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निर्माणाधीन पुल के अप्रोच रोड की धूल बन रही है राहगीरों के लिए मुसीबत

मिर्जापुर में बेलन नदी (belen river) पर पुल निर्माण के अप्रोच से राहगीर और ग्रामीणों को महीनों से परेशानियां हो रही हैं. उड़ती धूल (flying dust) के बीच लोग आवागमन करने को मजबूर हैं.

निर्मानाधीन पुल
निर्मानाधीन पुल
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Published : Nov 22, 2021, 7:55 PM IST

मिर्जापुर : लालगंज से हलिया के रास्ते मध्यप्रदेश को जोड़ने वाले कोटाघाट स्थित बेलन नदी पर पुल निर्माण के अप्रोच से राहगीर और ग्रामीणों को महीनों से परेशानियां हो रही हैं.

बन रहे अप्रोच के कारण एक तरफ धूल उड़ रहे है तो दूसरी तरफ ट्रैफिक की समस्या बनी रहती है. लोगों का कहना है कि मानक के अनुरूप अप्रोच का काम नहीं हो रहा है. साथ ही सर्विस लेन भी अच्छी नहीं बनाई गई है. जिससे गाड़ियां घंटों सड़क में फंस जाती है.

निर्मानाधीन पुल

यही नहीं पानी का छिड़काव भी नहीं किया जा रहा है. उड़ती धूल के बीच लोग आवागमन करने को मजबूर हैं. आए दिन गिरकर घायल भी होते हैं. शिकायत करने पर राज्य सेतु निगम के कर्मचारी और ठेकेदार ग्रामीणों को उल्टे धमकी देते हैं.

ग्रामीणों का आरोप है कि जब से इस पुल के मिट्टी का काम यानी अप्रोच का काम किया जा रहा है, तब से परेशानी बनी हुई है. लगभग डेढ़ महीने से सर्विस लेन अच्छी नहीं होने के चलते ट्रैफिक की समस्या बनी रहती है.

गाड़ियां फंस जाती है. यही नहीं पानी का छिड़काव नहीं होने के कारण लोगों को धूल फांक कर आवागमन करना पड़ता है. धूल इतनी तेज उड़ती है कि कभी-कभी तो दिखाई न देने के कारण राहगीर गिरकर चोटिल भी हो जाते हैं.

इसे भी पढ़ेः यमुना नदी पर पैंटून पुल बनने के लिए 4.54 करोड़ रुपये मंजूर

जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर जनपद के सबसे पिछड़ा ब्लॉक हलिया के कोटाघाट स्थित बेलन नदी पर आजादी के बाद पहली बार पुल का निर्माण कराया जा रहा है . पुल न रहने के कारण लगभग सैकड़ों लोगों का बारिश के समय में संपर्क कट जाता था. रपटे पर पानी आ जाने के कारण ग्रामीण 50 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर काटकर जिला मुख्यालय जाते थे.

कई सालों से ग्रामीणों की मांग को देखते हुए पुल का निर्माण कराया जा रहा है. लेकिन लगभग डेढ़ से 2 महीने से यही पुल ग्रामीणों के लिए इस समय मुसीबत बन गया है.

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मिर्जापुर : लालगंज से हलिया के रास्ते मध्यप्रदेश को जोड़ने वाले कोटाघाट स्थित बेलन नदी पर पुल निर्माण के अप्रोच से राहगीर और ग्रामीणों को महीनों से परेशानियां हो रही हैं.

बन रहे अप्रोच के कारण एक तरफ धूल उड़ रहे है तो दूसरी तरफ ट्रैफिक की समस्या बनी रहती है. लोगों का कहना है कि मानक के अनुरूप अप्रोच का काम नहीं हो रहा है. साथ ही सर्विस लेन भी अच्छी नहीं बनाई गई है. जिससे गाड़ियां घंटों सड़क में फंस जाती है.

निर्मानाधीन पुल

यही नहीं पानी का छिड़काव भी नहीं किया जा रहा है. उड़ती धूल के बीच लोग आवागमन करने को मजबूर हैं. आए दिन गिरकर घायल भी होते हैं. शिकायत करने पर राज्य सेतु निगम के कर्मचारी और ठेकेदार ग्रामीणों को उल्टे धमकी देते हैं.

ग्रामीणों का आरोप है कि जब से इस पुल के मिट्टी का काम यानी अप्रोच का काम किया जा रहा है, तब से परेशानी बनी हुई है. लगभग डेढ़ महीने से सर्विस लेन अच्छी नहीं होने के चलते ट्रैफिक की समस्या बनी रहती है.

गाड़ियां फंस जाती है. यही नहीं पानी का छिड़काव नहीं होने के कारण लोगों को धूल फांक कर आवागमन करना पड़ता है. धूल इतनी तेज उड़ती है कि कभी-कभी तो दिखाई न देने के कारण राहगीर गिरकर चोटिल भी हो जाते हैं.

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जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर जनपद के सबसे पिछड़ा ब्लॉक हलिया के कोटाघाट स्थित बेलन नदी पर आजादी के बाद पहली बार पुल का निर्माण कराया जा रहा है . पुल न रहने के कारण लगभग सैकड़ों लोगों का बारिश के समय में संपर्क कट जाता था. रपटे पर पानी आ जाने के कारण ग्रामीण 50 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर काटकर जिला मुख्यालय जाते थे.

कई सालों से ग्रामीणों की मांग को देखते हुए पुल का निर्माण कराया जा रहा है. लेकिन लगभग डेढ़ से 2 महीने से यही पुल ग्रामीणों के लिए इस समय मुसीबत बन गया है.

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