मिर्जापुर : आज हमारे देश की महिलाएं हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रहीं हैं. लेकिन वर्तमान में 543 संसदीय सीट पर केवल 63 महिला सांसद हैं और यह आंकड़ा काफी चिंतित करने वाला है. लेकिन बात अगर मिर्जापुर की करें तो यहां से तीन बार महिला सांसद चुनकर लोकसभा में पहुंची हैं.
महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए राजनीतिक दलों की ओर से हर बार आवाज बुलंद की जाती है. लेकिन राजनीति के क्षेत्र में इनकी उपेक्षा किसी से छुपी नहीं है. लेकिन बात अगर मिर्ज़ापुर संसदीय क्षेत्र की बात करे तो यहां से जो भी महिला प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरी. उसका यहां की जनता ने पूरे दिल से स्वागत किया.
1996 में दस्यु सुंदरी फूलन देवी समाजवादी पार्टी के टिकट पर यहां से चुनावी रण में उतरीं और मिर्जापुर की पहली महिला सांसद बनीं. लेकिन 1998 में भाजपा के बिरेंदर सिंह ने सपा की फूलन देवी को हरा दिया था. वहीं 1999 में हुए चुनाव में फूलन देवी ने फिर से बिरेंदर सिंह को हराकर अपनी हार का बदला ले लिया था.
मोदी लहर के चलते 2014 में अपना दल और भारतीय जनता पार्टी गठबंधन से अनुप्रिया पटेल ने भारी मतों से जीत दर्ज की और स्वास्थ्य राज्य मंत्री बनीं और इस बार फिर से 2019 में भाजपा अपना दल (एस) के गठबंधन की प्रत्याशी हैं.
वहीं वरिष्ठ पत्रकार सलिल पांडेय का कहना है कि यहां पर महिलाओं को मां विंध्यवासिनी का आशीर्वाद प्राप्त है. इसीलिए जो भी महिला प्रत्याशी यहां सच्चे दिल से चुनावी मैदान में उतरती है, मां उसे जरूर सफलता दिलाती हैं.