मिर्जापुर: कोरोना वायरस ने इंसानों को एक-दूसरे के साथ भगवान से भी दूर कर दिया है, जिसके चलते भक्तों की आस्था पर चोट पहुंच रही है. कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ जमा न हो, इसके लिए मिर्जापुर के बरिया घाट स्थित श्री पंचमुखी महादेव प्राचीन मंदिर में श्रद्धालु 22 फिट की दूरी से भगवान के दर्शन कर जल चढ़ा रहे हैं.
400 वर्ष पुराने इस मंदिर में पहली बार श्रद्धालु पाइप के जरिए अपने आराध्य भगवान शिव को जल चढ़ा रहे हैं. यह मंदिर नेपाल के काठमांडू में स्थित श्री पशुपति महाराज जी की डुप्लीकेट हुबहू है. बताया जाता है कि नेपाल के राजा के छोटे भाई ने इस मंदिर का निर्माण कराया था.
सावन के महीने में भगवान शंकर के मंदिरों में सैकड़ों की संख्या में भीड़ रहती थी, लेकिन इस बार कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के चलते मंदिरों में श्रद्धालुओं की कमी दिखाई दे रही है. बरिया घाट स्थित श्री पंचमुखी महादेव प्राचीन मंदिर में भगवान शिव के दर्शन के लिए इस बार श्रद्धालुओं को 22 फीट की दूरी से ही संतोष करना पड़ रहा है. मंदिर प्रशासन ने पाइप लगाकर जलाभिषेक और प्रसाद चढ़ाने के इंतजाम किए हैं. यह जल और प्रसाद सीधे पंचमुखी महाराज जी के पास पहुंच जा रहा है.
नेपाल नरेश के भाई ने कराया था श्री पंचमुखी महादेव मंदिर का निर्माण
बताया जाता है नेपाल के राजा ने काठमांडू स्थित पशुपतिनाथ महाराज जी का निर्माण करवाया था. राजा के छोटे भाई को स्वप्न आया कि एक मंदिर का निर्माण विन्ध क्षेत्र में भी होना चाहिए, जिसको देखते हुए छोटे भाई ने गंगा किनारे बरिया घाट स्थित श्री पंचमुखी महादेव मंदिर का निर्माण कराया है. तब से इस मंदिर में श्रद्धालु दर्शन पूजन कर रहे हैं.
दूरदराज से आए दर्शन पूजन करने श्रद्धालुओं कहना है कि पहली बार ऐसा हुआ है कि हम लोग भगवान के पास से दर्शन नहीं कर पा रहे हैं. कोरोना वायरस के बचाव को लेकर मंदिर के तरफ से अच्छी व्यवस्था की गई है. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर श्रद्धालु भगवान के दर्शन-पूजन और आरती कर रहे हैं.