ETV Bharat / state

मिर्जापुर: BHU के राजीव गांधी दक्षिणी परिसर का नाम बदलने की तैयारी, कांग्रेस कर रही विरोध - राजीव गांधी दक्षिण परिसर

यूपी के मिर्जापुर स्थित काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के राजीव गांधी साउथ कैंपस का नाम बदलने की तैयारी है. इसको लेकर बीएचयू कोर्ट में प्रस्ताव भी पारित हो गया है और इसे अकादमिक निकाय परिषद में भेजा गया है. वहीं कांग्रेस इसका विरोध कर रही है.

etv bharat
बीएचयू के साउथ कैम्पस का नाम बदलने का प्रस्ताव.
author img

By

Published : Dec 13, 2019, 11:19 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST

मिर्जापुर: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में पिछले कई दिनों से आए दिन कोई न कोई विवाद खड़ा हो रहा है. हाल ही में बीएचयू में डॉक्टर फिरोज खान की नियुक्ति को लेकर छात्रों ने कई दिनों तक बवाल कर रखा था.

बीएचयू के साउथ कैम्पस का नाम बदलने का प्रस्ताव.

ताजा मामला बीएचयू के मिर्जापुर के बरकछा स्थित राजीव गांधी साउथ कैंपस के नाम बदलने को लेकर है. बीएचयू के साउथ कैंपस का नाम बदलने को लेकर बीएचयू कोर्ट में प्रस्ताव आने के बाद कांग्रेस इसका विरोध कर रही है. वहीं बीएचयू के साउथ कैंपस का नाम बदलने को लेकर यहां के छात्र-छात्राओं की मिलीजुली प्रतिक्रिया है. कुछ विद्यार्थी समर्थन में हैं तो कुछ ने नाम बदलने पर सवाल खड़े किए हैं. छात्रों का कहना है कि इससे हटकर मूलभूत सुविधाओं पर ध्यान देना चाहिए.

बीएचयू के साउथ कैंपस का नाम बदलने के प्रस्ताव का कांग्रेस कर रही विरोध

  • बीएचयू में कुलाधिपति की बैठक के दौरान बीएचयू के मिर्जापुर स्थित बरकछा परिसर का नाम बदलने को लेकर सियासी चर्चा जोर पकड़ने लगी है.
  • कांग्रेस इस मामले का विरोध कर रही है.
  • मिर्जापुर के बरकछा स्थित बीएचयू दक्षिण परिसर का शिलान्यास 2006 में हुआ था.
  • सन् 2005 में प्रो पंजाब सिंह ने इस जमीन का निरीक्षण किया था. इसके बाद भूमि पूजन हुआ.
  • उसी समय से इसका नाम राजीव गांधी दक्षिण परिसर रखा गया था.
  • अब 13 वर्ष बाद इस नाम को बदलने की कवायद शुरू हो गई है.
  • बीएचयू के चांसलर हाईकोर्ट के रिटायर्ड न्यायाधीश और महामना के पौत्र गिरधर मालवीय की अध्यक्षता में बैठक हुई.
  • इस बैठक में नाम बदलने के लिए प्रस्ताव रखा गया.
  • बैठक में कुल 49 सदस्यों में 35 सदस्य ही शामिल हुए.
  • बैठक में मौजूद अधिकांश सदस्यों ने नाम बदलने पर सहमति जताई.

इसके बाद बीएचयू कोर्ट ने इस प्रस्ताव को अकादमिक निकाय परिषद को भेजा है. अकादमिक निकाय परिषद अब इस प्रस्ताव पर विचार करके UGC और मानव संसाधन मंत्रालय को भेजेगा. इस प्रस्ताव का कांग्रेस विरोध कर रही है. कांग्रेस के जिला महासचिव छोटे खान ने इस संदर्भ में बीएचयू कुलपति को पत्र भी लिखा है.

छात्रों की ये है राय

वहीं बीएचयू दक्षिण परिसर में पढ़ रहे हैं छात्राओं की इस मामले में मिलीजुली प्रतिक्रिया है. कुछ छात्रों का मानना है कि नाम बदला जाए क्योंकि जैसे बनारस का नाम है. उसी तरह यहां भी नाम होना चाहिए. वहीं कुछ छात्रों का कहना है कि नाम बदलने से कुछ नहीं मिलेगा. मूलभूत सुविधाओं की जरूरत है. उस पर ध्यान देना चाहिए. यहां पर ट्रांसपोर्टेशन, साइबर लाइब्रेरी, फीस काउंटर बनाने की जरूरत है. कुलपति को उस पर ध्यान देना चाहिए, न कि नाम बदलने पर.

