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Navratri 2019 : मां विंध्यवासिनी के दर्शन के लिए लगा भक्तों का तांता

आज से शारदीय नवरात्रि शुरू हो गए हैं. मिर्जापुर के विंध्याचल में विंध्यवासिनी धाम में सुबह से ही दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा हुआ है. मेले को सकुशल संपन्न कराने के लिए प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये हैं. मान्यता है कि मां के दरबार से कभी कोई खाली हाथ नहीं जाता है.

विंध्यवासिनी धाम में लगा भक्तों का तांता.
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Published : Sep 29, 2019, 8:29 AM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST

मिर्जापुर: आज से शारदीय नवरात्रि शुरू हो गए हैं. मिर्जापुर के विंध्याचल में मां विंध्यवासिनी के मंगला आरती से नवरात्रि प्रारंभ हो गई है. इस बार नवरात्रि नौ दिन का है. विंध्याचल धाम में आधी रात के बाद से ही भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया है. मंगला आरती के बाद से श्रद्धालु मां के शैलपुत्री स्वरूप का दर्शन पूजन कर रहे हैं. माना जाता है कि नवरात्रि के पहले दिन मां का दर्शन करने का अपना अलग ही महात्म्य है.

विंध्यवासिनी धाम में लगा भक्तों का तांता.


यह देश के 51 शक्तिपीठों में से एक है. यहां तीन किलोमीटर के दायरे में तीन देवियों के दर्शन होते हैं. इस तीर्थ केंद्र में गंगा के पास मां विंध्यवासिनी, पहाड़ी के पास कालिखोह में मां महाकाली देवी विराजमान हैं. दूसरी पहाड़ी पर माँ अष्टभुजा निवास करती हैं. त्रिकोण यंत्र पर स्थित यह देवी लोक हित के लिए महालक्ष्मी, महाकाली और महासरस्वती का रूप धारण करती हैं.

पढ़ें:- Navratri 2019: शारदीय नवरात्रि आज से शुरु, जानें कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त , पूजा विधि

ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है मां विंध्यवासिनी का जन्मोत्सव
विंध्यवासिनी माता विंध्य पर्वत पर स्थित मधु तथा कैटभ नामक असुरों का नाश करने वाली अधिष्ठात्री देवी हैं. चैत्र और आश्विन मास के नवरात्र में यहां लाखों श्रद्धालु एकत्रित होते हैं. इस तथ्य की पुष्टि श्री दुर्गा सप्तशती से भी होती है. यहां प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को माता विंध्यवासिनी का जन्मोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. इस तिथि को अरण्य षष्ठी भी कहा जाता है.


विंध्याचल धाम में लगा भक्तों का तांता-
शनिवार सुबह से ही मां विंध्यवासिनी का दर्शन पाने के लिए भक्तों का तांता लगा हुआ है. वहीं इस बार पिछले नवरात्रि की तरह भीड़ नहीं है. क्योंकि लगातार हो रही बारिश से श्रद्धालुओं की संख्या बहुत कम है. केवल मंदिर परिसर के पास ही भीड़ देखी जा रही है. श्रद्धालुओं का कहना है कि जो भी सच्चे दिल से मां के दरबार में आता है और जो भी मांगता है, मां उनकी सभी मनोकामना पूर्ण करती हैं. कभी कोई खाली हाथ इस दरबार से नहीं जाता है.

पढे़ं:- बदायूं: नवरात्र पर सिद्धपीठ मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़, यहां पूरी होती है हर मन्नत

सुरक्षा के कड़े इंतजाम-
पूरे मेले परिसर को 8 जोन और 18 सेक्टर में बांटा गया है. सभी जोन और सेक्टरों में जोनल मजिस्ट्रेट सेक्टर प्रभारी लगाए गए हैं. मेले को सकुशल संपन्न कराने के लिए दो अपर अधीक्षक, 11 पुलिस उपाधीक्षक, 240 निरीक्षक/उपनिरीक्षक, 2000 पुरुष/महिला सिपाही, 54 यातायात पुलिस, 06 फायर टेंडर, 19 एचएचएमडी, 55 डीएफएमडी, 02 कंपनी पीएसी और 300 होमगार्ड लगाये गए हैं.


