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बांस कारीगरों के लिए मिर्जापुर में बन रहा है कॉमन फैसिलिटी सेंटर

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Published : Mar 3, 2020, 1:15 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में बांस कारीगरों को सुविधा देने के लिए कॉमन फैसिलिटी सेंटर का निर्माण किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश राज्य बंबू मिशन योजना के तहत पांच जनपदों गोरखपुर, झांसी, बरेली, सहारनपुर और मिर्जापुर में यह सेंटर खोला जाएगा.

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बांस के उत्पाद बनाते कारीगर.

मिर्जापुर: जिले के बांस उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य बंबू मिशन योजना के तहत पांच जनपदों में कॉमन फैसिलिटी सेंटर खोला जाएगा. इनमें गोरखपुर, झांसी, बरेली, सहारनपुर और मिर्जापुर शामिल हैं.

गरीब और पिछड़े तबके के कारीगरों को सुविधा देने के लिए मशीनरी लगाई जा रही है. इसका सीधा फायदा बांस किसानों और बांस से जुड़े लोगों को होगा. कॉमन फैसिलिटी सेंटर में बांस से हस्तशिल्प कुटीर उद्योग फर्नीचर का निर्माण होगा. इससे कम समय में वह अपने रॉ मैटेरियल से अधिक उत्पाद कर सकेंगे.

झांसी की लाठी, वाराणसी की बांस डलिया, गोरखपुर की सूप डलिया और बरेली सहारनपुर के बांस के फर्नीचर इसमें प्रमुख भूमिका निभाएंगे. वाराणसी और विंध्याचल में बांस की डलिया में प्रसाद मिलता है. इसलिए मिर्जापुर के मड़िहान कॉमन फैसिलिटी सेंटर में यहां की डलिया को और सुंदर बना कर प्रोत्साहित किया जाएगा.

बांस कारीगरों के लिए बनाया जा रहा है कॉमन फैसिलिटी सेंटर.

राज्य बंबू मिशन के तहत किसानों की आय बढ़ाने को लेकर बांस की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसमें किसानों को 50 फीसदी तक सब्सिडी दी जाएगी. मिर्जापुर के मड़िहान पौधशाला में उन्नत किस्म के 25000 बांस के पौधे तैयार किए जा रहे हैं, जो लोगों के लिए उपयोगी होगा.

इसे भी पढ़ें:-आखिर मथुरा में क्यों मनाई जाती है लड्डूमार होली

यदि मशीनरी से यह बनने लगे तो हम लोग का उत्पाद अधिक बनने लगेगा. कमाई अच्छी होने लगेगी और मशीन से अच्छा बनाया जा सकता है. हाथ से बनाने में परेशानी होती है. हाथ कभी-कभी कट जाते हैं.
दिजा, बांस कारीगर

गरीब और पिछड़े तबके के जो कारीगर हैं, उनको सुविधा देने के लिए स्कीम चलाई गई है. 5 शहरों को चुना गया है. मिर्जापुर के मड़िहान में कॉमन फैसिलिटी सेंटर बनाया जा रहा है.
राकेश चौधरी, डीएफओ

मिर्जापुर: जिले के बांस उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य बंबू मिशन योजना के तहत पांच जनपदों में कॉमन फैसिलिटी सेंटर खोला जाएगा. इनमें गोरखपुर, झांसी, बरेली, सहारनपुर और मिर्जापुर शामिल हैं.

गरीब और पिछड़े तबके के कारीगरों को सुविधा देने के लिए मशीनरी लगाई जा रही है. इसका सीधा फायदा बांस किसानों और बांस से जुड़े लोगों को होगा. कॉमन फैसिलिटी सेंटर में बांस से हस्तशिल्प कुटीर उद्योग फर्नीचर का निर्माण होगा. इससे कम समय में वह अपने रॉ मैटेरियल से अधिक उत्पाद कर सकेंगे.

झांसी की लाठी, वाराणसी की बांस डलिया, गोरखपुर की सूप डलिया और बरेली सहारनपुर के बांस के फर्नीचर इसमें प्रमुख भूमिका निभाएंगे. वाराणसी और विंध्याचल में बांस की डलिया में प्रसाद मिलता है. इसलिए मिर्जापुर के मड़िहान कॉमन फैसिलिटी सेंटर में यहां की डलिया को और सुंदर बना कर प्रोत्साहित किया जाएगा.

बांस कारीगरों के लिए बनाया जा रहा है कॉमन फैसिलिटी सेंटर.

राज्य बंबू मिशन के तहत किसानों की आय बढ़ाने को लेकर बांस की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसमें किसानों को 50 फीसदी तक सब्सिडी दी जाएगी. मिर्जापुर के मड़िहान पौधशाला में उन्नत किस्म के 25000 बांस के पौधे तैयार किए जा रहे हैं, जो लोगों के लिए उपयोगी होगा.

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यदि मशीनरी से यह बनने लगे तो हम लोग का उत्पाद अधिक बनने लगेगा. कमाई अच्छी होने लगेगी और मशीन से अच्छा बनाया जा सकता है. हाथ से बनाने में परेशानी होती है. हाथ कभी-कभी कट जाते हैं.
दिजा, बांस कारीगर

गरीब और पिछड़े तबके के जो कारीगर हैं, उनको सुविधा देने के लिए स्कीम चलाई गई है. 5 शहरों को चुना गया है. मिर्जापुर के मड़िहान में कॉमन फैसिलिटी सेंटर बनाया जा रहा है.
राकेश चौधरी, डीएफओ

Last Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST
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