यह भारत रत्न राजीव गांधी का अपमान है. भारतीय जनता पार्टी ने कुछ किया तो है नहीं सिर्फ नाम बदलना इनका काम है. नाम बदलकर क्या मिलेगा. क्या साबित करना चाहते हैं. नाम नहीं बदलने दिया जाएगा. हम लोग संघर्ष करेंगे.
-छोटे खान, जिला महासचिव, कांग्रेस

मिर्जापुर: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में पिछले कई दिनों से आए दिन कोई न कोई विवाद खड़ा हो रहा है. हाल ही में बीएचयू में डॉक्टर फिरोज खान की नियुक्ति को लेकर छात्रों ने कई दिनों तक बवाल कर रखा था.

बीएचयू के साउथ कैम्पस का नाम बदलने का प्रस्ताव.

ताजा मामला बीएचयू के मिर्जापुर के बरकछा स्थित राजीव गांधी साउथ कैंपस के नाम बदलने को लेकर है. बीएचयू के साउथ कैंपस का नाम बदलने को लेकर बीएचयू कोर्ट में प्रस्ताव आने के बाद कांग्रेस इसका विरोध कर रही है. वहीं बीएचयू के साउथ कैंपस का नाम बदलने को लेकर यहां के छात्र-छात्राओं की मिलीजुली प्रतिक्रिया है. कुछ विद्यार्थी समर्थन में हैं तो कुछ ने नाम बदलने पर सवाल खड़े किए हैं. छात्रों का कहना है कि इससे हटकर मूलभूत सुविधाओं पर ध्यान देना चाहिए.

बीएचयू के साउथ कैंपस का नाम बदलने के प्रस्ताव का कांग्रेस कर रही विरोध

  • बीएचयू में कुलाधिपति की बैठक के दौरान बीएचयू के मिर्जापुर स्थित बरकछा परिसर का नाम बदलने को लेकर सियासी चर्चा जोर पकड़ने लगी है.
  • कांग्रेस इस मामले का विरोध कर रही है.
  • मिर्जापुर के बरकछा स्थित बीएचयू दक्षिण परिसर का शिलान्यास 2006 में हुआ था.
  • सन् 2005 में प्रो पंजाब सिंह ने इस जमीन का निरीक्षण किया था. इसके बाद भूमि पूजन हुआ.
  • उसी समय से इसका नाम राजीव गांधी दक्षिण परिसर रखा गया था.
  • अब 13 वर्ष बाद इस नाम को बदलने की कवायद शुरू हो गई है.
  • बीएचयू के चांसलर हाईकोर्ट के रिटायर्ड न्यायाधीश और महामना के पौत्र गिरधर मालवीय की अध्यक्षता में बैठक हुई.
  • इस बैठक में नाम बदलने के लिए प्रस्ताव रखा गया.
  • बैठक में कुल 49 सदस्यों में 35 सदस्य ही शामिल हुए.
  • बैठक में मौजूद अधिकांश सदस्यों ने नाम बदलने पर सहमति जताई.

इसके बाद बीएचयू कोर्ट ने इस प्रस्ताव को अकादमिक निकाय परिषद को भेजा है. अकादमिक निकाय परिषद अब इस प्रस्ताव पर विचार करके UGC और मानव संसाधन मंत्रालय को भेजेगा. इस प्रस्ताव का कांग्रेस विरोध कर रही है. कांग्रेस के जिला महासचिव छोटे खान ने इस संदर्भ में बीएचयू कुलपति को पत्र भी लिखा है.

छात्रों की ये है राय

वहीं बीएचयू दक्षिण परिसर में पढ़ रहे हैं छात्राओं की इस मामले में मिलीजुली प्रतिक्रिया है. कुछ छात्रों का मानना है कि नाम बदला जाए क्योंकि जैसे बनारस का नाम है. उसी तरह यहां भी नाम होना चाहिए. वहीं कुछ छात्रों का कहना है कि नाम बदलने से कुछ नहीं मिलेगा. मूलभूत सुविधाओं की जरूरत है. उस पर ध्यान देना चाहिए. यहां पर ट्रांसपोर्टेशन, साइबर लाइब्रेरी, फीस काउंटर बनाने की जरूरत है. कुलपति को उस पर ध्यान देना चाहिए, न कि नाम बदलने पर.

यह भारत रत्न राजीव गांधी का अपमान है. भारतीय जनता पार्टी ने कुछ किया तो है नहीं सिर्फ नाम बदलना इनका काम है. नाम बदलकर क्या मिलेगा. क्या साबित करना चाहते हैं. नाम नहीं बदलने दिया जाएगा. हम लोग संघर्ष करेंगे.
-छोटे खान, जिला महासचिव, कांग्रेस

