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ऐप के जरिए मिलेगा वाहनों का फिटनेस सर्टिफिकेट, रुकेगा फर्जीवाड़ा

मिर्जापुर में वाहनों के फिटनेस में हो रहे फर्जीवाड़े पर रोक लगाने के लिए परिवहन विभाग एम वाहन ऐप से अब वाहनों का फिटनेस पत्र जारी कर रहा है. नई व्यवस्था के तहत वाहनों को मौके पर आना अनिवार्य किया गया है.

एम वाहन ऐप की व्यवस्था
एम वाहन ऐप की व्यवस्था
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Published : Jan 20, 2021, 5:00 PM IST

मिर्जापुर: वाहनों का फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने के लिए बुधवार से मिर्जापुर परिवहन कार्यालय में नई व्यवस्था लागू हो गई है. वाहनों की फिटनेस जांच अब एम वाहन ऐप से की जा रही है. नई व्यवस्था के तहत वाहनों का मौके पर आना अनिवार्य किया गया है. मोबाइल से वाहनों का 6 एंगल से तस्वीरें लेकर अपलोड करना होगा. यह ऐप केवल परिवहन कार्यालय से 500 मीटर दूरी तक काम करेगा. एम वाहन ऐप के इस्तेमाल से फर्जीवाड़े पर रोक लग सकेगी.

ऐप के इस्तेमाल से दूर होगा फर्जीवाड़ा
ऐप से बनेगा फिटनेस सर्टिफिकेट

वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने में हो रहे फर्जीवाड़े पर रोक लगाने के लिए परिवहन विभाग एम वाहन ऐप से अब वाहनों का फिटनेस प्रमाण पत्र जारी कर रहा है. मिर्जापुर में बुधवार से परिवहन कार्यालय में ऐप के माध्यम से वाहनों का सही विवरण दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. यह ऐप कार्यालय से 500 मीटर की रेंज में कार्य करेगा. इस रेंज में वाहन के आते ही ऐप एक्टिव हो जाएगा, जिससे आरआई को पता चल जाएगा कि वाहन कार्यालय के पास आ गया है. आरआई मौके पर जाएंगे और वाहन का 6 एंगल से फोटो खींचकर मोबाइल से अपलोड कर देंगे. इसके बाद वाहन का फिटनेस पत्र तैयार हो जाएगा.

फर्जीवाड़े पर लगेगी रोक

किसी वाहन के फिटनेस के लिए परिवहन विभाग में फिटनेस फीस जमा करने का बाद एक तारीख दी जाती है, जिस पर वाहन को संभागीय परिवहन कार्यालय में लाना अनिवार्य होता है. मगर फिटनेस के लिए विभाग के बाबू और बिचौलियों की मिलीभगत से कई बार बिना वाहन लाए ही फिटनेस दे दिए जाने का आरोप लगता था. अधिकारियों को इसकी जानकारी तक नहीं हो पाती थी. अब एम वाहन ऐप के माध्यम से वाहनों के फिटनेस का कार्य किया जा रहा है. इससे काम आसान होगा और बिना वाहन कार्यालय लाए फिटनेस जारी नहीं हो पाएगा.


6 एंगल से लिया गया फोटो

आरआई ओ पी सिंह ने बताया कि सड़क सुरक्षा में कमी लाने के लिए एम वाहन ऐप से वाहनों का फिटनेस सर्टिफिकेट देना शुरू किया गया है. पहले चरण में कानपुर नगर, आगरा, मेरठ, वाराणसी और बिजनौर में शुरू किया गया था. द्वितीय चरण में अयोध्या, बरेली, सहारनपुर, झांसी और मिर्जापुर से शुरू हो गया है. संभागीय कार्यालय पहुंचते ही वाहनों का 6 एंगल से फोटो लिया जा रहा है. पहले बैकसाइड से, फिर फ्रंट साइड से, फिर राइट और लेफ्ट साइड से. इसके बाद चेसिस नंबर और बेड डिस्बोर्ड लेने के बाद मोबाइल से अपलोड कर दिया जा रहा है. इसके बाद वाहन मालिकों को फिटनेस दिया जा रहा है. पहले वाहन मालिक दबाव बनाते थे लेकिन अब वाहन मालिक एम वाहन ऐप आने के बाद ऐसा नहीं कर पाएंगे. उनको गाड़ी कार्यालय लाना अनिवार्य होगा. साथ ही गाड़ी पूरी तरह से सुरक्षित और सही होनी चाहिए, तभी फिटनेस के लिए फोटो लेकर अपलोड किया जाएगा. अन्यथा गाड़ी को सही कराने के लिए दोबारा भेजा जाएगा ताकि गाड़ी सही रहने से दुर्घटनाओं में कमी आएगी.

