मिर्जापुर: लखनऊ से लापता दो युवतियां मिर्जापुर के अहरौरा के एक मुहल्ले में महीनों से किराये के मकान रहते हुई पायी गईं है. एक युवती लड़के के रूप में दूसरी ने लड़की के रूप में साथ में रहती थी. किसी को कानों कान तक इस बात की खबर तक पता चली. यहां तक कि एक ने फर्जी आधार कार्ड बनवाकर मकान मालिक से लेकर नौकरी करने वाले तक दुकान पर आधार दी. महीनों से नौकरी करती रही लड़के के रूप में. खोजते हुए परिजन जब पुलिस लेकर पहुंचे तो मामले का खुलासा हो गया. पुलिस ने दोनों को औपचारिकता पूरी करने के बाद परिजनों को सौंप दिया
फर्जी पहचान पत्र के साथ रह रही थी दोनों युवतियां
दरसअल, लखनऊ की रहने दोनों युवतियां लगभग चार महीने पहलेघर से फरार हो गई थीं. परिजन दोनों की तलाश करने के बाद लखनऊ के चिनहट थाने में इन दोनों की गुमशुदगी दर्ज थी. इस बीच एक युवती ने अपनी सहेली से फोन पर बात करते हुए जानकारी दी थी, कि वह अहरौरा में रह रही है. सहेली ने परेशान परिजनों को बताया तो उसके आधार पर बृहस्पतिवार को दोनों युवतियों के परिजन अहरौरा पहुंचे गये. पता चला कि दोनों युवतियां फर्जी आधार कार्ड देकर किराये के मकान में रह रही है.एक युवती ने खुद को युवक बताते हुए अली रेन के नाम से फर्जी आधार कार्ड मकान मालिक को दिया था. इसके आधार पर दोनों महीनों से किराये के मकान में रहीं थी.इतना ही नहीं, फर्जी आधार कार्ड पर ही उसने नौकरी भी पास के दुकान में पा ली थी.कि
चंद रुपयों के लालच में मकान मालिक ने नहीं किया आधार की जांच
दोनों युवतियां लखनऊ स्थित अपने घर के पास रहने वाली एक सहेली से आए दिन फोन पर बातचीत करती थीं. इसी दौरान इन युवतियों ने अपनी सहेली के यहां की सारी जानकारी दी. जिस मकान में फर्जी आधार कार्ड पर दोनों युवतियां साथ रह रही थीं, उसी मकान में बैंक ऑफ बड़ौदा की मिनी शाखा चलती है. आधार कार्ड के जरिए खाते से पैसा निकालने का कार्य होता है. ऐसे में आधार कार्ड का सत्यापन किया गया होता, तो पोल कब की खुल जाती. लेकिन चंद रुपयों की लालच में मकान मालिक ने इसकी जहमत तक नहीं उठाई.