच्चों को तथागत औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थागत में निशुल्क में शिक्षा दिलवा कर इन्हें आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास कर रहे हैं.

यहां सभी बैच के लिए अलग-अलग टीचर पढ़ाते हैं. बच्चों का फिंगर अटेंडेंस लगाया जाता है. इस संस्थागत आईटीआई में दो ट्रेड चलता है- फिटर और इलेक्ट्रॉनिक. हर ट्रेड में 40-40 बच्चों का बैच है. सभी को प्रशिक्षण देने के बाद मारुति सुजुकी कंपनी इंटरव्यू और परीक्षा लेता है. फिर इन्हें गुरुग्राम में इंटर्न और नौकरी दी जाती है.

चार साल से चल रहा संस्थान

2016 से यह संस्थान चल रहा है और अभी तक 350 बच्चों को इंटर्न कराया गया है. वहीं 150 बच्चे जॉब कर रहे हैं. यह जनपद का पहला आईटीआई विद्यालय है, जो मारुति सुजुकी से टाईअप है. मारुति प्रतिनिधि भी यहां पर बैठते हैं. यहां पर बच्चों को परफेक्ट प्रशिक्षण दिलाने के बाद सत प्रतिशत जॉब देने की कोशिश की जा रही है.

बच्चों ने जताई खुशी

बता दें कि मड़िहान तहसील का राजगढ़ ब्लाक नक्सल प्रभावित अति पिछड़ा क्षेत्र है, यहां के आदिवासी बच्चे और गरीब परिवार के बच्चों को हायर एजुकेशन दिलाना बहुत मुश्किल होता है. संस्थान में पढ़ रहे बच्चों ने बताया कि यहां पर हम लोगों को निशुल्क शिक्षा दी जा रही है. दो वर्ष की फीस 36000 रुपये होती है. छात्रों का कहना है कि अच्छी पढ़ाई करा कर हम लोगों को मारुति सुजुकी इंटरव्यू परीक्षा लेता है, उसके बाद जॉब मुहैया कराता है. हमारे अभिभावकों का 36000 रुपया बच जा रहा है नहीं तो हम लोगों की पढ़ाई भी संभव न हो पाती. उनका कहना है कि इस कॉलेज में हमें सारी सुविधाएं दी जा रही हैं.

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