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मिर्जापुर में महिला प्रत्याशियों को प्राप्त है मां विंध्यवासिनी का आर्शीवाद

मिर्जापुर में इस बार फिर से अपना दल और भारतीय जनता पार्टी के गठबंधन से अनुप्रिया पटेल चुनावी रण में उतरी हैं. लोगों का कहना है कि इस बार भी उनका जीतना लगभग तय है क्योंकि यहां की महिला प्रत्याशियों को मां विंध्यवासिनी का आर्शीवाद प्राप्त है.

महिलाओं को मां विंध्यवासिनी का आशीर्वाद
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Published : Mar 27, 2019, 12:16 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST

मिर्जापुर : आज हमारे देश की महिलाएं हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रहीं हैं. लेकिन वर्तमान में 543 संसदीय सीट पर केवल 63 महिला सांसद हैं और यह आंकड़ा काफी चिंतित करने वाला है. लेकिन बात अगर मिर्जापुर की करें तो यहां से तीन बार महिला सांसद चुनकर लोकसभा में पहुंची हैं.

महिला प्रत्याशियों को प्राप्त है मां विंध्यवासिनी का आशीर्वाद.

महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए राजनीतिक दलों की ओर से हर बार आवाज बुलंद की जाती है. लेकिन राजनीति के क्षेत्र में इनकी उपेक्षा किसी से छुपी नहीं है. लेकिन बात अगर मिर्ज़ापुर संसदीय क्षेत्र की बात करे तो यहां से जो भी महिला प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरी. उसका यहां की जनता ने पूरे दिल से स्वागत किया.

1996 में दस्यु सुंदरी फूलन देवी समाजवादी पार्टी के टिकट पर यहां से चुनावी रण में उतरीं और मिर्जापुर की पहली महिला सांसद बनीं. लेकिन 1998 में भाजपा के बिरेंदर सिंह ने सपा की फूलन देवी को हरा दिया था. वहीं 1999 में हुए चुनाव में फूलन देवी ने फिर से बिरेंदर सिंह को हराकर अपनी हार का बदला ले लिया था.

मोदी लहर के चलते 2014 में अपना दल और भारतीय जनता पार्टी गठबंधन से अनुप्रिया पटेल ने भारी मतों से जीत दर्ज की और स्वास्थ्य राज्य मंत्री बनीं और इस बार फिर से 2019 में भाजपा अपना दल (एस) के गठबंधन की प्रत्याशी हैं.

वहीं वरिष्ठ पत्रकार सलिल पांडेय का कहना है कि यहां पर महिलाओं को मां विंध्यवासिनी का आशीर्वाद प्राप्त है. इसीलिए जो भी महिला प्रत्याशी यहां सच्चे दिल से चुनावी मैदान में उतरती है, मां उसे जरूर सफलता दिलाती हैं.

मिर्जापुर : आज हमारे देश की महिलाएं हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रहीं हैं. लेकिन वर्तमान में 543 संसदीय सीट पर केवल 63 महिला सांसद हैं और यह आंकड़ा काफी चिंतित करने वाला है. लेकिन बात अगर मिर्जापुर की करें तो यहां से तीन बार महिला सांसद चुनकर लोकसभा में पहुंची हैं.

महिला प्रत्याशियों को प्राप्त है मां विंध्यवासिनी का आशीर्वाद.

महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए राजनीतिक दलों की ओर से हर बार आवाज बुलंद की जाती है. लेकिन राजनीति के क्षेत्र में इनकी उपेक्षा किसी से छुपी नहीं है. लेकिन बात अगर मिर्ज़ापुर संसदीय क्षेत्र की बात करे तो यहां से जो भी महिला प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरी. उसका यहां की जनता ने पूरे दिल से स्वागत किया.

1996 में दस्यु सुंदरी फूलन देवी समाजवादी पार्टी के टिकट पर यहां से चुनावी रण में उतरीं और मिर्जापुर की पहली महिला सांसद बनीं. लेकिन 1998 में भाजपा के बिरेंदर सिंह ने सपा की फूलन देवी को हरा दिया था. वहीं 1999 में हुए चुनाव में फूलन देवी ने फिर से बिरेंदर सिंह को हराकर अपनी हार का बदला ले लिया था.

