मिर्जापुर: चुनार विधानसभा क्षेत्र से लगातार चार बार विधायक रहे यदुनाथ सिंह पटेल का रविवार देर रात को निधन हो गया. पूर्व विधायक यदुनाथ सिंह पटेल चुनार थाना क्षेत्र के नियामतपुर गांव के रहने वाले थे. पूर्व विधायक के निधन के बाद जनपद में शोक की लहर है.
1970 में BHU से की मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई
यदुनाथ सिंह 1970 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान राजनीति में आए थे. उन्होंने राजनीति की शुरुआत विधानसभा के चुनाव के दौरान 1977 में मुगलसराय से निर्दल प्रत्याशी के रूप में शुरू की थी. हालांकि कम वोट के चलते सोशलिस्ट पार्टी के प्रत्याशी जंगी प्रसाद यादव से हार गए. फिर जंगी प्रसाद यादव ने किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह से यदुनाथ सिंह पटेल की मुलाकात करवाई और साल 1980 में चुनार से ऐतिहासिक जीत दर्ज करके अपना नाम संघर्ष और गरीबों के मसीहा के रूप में दर्ज किया.
चुनार से लगातार चार बार विधानसभा चुनाव जीते
यदुनाथ सिंह 1980, 1985,1989 और 1991 में चुनार से लगातार चार बार विधानसभा चुनाव जीते. चुनार की राजनीति को मिनी बागपत का नाम दिलाने वाले पुरोधा यदुनाथ सिंह वर्ष 1993 में भाजपा नेता ओमप्रकाश सिंह से पराजित हुए थे. 1991 के नामांकन जुलूस को 'लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड' में दर्ज करवाया. अपने राजनीतिक जीवन के तमाम उतार चढ़ाव के बाद भी यदुनाथ सिंह जनतादल (अ) के प्रदेश अध्यक्ष रहे.
वह वर्ष 1996 में जनता दल सेक्युलर से चुनाव लड़े और पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा की ऐतिहासिक रैली करवा कर विरोधियों में अपनी लोकप्रियता का लोहा मनवाया था. 2002 में भाजपा+जनता दल (यू) से राजगढ़ से चुनाव लड़े, लेकिन वह हार गए. फिर 2007 में राष्ट्रीय लोकदल से चुनार से चुनाव लड़े और वहीं चुनाव यदुनाथ सिंह पटेल के जीवन का अंतिम चुनाव रहा. यदुनाथ सिंह लगातार गिरते स्वास्थ्य की वजह से सक्रिय राजनीति से अलग होते चले गए.
जनपद में शोक की लहर
संघर्ष का दूसरा नाम और 'तू जमाना बदल' का नारा देने वाले यदुनाथ सिंह पटेल ने जब अंतिम सांस ली तो जनपद में शोक की लहर दौड़ पड़ी. पूर्व केंद्रीय मंत्री, अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष सांसद अनुप्रिया पटेल, ऊर्जा राज्यमंत्री रमाशंकर सिंह पटेल से लेकर एमएलसी आशीष सिंह पटेल सहित तमाम नेताओं में शोक का माहौल है.