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लोकसभा चुनाव : मिर्जापुर से अनुप्रिया का नाम फाइनल होने के बाद बढ़ी चुनावी सरगर्मी

मिर्जापुर में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. तीनों पार्टियों से नाम तय होने से चुनावी बिसात तैयार की जा रही है. पार्टी कार्यकर्ता जाति समीकरण और वोटों के गुणा-भाग में जुट गए हैं. सपा-बसपा गठबंधन ने सियासी गणित बदलते हुए पटेल के स्थान पर बिंद को टिकट देकर नया दांव खेला है.

फाइल फोटो.
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Published : Mar 15, 2019, 10:54 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST

मिर्जापुर : लोकसभा चुनाव का एलान होते ही लोकसभा सीट के लिए तीनों दलों ने अपने-अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी है. भाजपा ने शुक्रवार को ही एनडीए गठबंधन के तहत अपना दल की अनुप्रिया पटेल को मिर्जापुर की सीट सौंप दी है. इसके साथ ही सपा और बसपा ने अपने प्रत्याशियों के नाम जारी कर दिए हैं.

मिर्जापुर में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. तीनों पार्टियों से नाम तय होने से चुनावी बिसात तैयार की जा रही है. पार्टी कार्यकर्ता जाति समीकरण और वोटों के गुड़ा-भाग में जुट गए हैं. कांग्रेस 2014 लोकसभा चुनाव लड़ चुके ललितेश पति त्रिपाठी को दोबारा टिकट देकर मुस्लिम-ब्राह्मण मतों के सहारे चुनावी नैया पार लगाने की उम्मीद कर रही है. वहीं अनुप्रिया पटेल को बहुसंख्यक आबादी पटेलों का सहारा है.

सपा बसपा गठबंधन के सियासी गणित बदलते हुए पटेल के स्थान पर बिंद को टिकट देकर नया दांव खेला है. इस सीट पर सपा के टिकट पर एक बार रामरति बिंद चुनाव जीत चुके हैं. दूसरी बार इसी संगठन के सहारे जीत हासिल करना चाहती है. 2014 लोकसभा के आंकड़ों की बात करें तो भाजपा अपना दल गठबंधन को 4,36,536 अनुप्रिया पटेल पाकर विजयी हुई थीं. दूसरे नंबर पर बसपा के प्रत्याशी समुद्रा बिंद थे, जिनको 2,17,457 वोट मिले थे.

मिर्जापुर से अनुप्रिया का नाम फाइनल होने के बाद बढ़ी चुनावी सरगर्मी.

2014 के चुनाव में तीसरे स्थान पर कांग्रेस के ललितेश पति त्रिपाठी थे, जिनको 1,52,666 वोट मिला था. चौथे स्थान पर सपा से सुरेंद्र सिंह पटेल थे, जिनको 1,08,859 वोट मिला था. टिकट फाइनल होने के बाद यहां के प्रत्याशियों के समर्थकों का अपना-अपना राय है. सपा का कहना है कि इस बार गठबंधन यहां से जीतेगा क्योंकि मंत्री रहते हुए जातिवाद की राजनीति जिले में की है. इसलिए उनका इस बार हारना तय माना जा रहा है. विशेष जाति को महत्व है. अगड़ी जातियां उनसे नाराज हैं, चाहे उनके गठबंधन की बीजेपी ही क्यों न हो.

वहीं कांग्रेस की बात करें तो उनका कहना है कि बहुत सही टिकट मिल गया. अनुप्रिया जी को दोबारा यहां से ललितेश जी हमारे जो प्रत्याशी हैं, उनको इससे बहुत फायदा मिलेगा. केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के समर्थक भी काफी उत्साहित हैं. उनका कहना है कि विकास जिस तरह से मंत्री जी ने जिले का किया है उसी विकास पर हम लोग फिर से विजयी होंगे.

मिर्जापुर : लोकसभा चुनाव का एलान होते ही लोकसभा सीट के लिए तीनों दलों ने अपने-अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी है. भाजपा ने शुक्रवार को ही एनडीए गठबंधन के तहत अपना दल की अनुप्रिया पटेल को मिर्जापुर की सीट सौंप दी है. इसके साथ ही सपा और बसपा ने अपने प्रत्याशियों के नाम जारी कर दिए हैं.

मिर्जापुर में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. तीनों पार्टियों से नाम तय होने से चुनावी बिसात तैयार की जा रही है. पार्टी कार्यकर्ता जाति समीकरण और वोटों के गुड़ा-भाग में जुट गए हैं. कांग्रेस 2014 लोकसभा चुनाव लड़ चुके ललितेश पति त्रिपाठी को दोबारा टिकट देकर मुस्लिम-ब्राह्मण मतों के सहारे चुनावी नैया पार लगाने की उम्मीद कर रही है. वहीं अनुप्रिया पटेल को बहुसंख्यक आबादी पटेलों का सहारा है.

सपा बसपा गठबंधन के सियासी गणित बदलते हुए पटेल के स्थान पर बिंद को टिकट देकर नया दांव खेला है. इस सीट पर सपा के टिकट पर एक बार रामरति बिंद चुनाव जीत चुके हैं. दूसरी बार इसी संगठन के सहारे जीत हासिल करना चाहती है. 2014 लोकसभा के आंकड़ों की बात करें तो भाजपा अपना दल गठबंधन को 4,36,536 अनुप्रिया पटेल पाकर विजयी हुई थीं. दूसरे नंबर पर बसपा के प्रत्याशी समुद्रा बिंद थे, जिनको 2,17,457 वोट मिले थे.

