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काम के बोझ से घिस गई गरीबों के हाथों की लकीरें, नहीं मिल पा रहा राशन - काम के बोझ से घिस गई गरीबों के हाथो की लकीरें

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर मे एक चौकानें वाला मामला सामने आया है, यहां के गरीब मजदुरों के हाथों की लकीरें काम के बोझ के चलते घिस गई हैं. जिससे उन्हें अनाज लेने में कोटेदार के यहां दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

राशन ई पोस मशीन की जगह आयरिश के माध्यम से दिया जा रहा
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Published : Aug 22, 2019, 3:05 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST

मिर्जापुर :शहर के सैकड़ों गरीब परिवारों के पालनहारों ने कुछ वर्षों से कठिन मेहनत से हाथों को औजार बना कर घर तो चला लिया, लेकिन इसके बदले अपने अंगूठे और अंगुलियों के कुदरती निशान गवां दिए. पिछले महीने खाद्य रसद विभाग की प्रॉक्सी वितरण की जांच में यह सच सामने आने के बाद अब इन परिवारों को अंगूठे से मिलने वाले राशन को आयरिश यानि आंख की पुतली के मिलान से कोटे पर राशन दिया जा रहा है.

राशन ई पोस मशीन की जगह आयरिश के माध्यम से दिया जा रहा


इसे भी पढे़:-बाढ़ की वजह से किसानों की फसल हो रही बर्बाद


आइरिश से मिल रहा अनाज...

  • मिर्जापुर एक चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है.
  • यह आंकड़ा कोटे से राशन लेने वाले गरीब परिवारों का है.
  • परिवारों को राशन ई पोस मशीन की जगह आयरिश के माध्यम से दिया जा रहा है.
  • मिर्जापुर में जुलाई महीने में कुल राशन कार्ड 4558 67 है.
  • 404620 आधार से राशन वितरण किया गया.
  • जिनका अंगूठा काम नहीं कर रहा था उसमें से 462 लोगों को आयरिश मशीन के माध्यम से दिया गया.
  • लालगंज और राजगढ़ मिलाकर 9 दुकान ऐसे हैं जहां मैनुअल दिया जाता है.
  • इन क्षेत्रों नेटवर्क काम नहीं करता जिसके कारण मैनुअल दिया जाता है ताकि कोई उपभोक्ता अनाज से वंचित न रहे.

इसे भी पढे़:- जमीनी विवाद को लेकर दो पक्षों में चले लाठी-डंडे, 6 घायल

लकीरें घिसने से अनाज देना संभव नही

  • 462 परिवार है जिनकी उंगलियां घिस गई हैं.
  • अधिकारी भी मानते हैं जिनकी उम्र ज्यादा हो गई है या जो मजदूर काम करते हैं उनके उंगलियां ज्यादा घिसे हुए मिल रहे हैं.
  • जो मशीन में काम नहीं करता है आधार मैच नहीं करता है.
  • ई पोस मशीन से खाद्यान्न दिया जाना इन लोगों को संभव नहीं हो पाता है.
  • लोगों को हम लोग आयरिश के माध्यम से प्रॉक्सी के माध्यम से खाद्यान्न देते हैं.

मिर्जापुर :शहर के सैकड़ों गरीब परिवारों के पालनहारों ने कुछ वर्षों से कठिन मेहनत से हाथों को औजार बना कर घर तो चला लिया, लेकिन इसके बदले अपने अंगूठे और अंगुलियों के कुदरती निशान गवां दिए. पिछले महीने खाद्य रसद विभाग की प्रॉक्सी वितरण की जांच में यह सच सामने आने के बाद अब इन परिवारों को अंगूठे से मिलने वाले राशन को आयरिश यानि आंख की पुतली के मिलान से कोटे पर राशन दिया जा रहा है.

राशन ई पोस मशीन की जगह आयरिश के माध्यम से दिया जा रहा


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आइरिश से मिल रहा अनाज...

