मिर्जापुर: जनपद के चर्चित आशीष मिश्रा हत्याकांड में सात साल बाद फैसला सुनाया गया है. कोर्ट ने 7 दोषियों को आजीवन कारावास के साथ 50-50 हजार का जुर्माना लगाया है. एडीजे फर्स्ट रचना अरोड़ा की कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है. चार दोषियों को जेल भेज दिया गया है. वहीं, 3 दोषियों ने कोर्ट में आने में असमर्थता जताते हुए प्रार्थना पत्र दिया था. मामला कटरा कोतवाली के भटवा की पोखरी का है.
दरअसल, कटरा कोतवाली क्षेत्र के भटवा की पोखरी में 16 अगस्त 2016 को दो पक्षों में पुरानी रंजिश के चलते मारपीट हो गई थी. जिसमें एक दूसरे पर लाठी डंडे और नुकीले हथियारों से वार किए गए थे. मारपीट में गंभीर घायल आशीष मिश्रा की ट्रामा सेंटर वाराणसी में 22 अगस्त 2016 को इलाज के दौरान मौत हो गई थी. इस मामले में आठ आरोपी बनाए गए थे. जिसका मुकदमा न्यायालय में चल रहा था.
आठ आरोपियों में से एक नाबालिग था, जिसका मुकदमा आगे अभी चलता रहेगा. सुनवाई के दौरान आरोपी हैप्पी उर्फ हरीश यादव, भोला मौर्या, शिवम यादव एवं अनिल उर्फ करिया पटेल कोर्ट में हाजिर थे. जबकि अज्जू उर्फ अवनीत, सोनू उर्फ सतीश, और सनी यादव गैर हाजिर रहें. उन्होंने कोर्ट में आने में असमर्थता जताते हुए प्रार्थना पत्र दिया था. जिसे कैंसिल करते हुए कोर्ट ने गैर जमानती मानती वारंट जारी कर गिरफ्तारी का आदेश दिया है.
पीड़ित पक्ष के वकील पंकज कुमार सिंह ने बताया कि यह मामला 2016 का है. कंप्यूटर सेंटर संचालक आशीष के साथ सेंटर में घुसकर मारपीट की गई थी. जिसकी इलाज के दौरान आशीष की मौत हो गई थी. इसमें कुल आठ आरोपी थे, जिसमें एक नाबालिग निकल गया था. तीन नामजद दर्ज आरोपी थे, बाकी विवेचना में नाम आए थे. सात आरोपियों का सेशन ट्रायल चल रहा था. इसमें सभी के खिलाफ दोष सिद्ध पाए जाने पर आजीवन कारावास सुनाया गया है. साथ ही 50-50 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है.
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