मिर्जापुर: वाहनों का फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने के लिए बुधवार से मिर्जापुर परिवहन कार्यालय में नई व्यवस्था लागू हो गई है. वाहनों की फिटनेस जांच अब एम वाहन ऐप से की जा रही है. नई व्यवस्था के तहत वाहनों का मौके पर आना अनिवार्य किया गया है. मोबाइल से वाहनों का 6 एंगल से तस्वीरें लेकर अपलोड करना होगा. यह ऐप केवल परिवहन कार्यालय से 500 मीटर दूरी तक काम करेगा. एम वाहन ऐप के इस्तेमाल से फर्जीवाड़े पर रोक लग सकेगी.

ऐप के इस्तेमाल से दूर होगा फर्जीवाड़ा
ऐप से बनेगा फिटनेस सर्टिफिकेट

वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने में हो रहे फर्जीवाड़े पर रोक लगाने के लिए परिवहन विभाग एम वाहन ऐप से अब वाहनों का फिटनेस प्रमाण पत्र जारी कर रहा है. मिर्जापुर में बुधवार से परिवहन कार्यालय में ऐप के माध्यम से वाहनों का सही विवरण दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. यह ऐप कार्यालय से 500 मीटर की रेंज में कार्य करेगा. इस रेंज में वाहन के आते ही ऐप एक्टिव हो जाएगा, जिससे आरआई को पता चल जाएगा कि वाहन कार्यालय के पास आ गया है. आरआई मौके पर जाएंगे और वाहन का 6 एंगल से फोटो खींचकर मोबाइल से अपलोड कर देंगे. इसके बाद वाहन का फिटनेस पत्र तैयार हो जाएगा.

फर्जीवाड़े पर लगेगी रोक

किसी वाहन के फिटनेस के लिए परिवहन विभाग में फिटनेस फीस जमा करने का बाद एक तारीख दी जाती है, जिस पर वाहन को संभागीय परिवहन कार्यालय में लाना अनिवार्य होता है. मगर फिटनेस के लिए विभाग के बाबू और बिचौलियों की मिलीभगत से कई बार बिना वाहन लाए ही फिटनेस दे दिए जाने का आरोप लगता था. अधिकारियों को इसकी जानकारी तक नहीं हो पाती थी. अब एम वाहन ऐप के माध्यम से वाहनों के फिटनेस का कार्य किया जा रहा है. इससे काम आसान होगा और बिना वाहन कार्यालय लाए फिटनेस जारी नहीं हो पाएगा.


6 एंगल से लिया गया फोटो

आरआई ओ पी सिंह ने बताया कि सड़क सुरक्षा में कमी लाने के लिए एम वाहन ऐप से वाहनों का फिटनेस सर्टिफिकेट देना शुरू किया गया है. पहले चरण में कानपुर नगर, आगरा, मेरठ, वाराणसी और बिजनौर में शुरू किया गया था. द्वितीय चरण में अयोध्या, बरेली, सहारनपुर, झांसी और मिर्जापुर से शुरू हो गया है. संभागीय कार्यालय पहुंचते ही वाहनों का 6 एंगल से फोटो लिया जा रहा है. पहले बैकसाइड से, फिर फ्रंट साइड से, फिर राइट और लेफ्ट साइड से. इसके बाद चेसिस नंबर और बेड डिस्बोर्ड लेने के बाद मोबाइल से अपलोड कर दिया जा रहा है. इसके बाद वाहन मालिकों को फिटनेस दिया जा रहा है. पहले वाहन मालिक दबाव बनाते थे लेकिन अब वाहन मालिक एम वाहन ऐप आने के बाद ऐसा नहीं कर पाएंगे. उनको गाड़ी कार्यालय लाना अनिवार्य होगा. साथ ही गाड़ी पूरी तरह से सुरक्षित और सही होनी चाहिए, तभी फिटनेस के लिए फोटो लेकर अपलोड किया जाएगा. अन्यथा गाड़ी को सही कराने के लिए दोबारा भेजा जाएगा ताकि गाड़ी सही रहने से दुर्घटनाओं में कमी आएगी.

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