घाटों पर दो मोटर बोट, 18 गोताखोर, 12 नाभिक मल्लाह के साथ घाटों पर महिलाओं के सम्मान हेतु घाटों पर चेंजिंग रूम बनाया गया है. पूरे मेला क्षेत्र में 24 बैरियर लगाए गए हैं. अवैध शस्त्रों वाहनों की सुदृढ़ चेकिंग कराया जा सके, इसके लिए क्राइम ब्रांच, क्यूआरटी टीम, घुड़सवार पुलिस, जल पुलिस, बम स्क्वायड, डॉग स्क्वायड भी लगाए गए हैं. पूरे मेला क्षेत्र में 40 सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन कैमरे लगाए गए हैं.

मिर्जापुर: आज से शारदीय नवरात्रि शुरू हो गए हैं. मिर्जापुर के विंध्याचल में मां विंध्यवासिनी के मंगला आरती से नवरात्रि प्रारंभ हो गई है. इस बार नवरात्रि नौ दिन का है. विंध्याचल धाम में आधी रात के बाद से ही भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया है. मंगला आरती के बाद से श्रद्धालु मां के शैलपुत्री स्वरूप का दर्शन पूजन कर रहे हैं. माना जाता है कि नवरात्रि के पहले दिन मां का दर्शन करने का अपना अलग ही महात्म्य है.

विंध्यवासिनी धाम में लगा भक्तों का तांता.


यह देश के 51 शक्तिपीठों में से एक है. यहां तीन किलोमीटर के दायरे में तीन देवियों के दर्शन होते हैं. इस तीर्थ केंद्र में गंगा के पास मां विंध्यवासिनी, पहाड़ी के पास कालिखोह में मां महाकाली देवी विराजमान हैं. दूसरी पहाड़ी पर माँ अष्टभुजा निवास करती हैं. त्रिकोण यंत्र पर स्थित यह देवी लोक हित के लिए महालक्ष्मी, महाकाली और महासरस्वती का रूप धारण करती हैं.

पढ़ें:- Navratri 2019: शारदीय नवरात्रि आज से शुरु, जानें कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त , पूजा विधि

ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है मां विंध्यवासिनी का जन्मोत्सव
विंध्यवासिनी माता विंध्य पर्वत पर स्थित मधु तथा कैटभ नामक असुरों का नाश करने वाली अधिष्ठात्री देवी हैं. चैत्र और आश्विन मास के नवरात्र में यहां लाखों श्रद्धालु एकत्रित होते हैं. इस तथ्य की पुष्टि श्री दुर्गा सप्तशती से भी होती है. यहां प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को माता विंध्यवासिनी का जन्मोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. इस तिथि को अरण्य षष्ठी भी कहा जाता है.


विंध्याचल धाम में लगा भक्तों का तांता-
शनिवार सुबह से ही मां विंध्यवासिनी का दर्शन पाने के लिए भक्तों का तांता लगा हुआ है. वहीं इस बार पिछले नवरात्रि की तरह भीड़ नहीं है. क्योंकि लगातार हो रही बारिश से श्रद्धालुओं की संख्या बहुत कम है. केवल मंदिर परिसर के पास ही भीड़ देखी जा रही है. श्रद्धालुओं का कहना है कि जो भी सच्चे दिल से मां के दरबार में आता है और जो भी मांगता है, मां उनकी सभी मनोकामना पूर्ण करती हैं. कभी कोई खाली हाथ इस दरबार से नहीं जाता है.

पढे़ं:- बदायूं: नवरात्र पर सिद्धपीठ मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़, यहां पूरी होती है हर मन्नत

सुरक्षा के कड़े इंतजाम-
पूरे मेले परिसर को 8 जोन और 18 सेक्टर में बांटा गया है. सभी जोन और सेक्टरों में जोनल मजिस्ट्रेट सेक्टर प्रभारी लगाए गए हैं. मेले को सकुशल संपन्न कराने के लिए दो अपर अधीक्षक, 11 पुलिस उपाधीक्षक, 240 निरीक्षक/उपनिरीक्षक, 2000 पुरुष/महिला सिपाही, 54 यातायात पुलिस, 06 फायर टेंडर, 19 एचएचएमडी, 55 डीएफएमडी, 02 कंपनी पीएसी और 300 होमगार्ड लगाये गए हैं.


