मेरठ: हाइड्रोपोनिक तकनीक से फूल और सब्जी की खेती आसानी से की जा सकती है. यूपी के मैनपुरी के रहने वाले शिवम मिश्रा इस तकनीक को लोगों तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं. बीसीए करने के बाद शिवम मिश्रा ने पहले प्राइवेट कंपनी में नौकरी की, लेकिन वहां मन नहीं लगा. ऑर्गेनिक खेती के बारे में जब उन्हें जानकारी मिली तो उन्होंने कुछ ऐसा करने का ठान लिया जो अलग हो. उन्हें विदेशों की हाइड्रोपोनिक्स तकनीक के बारे में जानकारी मिली तो शिवम ने इस पर ही काम करने का निश्चय कर लिया.
क्या होती है हाइड्रोपोनिक तकनीक
हाइड्रोपोनिक तकनीक में मिट्टी के बजाए पानी में भी फसलों को उगाया जाता है. इसमें पौधों के लिए जरूरी पोषक तत्वों को पानी के सहारे सीधे पौधों की जड़ों तक पहुंचाया जाता है. पौधे एक मल्टी लेयर फ्रेम के सहारे टिके पाइप में उगते हैं और इनकी जड़े पाइप के अंदर पोषक तत्वों से भरे पानी में छोड़ दी जाती हैं. वह फसलें जो अभी तक केवल खेत में ही होती थीं उन्हें अब पानी में भी उगाया जा सकता है. इस तकनीक में सामान्य से 90% कम पानी खर्च होता है. इस तकनीक से आलू, गाजर इत्यादि तरह की फसलें छोड़कर अन्य सभी फसलें उगाई जा सकती हैं.
27 स्थानों पर करा रहे हैं खेती
ईटीवी भारत से खास बातचीत में शिवम मिश्रा ने बताया कि इस काम में उनके कनाडा में रहने वाले एक मित्र ने मदद की. अब शिवम मिश्रा इस तकनीक से यूपी में मैनपुरी के अलावा कानपुर, उन्नाव समेत आठ स्थानों पर हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से खेती करा रहे हैं. देश के अंदर करीब 27 स्थानों पर वह इस तकनीक से खेती करा रहे हैं. इस समय उन्होंने मेरठ की चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी में अपना प्रोजेक्ट शुरू किया है.
इस तकनीक से उगाई जाने वाली सब्जी की फसल जैविक होती है. इसका स्वाद भी अलग ही होता है, जो स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी साबित हो रहा है. इस तकनीक से खेती घर के अंदर आंगन में, मकान की छत पर कहीं भी की जा सकती है और इसमें खर्च भी कम आता है.
शिवम मिश्रा, किसान