मिर्जापुर: ग्रामीण इलाके में बिजली चोरी रोकने के लिए अब जनपद में खुले तार की जगह बिजली विभाग (electricity department) केबल (cable wire) लगाने जा रहा है. 24 करोड़ की लागत से 1000 से ज्यादा आबादी वाले 445 गांव में यह तार बिछाया जाएगा. इससे उपभोक्ताओं को बिजली को लेकर फायदा होगा और हादसों में कमी आएगी. बिजली चोरी कम होने से विभाग को भी फायदा होगा.
445 गांव में लगेगी केबल
लाइन लॉस कम करने के लिए बिजली विभाग (electricity department) ने ग्रामीण इलाकों में बिजली चोरी को रोकने के लिए अब कमर कस ली है. 1000 से अधिक की आबादी वाले इलाके में सभी खुले तार उतारकर उनके स्थान पर एबीसी केबल (cable wire) लगाया जाएगा. इसके लिए विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है. इसके लिए 445 गांव को चिह्नित किया गया है. इन सभी गांव में 24 करोड़ की लागत से एडीपी योजना के तहत 6 महीने में तार बदलने का लक्ष्य है.
केबल तार से ये होगा फायदा
ग्रामीण इलाके में एबीसी केबल (cable wire) लगने से विद्युत चोरी रुकेगी. इससे कई फायदे होंगे. इसके लगने से चोरी के साथ खुले तारों के चलते होने वाले हादसों में भी कमी आयेगी. साथ ही शार्ट सर्किट से गर्मी के दिनों में होने वाले हादसे भी कम होंगे. इसे सबसे ज्यादा बिजली विभाग को फायदा होगा.
करोड़ों की लागत से शुरू होगा काम
प्रमुख सचिव ऊर्जा अरविंद कुमार ने सभी जनपदों को निर्देश जारी किया है कि 1000 से अधिक आबादी वाले गांव में सभी खुले तार बदले जाएंगे. इसके लिए शासन की ओर से लगभग 700 करोड़ रुपये जारी किए हैं. दिल्ली की ओपी कृष्णा कंपनी (op krishna company) केबल (cable wire) लगाएगी. सर्वे शुरू होते ही केबल बिछाने का काम शुरू हो जाएगा. विंध्याचल मंडल के सोनभद्र, मिर्जापुर, भदोही के लिए 54 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. मिर्जापुर में ये तार 24 करोड़ की लागत से बदले जाएंगे. 6 महीने में केबल लगाने का काम पूरा कर लिया जाएगा. पूर्वांचल के मिर्जापुर, सोनभद्र, चंदौली, गाजीपुर, मऊ, आजमगढ़, जौनपुर, गोरखपुर और वाराणसी में भी इसका काम शुरू किया जाएगा.