Intro:सर bhu का कुछ विजुअल और छात्रों की बाईट रैप से है इसी नाम से

काशी हिंदू विश्वविद्यालय में आए दिन कोई न कोई विवाद खड़ा होता दिख रहा है कभी राजनीतिक कारण तो कभी छात्राओं का असंतोष प्रदर्शन हाल ही में कई दिनों तक बीएचयू में डॉक्टर फिरोज खान की नियुक्ति को लेकर छात्राओं ने बवाल कर रखा था अब नया बीएचयू में मिर्जापुर के बरकछा स्थित राजीव गांधी साउथ केंपस के नाम बदलने को लेकर है साउथ कैम्पस नाम बदलने को लेकर बीएचयू कोर्ट में प्रस्ताव आने के बाद कांग्रेस विरोध कर रही है भारतीय जनता पार्टी ने कुछ किया तो है नहीं सिर्फ नाम बदलना इनका काम है नाम बदलकर क्या मिलेगा क्या साबित करना चाहते हैं नाम नहीं बदलने दिया जाएगा हम लोग संघर्ष करेंगे राजीव गांधी एक प्रधानमंत्री थे। वही पढ़ रहे बीएचयू साउथ कैंपस में छात्र छात्राओं का नाम बदलने को लेकर मिलीजुली प्रतिक्रिया है कुछ समर्थन कर रहे हैं तो कुछ कह रहे हैं नाम बदलने क्या होगा मूलभूत सुविधाओं पर ध्यान देना चाहिए।


Body:बीएचयू में कुलाधिपति के बैठक के दौरान बीएचयू मिर्जापुर में स्थित बरकछा परिसर का नाम राजीव गांधी से हटाने को लेकर अब सियासी चर्चा जोर पकड़ने लगी है। कांग्रेस जिला महासचिव छोटे खान इस मामले में कहते हैं कि यह भारत रत्न राजीव गांधी का अपमान है निंदनीय हैं वह देश के प्रधानमंत्री थे।मंत्री अर्जुन सिंह ने भारत सरकार के माध्यम से बहुत पैसा दिया था पूरा बीएचयू तैयार हो जाना चाहिए था बनारस का जो बीएचयू है उससे बड़ा राजीव गांधी दक्षिण परिसर बरकछा है भारतीय जनता पार्टी तो कुछ किया तो है नही सिर्फ नाम बदलना है ।अर्जुन सिंह जब आए थे तो मैं वहां मौजूद था उसमें यही हुआ था कि बीएचयू परिसर बने गरीबों के इलाज हो सके बाहर से आकर लोग पढ़ाई करें नाम बदला जा रहा है यह घोर निंदनीय है इनको बनाना है तो दूसरा बना दें इससे बड़ा बना दें नाम बदलकर क्या साबित करना चाहते हैं हम इसका जमकर विरोध करेंगे संघर्ष करेंगे जब तक नहीं रुकेगा तब तक संघर्ष करेंगे। वही बीएचयू दक्षिण परिसर में पढ़ रहे हैं छात्राओं का मिली जुली प्रतिक्रिया है कुछ छात्राओं का मानना है कि नाम बदला जाए क्योंकि जैसे बनारस का नाम है उसी तरह यहां भी नाम होना चाहिए राजीव गांधी नाम रखने से क्या मिल रहा है तो वहीं कुछ छात्रों का कहना है कि नाम बदलने से कुछ नहीं मिलेगा मूलभूत सुविधाओं की जरूरत है उस पर ध्यान देना चाहिए यहां पर ट्रांसपोर्टेशन साइबर लाइब्रेरी इसी तरह फीस काउंटर बनाने की जरूरत है बीसी साहब को उस पर ध्यान देना चाहिए न कि नाम बदलने पर।
हम आपको बता दें मिर्जापुर के बरकछा में स्थित बीएचयू दक्षिण परिसर का शिलान्यास 2006 में हुआ था उस समय के तत्कालीन प्रो पंजाब सिंह ने किया था सन 2005 में प्रो पंजाब सिंह ने इस जमीन का निरीक्षण किया था जिसके बाद भूमि पूजन हुआ उसी समय से इसका नाम राजीव गांधी दक्षिण परिषद रखा गया था लेकिन अब 13 वर्ष के बाद इस नाम को बदलने की कवायद शुरू हो गई है।बताया जा रहा है बीएचयू के चांसलर व हाईकोर्ट के रिटायर्ड न्यायाधीश महामना के पौत्र गिरधर मालवीय की अध्यक्षता में बैठक हुई इस नाम को बदलने के लिए जिसमें प्रस्ताव रखा गया 49 सदस्यों में से 35 सदस्य शामिल हुए बैठक में अधिकांश सदस्यों के नाम बदलने पर सहमति जताया वहीं कुछ ने यथास्थिति रखने की बात कही कोर्ट परिसर में नाम सुझाए जाने के बाद यह विद्या परिषद में रखा गया है।

बाईट-छोटे खान-कांग्रेस जिला महासचिव मिर्ज़ापुर
बाईट-संस्कार-छात्र
बाईट-प्रिया पाठक-छात्रा

जयप्रकाश सिंह
मिर्ज़ापुर
9453881630




Conclusion:
Last Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.