मिर्जापुर: योगी सरकार ने सभी ग्राम पंचायतों की सरकारी जमीनों और तालाबों को अतिक्रमण से मुक्त कराने का निर्देश दिया है. लेकिन, अधिकारियों और कर्मचारियों की हीलाहवली के चलते तालाब कब्जा मुक्त न होकर दिनोंदिन अतिक्रमण का शिकार होते जा रहे हैं. मामला मिर्जापुर के सीखड़ ब्लॉक के खानपुर गांव का है. गांव के 14 बिस्सा के तालाब पर कब्जा कर लिया गया है, जिससे गांव के पानी की निकासी नहीं हो पा रही है. ग्रामीण गर्मी के मौसम में भी कीचड़ भरी सड़क से जाने को मजबूर हैं. ग्रामीण कई सालों से अधिकारियों के यहां चक्कर लगा रहे हैं. लेकिन, कोई सुन नहीं रहा है. पानी ग्रामीणों के घरों में भी घुस रहा है.
मिर्जापुर जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर सीखड़ ब्लॉक के खानपुर गांव के लोग गर्मी के मौसम में भी कीचड़ और पानी भरी सड़क से जाने को मजबूर हैं. योगी सरकार के निर्देश के बाद भी जिले के अधिकारी अवैध कब्जा नहीं हटवा पा रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि गांव के छोटे तालाब पर दबंग ने कब्जा कर लिया है. इसके चलते गांव के पानी की निकासी नहीं हो पा रही है. सड़क पर ही पानी भरा रहता है. क्षेत्रीय लेखपाल और गांव के दबंग गलत रिपोर्ट लगवा देते हैं और अधिकारियों को गुमराह करते हैं. इसके चलते ग्रामीण कीचड़ भरी सड़क से जाने को मजबूर हैं.
सड़क पर कीचड़ होने की वजह से ग्रामीणों को खेत-खलिहान के लिए और घर जाने के लिए दो किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर काटना पड़ता है. सबसे ज्यादा स्कूल जाने वाले बच्चों को परेशानी होती है. यहां तक कि कुछ बच्चे घर छोड़कर बाहर जाकर पढ़ाई कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि केवल एक शख्स ने पूरे गांव को परेशान कर रखा है. पूरे गांव के पानी की निकासी इसी तालाब में की जाती थी. लेकिन, कई वर्षों से कब्जा होने की वजह से लोग परेशान हैं. बारिश के दिनों में तो जीना मुश्किल हो जाता है. बीमारी भी बहुत तेजी से फैलती है. पानी और कीचड़ की वजह से मच्छरों से परेशान हैं. पानी घरों में चले जाने से ग्रामीण रोज पानी निकालते हैं.
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ग्राम प्रधान रोमा सिंह के पति रितेश सिंह ने बताया कि कई सालों से ग्रामीण कीचड़ भरे पानी से आने-जाने को मजबूर हैं. उन्होंने एसडीएम से लेकर उच्च अधिकारियों तक को अवगत कराया. लेकिन, कोई अधिकारी सुनने को तैयार नहीं है. योगी सरकार अतिक्रमण मुक्त करने की बात कर रही है, इसके बावजूद भी अधिकारी हीलाहवाली कर रहे हैं. लेखपाल को भेजकर इतिश्री कर लेते हैं. उन्होंने कहा कि लेखपाल भी दबंग से मिलकर गलत रिपोर्ट लगा देता है. इसी रास्ते से लोग बरम बाबा के मंदिर जाया करते थे. लेकिन अब वहां कोई नहीं पहुंच पाता. किसी को जाना होता है तो वह दो किलोमीटर का चक्कर काटकर जाता है. रितेश सिंह ने कहा कि पूरे गांव के पानी की निकासी उसी छोटे तालाब में कई सालों से होती चली आ रही है. रात में तो कोई नहीं निकल पाता है. कभी-कभी तो गिरकर घायल हो जाते हैं.
इस संबंध में डीपीआरओ अरविंद से बात की गई तो उन्होंने सफाई को लेकर कहा कि गांव में सफाईकर्मी लगाए गए हैं. गांव की सफाई हमेशा की जाती है. रही बात अतिक्रमण की तो वह उच्च अधिकारी ही बता सकते हैं.
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