मिर्जापुर: आरटीओ कार्यालय में शुक्रवार को अचानक उप जिलाधिकारी और खाद सुरक्षा अधिकारी की छापेमारी से हड़कंप मच गया. इस दौरान 5 दलालों को पकड़ा गया. जिला प्रशासन को काफी दिनों से शिकायत मिल रही थी कि आरटीओ कार्यालय में दलालों का कब्जा है. बिना दलाल की सहायता से यहां लाइसेंस नहीं बन पाता. लाइसेंस बनवाने के एवज में दलाल लोगों से अच्छी-खासी रकम वसूल करते हैं. डीएम के निर्देश पर छापेमारी कर दलालों को गिरफ्तार कर लिया गया.
डीएम को मिली थी शिकायत
मिर्जापुर स्थित आरटीओ कार्यालय में समय-समय पर छापेमारी की कार्रवाई की जाती रही है, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है जब डीएम ने दो सदस्यीय टीम बनाकर औचक निरीक्षण करने का निर्देश दिया. दरअसल डीएम सुशील कुमार पटेल को शिकायत मिली थी कि आरटीओ कार्यालय में बिचौलियों द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस और अन्य कार्य कराए जा रहे हैं. इसको देखते हुए डीएम ने उप जिलाधिकारी अमित कुमार शुक्ला और खाद सुरक्षा अधिकारी अकाश दुबे को एआरटीओ कार्यालय के आकस्मिक निरीक्षण का निर्देश दिया, जहां अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान एआरटीओ रवि कांत शुक्ला उपस्थित पाये गए. निरीक्षण के दौरान अमित कुमार शुक्ला ने उपस्थित लोगों से पूछताछ की तो उन्हें बताया गया कि पैसे देने पर बिचौलियों द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस जल्दी बन जाता है. अन्यथा औपचारिकताओं को पूर्ण करने के नाम पर कई दिन तक कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते हैं.
पांच बिचौलियों को किया पुलिस के हवाले
आरटीओ कार्यालय के अंदर और बाहर बिचौलियों का जमावड़ा भी पाया गया. उनमें से 5 बिचौलियों को मौके पर पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया गया. बिचौलियों के पकड़े जाने के बाद आरटीओ कार्यालय में हड़कंप मच गया. पुलिस पकड़े गए बिचौलियों से पूछताछ कर रही है. वहीं निरीक्षण के दौरान आरटीओ कार्यालय में 2 कर्मचारी और 2 होम गार्ड भी अनुपस्थित पाए गए. बता दें कि आरटीओ कार्यालय में कुल 18 कर्मचारी और 4 होमगार्ड तैनात हैं.
डीएम को सौंपी रिपोर्ट
उप जिलाधिकारी अमित शुक्ला जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी आकाश दुबे द्वारा औचक निरीक्षण की रिपोर्ट डीएम को सौंप दी गई है. अब देखना यह होगा इन बिचौलियों के खिलाफ कार्रवाई से आरटीओ कार्यालय में दलालों के बोलबाला से निजात मिलता है या नहीं.