मेरठ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 अक्टूबर को देश के पहली रैपिड रेल नमो भारत का गाजियाबाद में उद्घाटन कर दिया था. दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस के प्रायोरिटी सेक्शन पर संचालन का आम जनता के लिए शुरु होने से भी लोगों को दिल्ली पहुंचने के लिए राहत अभी भी मिल गई है. अब मेरठ की बारी है, 2023 में यह एक बड़ा काम वेस्ट यूपी में हुआ है, हालांकि अभी मेरठ तक इस ट्रेन के आने का लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. अभी प्रथम चरण में दुहाई तक नमो भारत ट्रेन दौड़ने लगी है.
पीएम ने किया था उद्घाटन : 2024 नजदीक है. ऐसे में दिल्ली से मेरठ के बीच पहली रीजनल रेल दौड़ाने की दिशा में काफी महत्वपूर्ण काम इस वर्ष हुआ है. 20 अक्टूबर 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के प्रथम रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम का उद्घाटन किया तथा भारत की पहली नमो भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी, हालांकि अभी यह ट्रेन सिर्फ प्रायोरिटी सेक्शन साहिबाबाद से दुहाई क़े बीच ही संचालित हुई है, लेकिन मेरठ तक इसे शुरु करने के लिए कार्य तेजी से जारी है.
2019 में हुई थी निर्माण की शुरुआत : बात करें अगर एनसीआरटीसी की तो 2023 उपलब्धियों का वर्ष रहा है, 20 अक्टूबर 2023 को प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के प्रथम रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम का उद्घाटन किया था. भारत की पहली नमो भारत ट्रेन को स्वयं पीएम मोदी ने ही हरी झंडी दिखाई थी. साहिबाबाद से दुहाई डिपो के बीच 17 किमी दूरी के प्राथमिक खंड पर जनता के लिए नमो रेल अब दौड़ने लगी है. बता दें कि आरआरटीएस कॉरिडोर के निर्माण की शुरुआत 2019 में हुई थी और महज चार साल के अंदर प्राथमिक खंड को परिचालित कर देना एक बहुत बड़ी उपलब्धि कही जा सकती है.
परिचालन को मिली थी मंजूरी : गौरतलब है कि जून 2023 में मेट्रो रेल सुरक्षा आयुक्त (सीएमआरएस) द्वारा प्राथमिक खंड पर साहिबाबाद से दुहाई डिपो के बीच नमो भारत ट्रेन सेवा के परिचालन को मंजूरी दे दी गई थी, सीएमआरएस की मंजूरी के साथ, आरआरटीएस का प्राथमिक खंड देश की ऐसी पहली रेलवे प्रणाली बन गया, जिसे 160 किमी प्रति घंटा की अधिकतम परिचालन गति के साथ सम्पूर्ण सेक्शन पर परिचालन के लिए खोला जाना था. जिसके बाद भारत की पहली नमो भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई गई और इसी के साथ ही 21 अक्टूबर 2023 से नमो का संचालन हो चुका है.
कॉरिडोर की टनलिंग का काम पूरा : एनसीआरटीसी के प्रवक्ता के मुताबिक, 'एनसीआर में तेज गति की रीजनल कनेक्टिविटी प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव के तहत, सम्पूर्ण दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर की टनलिंग का काम पूरा कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि इस कॉरिडॉर में कुल चार अंडरग्राउंड स्टेशन हैं, जिनमें दिल्ली में आनंद विहार और मेरठ में मेरठ सेंट्रल, भैसाली और मेरठ का ही बेगुमपुल स्टेशन हैं.'
टनल बनाने का काम किया था शुरू : एनसीआरटीसी ने आरआरटीएस कॉरिडोर के भूमिगत भाग में 22 फरवरी 2022 से टनल बनाने का काम आरंभ किया था, 29 अगस्त 2023 को आनंद विहार से साहिबाबाद के बीच निर्माणाधीन दो किमी लंबी टनल के पूरा होने के साथ ही सम्पूर्ण आरआरटीएस कॉरिडोर की टनलिंग (सुरंग बनाने) का काम पूरा हो गया था, पूरे आरआरटीएस कॉरिडोर की टनलिंग के कार्य को महज 18 महीने से भी कम समय में पूरा किया गया था. जिम्मेदार अफसरों की मानें तो 12 किमी लंबे भूमिगत सेक्शन में समानांतर टनलों को बोर करने के लिए कुल सात अत्याधुनिक सुदर्शन (टनल बोरिंग मशीनों) का उपयोग किया गया था.
दुहाई से मेरठ साउथ तक ट्रेन दौड़ाने की तैयारी : बता दें कि अब दुहाई से मेरठ साउथ तक इस ट्रेन को दौड़ाने की तैयारी की जा रही है. द्वितीय चरण के इस खंड पर ट्रैक बिछाने के साथ-साथ ओएचई लाइन बनाने का काम काफी तीव्र गति से दिन-रात किया जा रहा है. जिम्मेदारों का तो यहां तक दावा है कि अप्रैल-2024 तक साहिबाबाद से मेरठ साउथ स्टेशन तक नमो भारत ट्रेन पहुंच जाएगी. यानी कह सकते हैं कि रेपिड से रेपिडेक्स और उसके बार फिर नमो भारत हुई रीजनल रेल के मेरठ तक पहुंचने क़े लिए कार्य प्रगति पर है.
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