मिर्जापुरः जिला प्रशासन ने नेफेड और एनसीसीएफ के 27 केंद्रों में से 17 को बंद कर दिया है. प्रशासन ने ये कार्रवाई धान केंद्रों पर किसानों के बेचे गये धान का भुगतान समय पर न हो पाने की वजह से हुआ है. 10 केंद्रों को भुगतान समय से करने का आश्वासन देने पर मोहलत दिया गया है. जिले में अभीतक धान की खरीद 34 फीसदी ही की गयी है. इन क्रय केंद्रों के बंद होने से किसानों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
धान क्रय केंद्र बंद किसान परेशान
धान क्रय केंद्रों पर किसान अपने उत्पाद को बेचने को लेकर एक ओर जहां परेशान है. वहीं दूसरी ओर भुगतान समय से न होने की वजह से नेफेड और एनसीसीएफ के क्रय केंद्रों को बंद करा दिया जा रहा है. जिले में नेफेड के 15 और एनसीसीएफ के 12 केंद्र संचालित हैं. इन केंद्रों पर प्रतिदिन 300 किसानों से करीब 15 सौ मेट्रिक टन धान की खरीद की जा रही थी. केंद्रों पर लंबे समय से किसानों के भुगतान नहीं हो पा रहे थे. अब 27 में से 17 केंद्रों के कांटों को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिए जाने से किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. वहीं 10 केंद्रों को संचालित करने को कहा गया है. लेकिन 3 दिनों के भीतर 80 फीसदी का भुगतान नहीं करने पर दोनों एजेंसियों के सभी 27 केंद्रों को बंद कर दिया जाएगा.
धान की धीमी गति की खरीद से किसान परेशान
जिले में धान की धीमी गति खरीद से एक ओर किसान परेशान हैं. ऐसे में नेफेड और एनसीसीएफ के 17 केंद्र बंद हो जाने से और कम खरीदारी की संभावना बढ़ गयी है. जिले में 65 जगहों पर कुल 94 क्रय केंद्र बनाए गए हैं. 2,61,250 मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. ताकि किसान अपने धान की फसल आसानी से बेच सके. अभी तक जिले में 88,662 मीट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है, जो लक्ष्य का 34 फीसदी है. एक दिन पहले धान खरीद को लेकर नगर विकास सचिव और जिला नोडल अधिकारी ने धान खरीद की समीक्षा बैठक की थी. उन्होंने कहा था कि किसानों के धान खरीद में बिचौलियों की भूमिका की शिकायत आने पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी और सभी किसानों का 72 घंटे में भुगतान किया जायेगा.