मिर्जापुर : खुद को जिंदा साबित करने के लिए पिछले 15 वर्षों से संघर्ष कर रहे बुजुर्ग भोला सिंह के मामले में मीडिया में खबर चलने के बाद प्रशासन ने भोला का DNA जांच कराने का फैसला लिया था. शनिवार को मंडलीय अस्पताल में भोला का DNA टेस्ट के लिए ब्लड का सैम्पल लिया गया. दूसरे पक्ष का सोमवार को सैम्पल लिया जाएगा.
15 सालों से भोला कर रहे हैं संघर्ष
सदर तहसील के अमोई गांव निवासी भोला सिंह पिछले 15 वर्षों से खुद को जिंदा बताने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. सरकारी फाइलों में उन्हें मृत करार दे दिया गया है. अब जिंदा रहते खुद को जिंदा साबित करने के लिए वह सरकारी कार्यालय और कोर्ट का चक्कर लगा रहे हैं. भोला सिंह (56 वर्ष) डीएम कार्यालय के सामने हाथों में बैनर लेकर 16 जनवरी को बैठे थे. उसी दिन वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया था.
बुजुर्ग भोला सिंह का कहना है कि संपत्ति दो भाइयों के नाम कर उन्हें जीवित रहते हुए राजस्व निरीक्षक और लेखपाल ने मृतक करार दे दिया. उनके हिस्से की जमीन भाई राज नारायण के नाम कर दी गई है. अब डीएनए के लिए सैंपल लिया गया है. उम्मीद है कि न्याय मिलेगा.
इस मामले में डीएम ने DNA जांच का आदेश दिया है. जिस पर जांच के लिए सैम्पल लिया गया है. वाराणसी या लखनऊ यह सैंपल जाएगा. जांच के बाद ही पता चल पाएगा. बाकी जैसे ऊपर से आदेश रहेगा उस तरह से काम किया जाएगा.
-पीडी गुप्ता, सीएमओ