मिर्जापुर :शहर के सैकड़ों गरीब परिवारों के पालनहारों ने कुछ वर्षों से कठिन मेहनत से हाथों को औजार बना कर घर तो चला लिया, लेकिन इसके बदले अपने अंगूठे और अंगुलियों के कुदरती निशान गवां दिए. पिछले महीने खाद्य रसद विभाग की प्रॉक्सी वितरण की जांच में यह सच सामने आने के बाद अब इन परिवारों को अंगूठे से मिलने वाले राशन को आयरिश यानि आंख की पुतली के मिलान से कोटे पर राशन दिया जा रहा है.
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आइरिश से मिल रहा अनाज...
- मिर्जापुर एक चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है.
- यह आंकड़ा कोटे से राशन लेने वाले गरीब परिवारों का है.
- परिवारों को राशन ई पोस मशीन की जगह आयरिश के माध्यम से दिया जा रहा है.
- मिर्जापुर में जुलाई महीने में कुल राशन कार्ड 4558 67 है.
- 404620 आधार से राशन वितरण किया गया.
- जिनका अंगूठा काम नहीं कर रहा था उसमें से 462 लोगों को आयरिश मशीन के माध्यम से दिया गया.
- लालगंज और राजगढ़ मिलाकर 9 दुकान ऐसे हैं जहां मैनुअल दिया जाता है.
- इन क्षेत्रों नेटवर्क काम नहीं करता जिसके कारण मैनुअल दिया जाता है ताकि कोई उपभोक्ता अनाज से वंचित न रहे.
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लकीरें घिसने से अनाज देना संभव नही
- 462 परिवार है जिनकी उंगलियां घिस गई हैं.
- अधिकारी भी मानते हैं जिनकी उम्र ज्यादा हो गई है या जो मजदूर काम करते हैं उनके उंगलियां ज्यादा घिसे हुए मिल रहे हैं.
- जो मशीन में काम नहीं करता है आधार मैच नहीं करता है.
- ई पोस मशीन से खाद्यान्न दिया जाना इन लोगों को संभव नहीं हो पाता है.
- लोगों को हम लोग आयरिश के माध्यम से प्रॉक्सी के माध्यम से खाद्यान्न देते हैं.