  • मिर्जापुर एक चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है.
  • यह आंकड़ा कोटे से राशन लेने वाले गरीब परिवारों का है.
  • परिवारों को राशन ई पोस मशीन की जगह आयरिश के माध्यम से दिया जा रहा है.
  • मिर्जापुर में जुलाई महीने में कुल राशन कार्ड 4558 67 है.
  • 404620 आधार से राशन वितरण किया गया.
  • जिनका अंगूठा काम नहीं कर रहा था उसमें से 462 लोगों को आयरिश मशीन के माध्यम से दिया गया.
  • लालगंज और राजगढ़ मिलाकर 9 दुकान ऐसे हैं जहां मैनुअल दिया जाता है.
  • इन क्षेत्रों नेटवर्क काम नहीं करता जिसके कारण मैनुअल दिया जाता है ताकि कोई उपभोक्ता अनाज से वंचित न रहे.

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लकीरें घिसने से अनाज देना संभव नही

  • 462 परिवार है जिनकी उंगलियां घिस गई हैं.
  • अधिकारी भी मानते हैं जिनकी उम्र ज्यादा हो गई है या जो मजदूर काम करते हैं उनके उंगलियां ज्यादा घिसे हुए मिल रहे हैं.
  • जो मशीन में काम नहीं करता है आधार मैच नहीं करता है.
  • ई पोस मशीन से खाद्यान्न दिया जाना इन लोगों को संभव नहीं हो पाता है.
  • लोगों को हम लोग आयरिश के माध्यम से प्रॉक्सी के माध्यम से खाद्यान्न देते हैं.
Intro:मिर्जापुर के सैकड़ों गरीब परिवारों के पालनहारो ने कुछ वर्षों से हाड़तोड़ मेहनत से हाथों को औजार बना कर घर तो चला लिया लेकिन इसके बदले अपने अंगूठे अंगुलियों के कुदरती निशान गवा दिए पिछले महीने खाद रसद विभाग की प्रॉक्सी वितरण की जांच में यह सच सामने आने के बाद अब इन परिवारों को अंगूठे से मिलने वाले राशन को आयरिश यानी आंख की पुतली के मिलान से कोटे पर राशन दिया जा रहा है। अधिकारी भी मान रहे हैं की मजदूर जो काम करते हैं उनके ज्यादातर अंगूठे जिस गए हैं राशन लेने आते हैं तो अंगूठा उनका काम नहीं करता है तो हम लोग आयरिश के माध्यम से देते हैं।


Body:मिर्जापुर एक चौकाने वाला आंकड़ा सामने आया है। यह आंकड़ा कोटे से राशन लेने वाले गरीब परिवारों का है। मजदूर वर्ग के काम करने वाले 462 परिवारों के अंगूठे घिस गए हैं परिवारों को राशन ई पोस मशीन की जगह आयरिश के माध्यम से दिया जा रहा है। मिर्जापुर में जुलाई महीने में कुल राशन कार्ड 4558 67 है जिसमें 404620 आधार से राशन वितरण किया गया जिनका अंगूठा काम नहीं कर रहा था उसमें से 462 लोगों को आयरिश मशीन के माध्यम से दिया गया। मिर्जापुर में लालगंज और राजगढ़ मिलाकर 9 दुकान ऐसे हैं जहां मैनुअल दिया जाता है क्योंकि यहां पर नेटवर्क काम नहीं करता है जिसके कारण मैनुअल दिया जाता है ताकि कोई उपभोक्ता अनाज से वंचित न रहे ।462 यह जो परिवार है जिनके उंगली घिस गए हैं अधिकारी भी मानते हैं जिनकी उम्र ज्यादा हो गई है या जो मजदूर काम करते हैं उनके उंगलियां ज्यादा घिसे हुए मिल रहे हैं जो मशीन में काम नहीं करता है आधार मैच नहीं करता है ।जिससे ई पोस मशीन से खाद्यान्न दिया जाना इन लोगों को संभव नहीं हो पाता है लोगों को हम लोग आयरिश के माध्यम से प्रॉक्सी के माध्यम से खाद्यान्न देते हैं।

Bite-रमेश कोटेदार
Bite-उमेश चंद-जिला पूर्ति अधिकारी


जय प्रकाश सिंह
मिर्ज़ापुर
9453881630


Conclusion:
Last Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST
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