मोदी लहर के चलते 2014 में अपना दल और भारतीय जनता पार्टी गठबंधन से अनुप्रिया पटेल ने भारी मतों से जीत दर्ज की और स्वास्थ्य राज्य मंत्री बनीं और इस बार फिर से 2019 में भाजपा अपना दल (एस) के गठबंधन की प्रत्याशी हैं.

वहीं वरिष्ठ पत्रकार सलिल पांडेय का कहना है कि यहां पर महिलाओं को मां विंध्यवासिनी का आशीर्वाद प्राप्त है. इसीलिए जो भी महिला प्रत्याशी यहां सच्चे दिल से चुनावी मैदान में उतरती है, मां उसे जरूर सफलता दिलाती हैं.

Intro:हर क्षेत्र में आधी आबादी की दखल बढ़ती जा रही है लेकिन राजनीति में काफी पीछे हैं वर्तमान में 543 संसदीय सीट पर केवल 63 महिला सांसद है यह आंकड़ा काफी चिंतित करने वाला है लेकिन मिर्जापुर की बात करें तो यहां से तीन बार महिला सांसद चुनकर लोकसभा में पहुंची है आधी आबादी से मिर्जापुर में जो भी आया पहली बार मैं ही जीत दर्ज कर ली है।


Body:महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए राजनीतिक दालों के लोगों की ओर से हर बार आवाज बुलंद की जाती है लेकिन राजनीति के क्षेत्र में इनकी उपेक्षा किसी से छुपी नहीं है।तो वही मिर्ज़ापुर संसदीय क्षेत्र की बात करे तो राजनीति में आधी आबादी यानी मातृशक्ति की जो भी पार्टी से आया उसे यहां के लोगों ने पहली बार में ही चुनकर संसद भवन पहुंचाया है 1996 में दस्यु सुंदरी फूलन देवी समाजवादी पार्टी के टिकट पर यहां से चुनाव लड़ा था और मिर्जापुर की पहली महिला सांसद बनी थी लेकिन 1998 में भाजपा के बीरेंद्र सिंह ने सपा की फूलन देवी को हरा दिया था वही 1999 में हुए चुनाव में फूलन देवी ने फिर से बिरेंदर सिंह मस्त को को हराकर अपना हार का बदला ले लिया था। मोदी लहर 2014 में अपना दल और भारतीय जनता पार्टी गठबंधन से अनुप्रिया पटेल भारी मतों से जीत दर्ज की और केंद्र में स्वास्थ्य राज्य मंत्री बनी फिर से दोबारा 2019 में भाजपा अपना दल एस के गठबंधन की प्रत्याशी हैं। इस बार यहां पर करीब 18 लाख मतदाता है जिसमें से 9 लाख 61 हजार पुरुष 8लाख 62 हजार महिला मतदाता है।
हम आपको बता दें यहां पर कई दशकों से सिटिंग प्रत्याशी चाहे महिला प्रतिनिधि हो या पुरुष प्रतिनिधि हो लगातार जीत नहीं दर्ज किया है एक बार जीतने के बाद दोबारा हार का मुंह देखना पड़ा है तीसरी बार यदि आता है तो विजई हुआ है।यहां से केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल दूसरी बार चुनाव लड़ रही हैं क्या यह यहां की इतिहास बदल पाती हैं या नही ये तो 23 मई को परिणाम आने के बाद ही पता चल पायेगा।

Bite-सलिल पांडेय-वरिष्ठ पत्रकार



Conclusion: मिर्जापुर में आधी आबादी का मतदाता मैं दबदबा है पुरुषों के मुकाबले एक लाख केवल कम है कहा जाता है यहां पर मातृशक्ति को मां विंध्यवासिनी का भी आशीर्वाद मिलता है इसीलिए जो भी महिला सच्चे दिल से यहां पर आता है मां उसे जरूर सफलता दिलाती हैं। राजनीति में आधी आबादी यानी मातृशक्ति कि जब तक बहुत भागीदारी नहीं होगी तब तक संतुलन स्थापित नहीं होगा वैसे देखा जाए तो भारत में लगभग हर महत्वपूर्ण पदों पर महिलाएं स्थापित हो चुकी है लेकिन राजनीति में अभी भी इनकी संख्या बहुत कम है।

जय प्रकाश सिंह
मिर्ज़ापुर
9453881630
Last Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST
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