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धान खरीद नहीं, पारिवारिक विवाद की वजह से किसान ने खाया जहर : जिला प्रशासन - जमालपुर थाना क्षेत्र

अपर जिलाधिकारी ने कहा कि किसान के जहर खाने का मामला पारिवारिक विवाद में पैसे के लेन-देन से जुड़ा हुआ है. इसे धान खरीद से जोड़ना गलत है. खबर पूरी तरह से फर्जी है.

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Published : Jan 10, 2021, 11:05 PM IST

मिर्जापुर : कर्ज से परेशान किसान का धान खरीद न हो पाने से जहर खाकर आत्महत्या करने के प्रयास पर जिला प्रशासन ने सफाई दी है. जिला प्रशासन का दावा है कि मामला पूरी तरह से फर्जी है. परिवार में पैसे को लेकर हुए विवाद में युवक ने जहर खाया है. युवक और उसके पिता दोनों से धान की खरीद हुई है. इसके रिकार्ड भी मौजूद हैं.

किसान ने खाया जहर.

कर्ज से परेशान युवक ने खाया जहर
जमालपुर थाना क्षेत्र के भदवल गांव में बनाए गए नैफेड के धान क्रय केंद्र पर रखे धान की खरीद न होने के कारण एक किसान के जहर खाने की खबर से हड़कंप मच गया. किसान का इलाज वाराणसी में चल रहा है. स्थानीय ग्रामीणों का दावा है कि किसान विवेक कुमार सिंह गांव में बटाई पर खेत लिया था. कुछ धान बिका. कुछ धान बेचने के लिए खरीद केंद्र पर रखा था. मगर उसके धान की बिक्री को अधिकारी ने रोक दिया था. धान की बिक्री नहीं हो रही थी. कर्ज और उधारी चुकता करने के लिए लगातार दबाव बढ़ता जा रहा था. पैसे को लेकर बढ़ते दबाव के कारण उसने शनिवार को जहर खा लिया.

एसडीएम से कराई गई जांच

मामला जब जिला प्रशासन के संज्ञान में आया तो मामले की जांच SDM चुनार से कार्रवाई गई. गांव पहुंची टीम ने घर पहुंच कर पूरे मामले की जांच पड़ताल की. जांच के बाद जिला प्रशासन का दावा है कि यह मामला पारिवारिक विवाद में पैसे के लेन-देन से जुड़ा हुआ है. इसे धान खरीद से जोड़ना गलत है. खबर पूरी तरह से फर्जी है.

अपर जिलाधिकारी यूपी सिंह ने रविवार को कहा कि पूरे मामले की जांच चुनार के SDM से कराई गई है, जिसमें पता चला कि जहर खाने वाले युवक विवेक कुमार सिंह ने 1 लाख 30 हजार मूल्य का 70 कुन्तल धान बेचा था. वहीं विवेक के पिता रमाशंकर सिंह ने 34 कुंतल धान बेचा था, जिसका 65 हजार रुपये का भुगतान भी उन्हें कर दिया गया है. धान नहीं बिकने के कारण युवक ने जहर खाया है, यह खबर पूरी तरह से फर्जी है. जबकि धान की बिक्री उसकी पहले ही हो चुकी है.

जिले के सभी बटाई वाले किसानों की होगी जांच
अपर जिलाधिकारी ने कहा कि विवेक ने खेत बटाई के कागजात पर धान की बिक्री की. जबकि उनके पिता ने अपने खेत के कागजात पर धान की बिक्री की है. डिप्टी आरएमओ की जांच में बटाई वाले किसान उस केंद्र पर ज्यादा मिले थे, जिसको कहा गया था कि सत्यापन के बाद ही लिया जाएगा. अब सभी बटाई किसानों की जांच की जाएगी. दोषी पाए जाने पर बटाई वाले किसान के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

एक दिन पहले केंद्र प्रभारी को रस्सी बांधकर बनाया गया था बंधक
एक दिन पहले इसी केंद्र पर धान खरीद किए जाने से नाराज किसानों ने केंद्र प्रभारी को कुर्सी बैठाकर रस्सी से बांधकर बंधक बना लिया था. साथ ही किसानों ने केंद्र प्रभारी और जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की थी. अब मामले के तूल पकड़ने के बाद धान क्रय केंद्र पर पर किसानों ने धरना प्रदर्शन करते हुए किसानों से धान खरीद की मांग शुरू कर दी है.