घाटों पर दो मोटर बोट, 18 गोताखोर, 12 नाभिक मल्लाह के साथ घाटों पर महिलाओं के सम्मान हेतु घाटों पर चेंजिंग रूम बनाया गया है. पूरे मेला क्षेत्र में 24 बैरियर लगाए गए हैं. अवैध शस्त्रों वाहनों की सुदृढ़ चेकिंग कराया जा सके, इसके लिए क्राइम ब्रांच, क्यूआरटी टीम, घुड़सवार पुलिस, जल पुलिस, बम स्क्वायड, डॉग स्क्वायड भी लगाए गए हैं. पूरे मेला क्षेत्र में 40 सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन कैमरे लगाए गए हैं.

Intro:आज से शारदीय नवरात्र प्रारंभ हो गया है मिर्जापुर के विंध्याचल में भी मां विंध्यवासिनी के मंगला आरती से नवरात्र प्रारंभ हो गया है इस बार नवरात्रि नो दिन का है।आधी रात के बाद से ही भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया था मां के मंगला आरती के बाद से श्रद्धालु मां के शैलपुत्री स्वरूप का दर्शन पूजन कर रहे हैं। लंबे-लंबे लाइनों में लगकर हाथों में नारियल चुनरी लेकर मां का जयकारा लगाते हुए मां के दरबार तक पहुंचकर दर्शन पूजन कर रहे है। पूरे मेले को 8 जोन 18 सेक्टर में बांटा गया है सभी जोन और सेक्टरों में जोनल मजिस्ट्रेट सेक्टर प्रभारी लगाए गए हैं। लगातार हो रही बारिश को जैसे इस बार श्रद्धालुओं की संख्या कम देखी जा रही है पूरी गलियां विंध्याचल की जो भरी भरी रहती थी आज वह खाली-खाली दिख रही हैं फिर भी जितनी श्रद्धालुओं के आने की संभावना नहीं थी बारिश की वजह से उससे ज्यादा देखी जा रही है।




Body:मेले को सकुशल संपन्न कराने के लिए दो अपर अधीक्षक, 11 पुलिस उपाधीक्षक, 240 निरीक्षक /उपनिरीक्षक, 2000 पुरुष/महिला सिपाही,54 यातायात पुलिस,06 फायर टेंडर,19 एचएचएमडी,55 डीएफएमडी,02 कम्पनी पीएसी और 300 होमगार्ड लगाये गए हैं। घाटों की बात करें तो दो मोटर बोट 18 गोताखोर 12 नाभिक मल्लाह के साथ घाटों पर महिलाओं के सम्मान हेतु घाटों पर चेंजिंग रूम बनाया गया है। पूरे मेला क्षेत्र में 24 बैरियर लगाए गए हैं अवैध शस्त्रों वाहनों की सुदृढ़ चेकिंग कराया जा सके क्राइम ब्रांच क्यूआरटी टीम घुड़सवार पुलिस जल पुलिस बम स्क्वायड डॉग स्क्वायड भी लगाए गए हैं पूरे मेला क्षेत्र में 40 सीसीटीवी कैमरा व ड्रोन कैमरा लगाया गया है जिनकी सहायता से पैनी नजर रखी जाएगी।
सुबह से ही मां विंध्यवासिनी का दर्शन पाने के लिए भक्तों का तांता लगा हुआ है लेकिन इस बार पिछले नवरात्र की तरह भीड़ नहीं है क्योंकि लगातार हो रही बारिश से श्रद्धालुओं की संख्या बहुत कम है केवल मंदिर परिसर के पास ही भीड़ देखी जा रही है दूर दूर से आए श्रद्धालु दर्शन पूजन कर रहे हैं उनका मानना है कि जो भी सच्चे दिल से मां के दरबार में आता है और जो भी मांगता है मां उनकी सभी मनोकामना पूर्ण करती हैं कभी कोई खाली हाथ इस दरबार से नहीं जाता है।

बाईट- रेनू -भक्त
बाईट-स्वाति-भक्त
पीटीसी

जय प्रकाश सिंह
मिर्ज़ापुर
9453881630


Conclusion:
Last Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST
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