मिर्जापुर से अनुप्रिया का नाम फाइनल होने के बाद बढ़ी चुनावी सरगर्मी.

2014 के चुनाव में तीसरे स्थान पर कांग्रेस के ललितेश पति त्रिपाठी थे, जिनको 1,52,666 वोट मिला था. चौथे स्थान पर सपा से सुरेंद्र सिंह पटेल थे, जिनको 1,08,859 वोट मिला था. टिकट फाइनल होने के बाद यहां के प्रत्याशियों के समर्थकों का अपना-अपना राय है. सपा का कहना है कि इस बार गठबंधन यहां से जीतेगा क्योंकि मंत्री रहते हुए जातिवाद की राजनीति जिले में की है. इसलिए उनका इस बार हारना तय माना जा रहा है. विशेष जाति को महत्व है. अगड़ी जातियां उनसे नाराज हैं, चाहे उनके गठबंधन की बीजेपी ही क्यों न हो.

वहीं कांग्रेस की बात करें तो उनका कहना है कि बहुत सही टिकट मिल गया. अनुप्रिया जी को दोबारा यहां से ललितेश जी हमारे जो प्रत्याशी हैं, उनको इससे बहुत फायदा मिलेगा. केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के समर्थक भी काफी उत्साहित हैं. उनका कहना है कि विकास जिस तरह से मंत्री जी ने जिले का किया है उसी विकास पर हम लोग फिर से विजयी होंगे.

Intro:लोकसभा चुनाव का ऐलान होते ही लोकसभा सीट के लिए तीनों दलों के प्रत्याशी अपना अपना उतारना शुरु कर दिए हैं भाजपा अपना दल एस से केंद्रीय केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल सपा बसपा गठबंधन से राजेंद्र एस बिंद है तो वहीं कांग्रेस पार्टी से ललितेश पति त्रिपाठी को प्रत्याशी बनाया है।


Body:मिर्जापुर में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई है तीनों पार्टियों से नाम तय होने से चुनावी बिसात तैयार किया जा रहा है पार्टी कार्यकर्ता ने जाति समीकरण और वोटों के गुड़ा भाग में जुड़ गए हैं कांग्रेस 2014 लोकसभा चुनाव लड़ चुके ललितेश पति त्रिपाठी को दोबारा टिकट देकर मुस्लिम ब्राह्मण मतों के सहारे चुनावी वैतरणी नया पार लगाने की उम्मीद कर रही है तो अनुप्रिया पटेल को बहुसंख्यक आबादी पटेलों का सहारा है वहीं सपा बसपा गठबंधन के सियासी गणित बदलते हुए पटेल के स्थान पर बिंद को टिकट देकर नया दांव खेला है इस सीट पर सपा के टिकट पर एक बार रामरति बिंद चुनाव जीत चुके हैं दूसरी बार इसी संगठन के सहारे जीत हासिल करना चाहती है। 2014 लोकसभा की आंकड़ों की बात करें तो भाजपा अपना दल गठबंधन को 436536 अनुप्रिया पटेल पा कर विजयी हुई थी दूसरे नंबर पर बसपा के प्रत्याशी समुद्रा बिंद थे जिनको 217 4 5 7 वोट मिले थे तीसरे स्थान पर कांग्रेस के ललित ललितेश पति त्रिपाठी थे जिनको 152666 वोट मिला था चौथे स्थान पर सपा से सुरेंद्र सिंह पटेल थे जिनको 108859 वोट मिला था ।

टिकट फाइनल होने के बाद यहां के प्रत्याशियों के समर्थकों का अपना अपना राय है सपा का कहना है की इस बार गठबंधन यहां से जीतेगा क्योंकि मंत्री रहते हुए जातिवाद का राजनीति जिले में की है इसलिए उनको इस बार हारना तय माना जा रहा है विशेष जाति को महत्व है फारवर्ड उनसे नाराज है चाहे उनके गठबंधन के बीजेपी ही क्यों ना हो ।वहीं कांग्रेस की बात करें तो उनका कहना है बहुत सही टिकट मिल गया अनुप्रिया जी को दोबारा यहां से ललितेश जी हमारे जो प्रत्याशी हैं उनको इससे बहुत फायदा मिलेगा। केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के समर्थक भी काफी उत्साहित हैं उनका कहना है कि विकास जिस तरह से मंत्री जी ने जिले को किया है उसी विकास पर हम लोग फिर से विजई होंगे ।

Bite-गिरीश तिवारी- कांग्रेस जिलाध्यक्ष
Bite-राजू चौबे- सपा नेता
Bite-उदय सिंह पटेल अपनादल एस नेता





Conclusion:मिर्ज़ापुर में चुनाव सातवें चरण में है लेकिन सियासत का पारा अभी से चढ़ गया है प्रत्याशी घोषित होने के बाद कार्यकर्ता अपने अपने प्रत्याशियों को जिताने में जुट गए हैं यह तो देखने वाली बात होगा 23 मई को जब परिणाम आएगा किसकी जीत किसकी हार हुई


जय प्रकाश सिंह
मिर्ज़ापुर
9453881630
Last Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST
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