मिर्जापुर : कर्ज से परेशान किसान का धान खरीद न हो पाने से जहर खाकर आत्महत्या करने के प्रयास पर जिला प्रशासन ने सफाई दी है. जिला प्रशासन का दावा है कि मामला पूरी तरह से फर्जी है. परिवार में पैसे को लेकर हुए विवाद में युवक ने जहर खाया है. युवक और उसके पिता दोनों से धान की खरीद हुई है. इसके रिकार्ड भी मौजूद हैं.

किसान ने खाया जहर.

कर्ज से परेशान युवक ने खाया जहर
जमालपुर थाना क्षेत्र के भदवल गांव में बनाए गए नैफेड के धान क्रय केंद्र पर रखे धान की खरीद न होने के कारण एक किसान के जहर खाने की खबर से हड़कंप मच गया. किसान का इलाज वाराणसी में चल रहा है. स्थानीय ग्रामीणों का दावा है कि किसान विवेक कुमार सिंह गांव में बटाई पर खेत लिया था. कुछ धान बिका. कुछ धान बेचने के लिए खरीद केंद्र पर रखा था. मगर उसके धान की बिक्री को अधिकारी ने रोक दिया था. धान की बिक्री नहीं हो रही थी. कर्ज और उधारी चुकता करने के लिए लगातार दबाव बढ़ता जा रहा था. पैसे को लेकर बढ़ते दबाव के कारण उसने शनिवार को जहर खा लिया.

एसडीएम से कराई गई जांच

मामला जब जिला प्रशासन के संज्ञान में आया तो मामले की जांच SDM चुनार से कार्रवाई गई. गांव पहुंची टीम ने घर पहुंच कर पूरे मामले की जांच पड़ताल की. जांच के बाद जिला प्रशासन का दावा है कि यह मामला पारिवारिक विवाद में पैसे के लेन-देन से जुड़ा हुआ है. इसे धान खरीद से जोड़ना गलत है. खबर पूरी तरह से फर्जी है.

अपर जिलाधिकारी यूपी सिंह ने रविवार को कहा कि पूरे मामले की जांच चुनार के SDM से कराई गई है, जिसमें पता चला कि जहर खाने वाले युवक विवेक कुमार सिंह ने 1 लाख 30 हजार मूल्य का 70 कुन्तल धान बेचा था. वहीं विवेक के पिता रमाशंकर सिंह ने 34 कुंतल धान बेचा था, जिसका 65 हजार रुपये का भुगतान भी उन्हें कर दिया गया है. धान नहीं बिकने के कारण युवक ने जहर खाया है, यह खबर पूरी तरह से फर्जी है. जबकि धान की बिक्री उसकी पहले ही हो चुकी है.

जिले के सभी बटाई वाले किसानों की होगी जांच
अपर जिलाधिकारी ने कहा कि विवेक ने खेत बटाई के कागजात पर धान की बिक्री की. जबकि उनके पिता ने अपने खेत के कागजात पर धान की बिक्री की है. डिप्टी आरएमओ की जांच में बटाई वाले किसान उस केंद्र पर ज्यादा मिले थे, जिसको कहा गया था कि सत्यापन के बाद ही लिया जाएगा. अब सभी बटाई किसानों की जांच की जाएगी. दोषी पाए जाने पर बटाई वाले किसान के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

एक दिन पहले केंद्र प्रभारी को रस्सी बांधकर बनाया गया था बंधक
एक दिन पहले इसी केंद्र पर धान खरीद किए जाने से नाराज किसानों ने केंद्र प्रभारी को कुर्सी बैठाकर रस्सी से बांधकर बंधक बना लिया था. साथ ही किसानों ने केंद्र प्रभारी और जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की थी. अब मामले के तूल पकड़ने के बाद धान क्रय केंद्र पर पर किसानों ने धरना प्रदर्शन करते हुए किसानों से धान खरीद की मांग शुरू कर दी है.

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