ETV Bharat / state

राष्ट्रीय शिक्षा नीति से भारतीय मुद्रा विदेश जाने से बचेगी: डॉ. पंकज मित्तल - dr pankaj mittal

मेरठ स्थित चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और उसके क्रियान्वयन विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया. जिसमें उच्च शिक्षा के विस्तृत और समग्र दृष्टि पर वक्ताओं ने अपने-अपने विचार प्रस्तुत किए.

वेबीनार में शामिल वक्ता.
वेबीनार में शामिल वक्ता.
author img

By

Published : Aug 30, 2020, 10:08 AM IST

मेरठ: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और उसके क्रियान्वयन विषय पर आयोजित वेबिनार में मुख्य वक्ता डॉ. पंकज मित्तल ने कहा कि उच्च शिक्षा का अंतरराष्ट्रीयकरण होगा. जिसके तहत दुनिया भर के उच्च गुणवत्ता वाले विश्वविद्यालयों और संस्थानों को भारत में संस्थान खोलने की अनुमति मिलेगी. इसके अलावा भारत के उत्कृष्ट विश्वविद्यालयों को अपने परिसर अन्य देशों में खोलने की अनुमति मिलेगी. जिसका परिणाम यह होगा कि भारत की 2 बिलियन मुद्रा प्रतिवर्ष विदेश जाने से बचेगी. यह वेबिनार अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा उत्तर प्रदेश शासन मोनिका एस गर्ग के आह्वान पर आयोजित की गई थी.

वेबीनार में डॉ. पंकज मित्तल ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश के शिक्षा जगत के चंहुमुखी विकास में अपना विशेष योगदान देगी. इस पॉलिसी को तैयार करने में देश के शिक्षा जगत के 2.5 लाख शिक्षाविदों व आमजन से सुझाव आमंत्रित कर शिक्षा मंत्रालय द्वारा तैयार किया गया है. उन्होंने कहा कि यह शिक्षा नीति छात्रों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर बनाई गई है. इसमें एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट का भी प्रावधान है. जिस तरह एक बैंक आमजन के पैसों को अपने यहां सुरक्षित रखता है, उसी प्रकार नई शिक्षा नीति छात्रों द्वारा आयोजित क्रेडिट के अनुसार सर्टिफिकेट डिप्लोमा या डिग्री की उपाधि प्रदान की जा सकेगी. साथ ही इसमें छात्रों के लिए कई विश्वविद्यालयों या संस्थानों में पढ़ाई करने की छूट का भी प्रावधान है. डॉ. पंकज मित्तल ने कहा कि हमारे देश के छात्र बाहर जाकर पढ़ाई करते हैं, इस नीति से अपना धन बाहर नहीं जाएगा. छात्रों को विदेश में ना जाकर अपने अनुकूल शिक्षा भारत में ही मिल जाएगी.

बहु-विषयक शोध से बनेगा आत्मनिर्भर भारत

वेबीनार के मुख्य अतिथि भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान दिल्ली के सदस्य सचिव एवं चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के पूर्व आचार्य वीके मल्होत्रा ने उच्च शिक्षा के विस्तृत और समग्र दृष्टि पर अपने विचार प्रस्तुत किए. उन्होंने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सकल नामांकन अनुपात को वर्तमान में 24 प्रतिशत से बढ़ाकर आने वाले समय में शिक्षा नीति लागू होने पर 50 प्रतिशत के लक्ष्य को पूर्ण होने की बात कही. उन्होंने कहा कि वर्तमान में संचालित विभिन्न शिक्षण संस्थानों को शोध एवं शिक्षण में बेहतर करने के हिसाब से पुनर्गठन करने के प्रावधान बताए. आत्मनिर्भर भारत का सपना भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में समाहित है.

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को सफल बनाने में रहेगी विश्वविद्यालय की अहम भूमिका

वेबिनार की अध्यक्षता कर रहे चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर नरेंद्र कुमार तनेजा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सफल क्रियान्वयन करने के लिए शिक्षा जगत के मूल कर्णधार शिक्षकों का आह्वान जरूरी है. केंद्र सरकार द्वारा एक राष्ट्रीय शिक्षा नीति को बहुत ही बेहतर एवं देश की आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार किया गया है. अब इसके क्रियान्वयन की जिम्मेदारी देश व प्रदेश के विश्वविद्यालय के कुलपतियों एवं शिक्षकों पर है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षा नीति को लागू करने के लिए विश्वविद्यालय की महत्वपूर्ण भूमिका होगी.

वेबीनार से जुड़े 1500 से अधिक शिक्षाविद एवं छात्र-छात्राएं

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 उच्च शिक्षा में क्रियान्वयन विषय पर आयोजित वेबीनार में 1500 से अधिक शिक्षाविद एवं छात्र-छात्राएं जुड़े. इसमें जूम एप पर 500 तथा यू ट्यूब पर 1000 से अधिक शिक्षकों और छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग किया. कार्यक्रम का संचालन व आयोजन सचिव प्रोफेसर बीरपाल सिंह ने किया. अंत में कार्यक्रम के संयोजक प्रोफेसर हरे कृष्णा ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया.

मेरठ: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और उसके क्रियान्वयन विषय पर आयोजित वेबिनार में मुख्य वक्ता डॉ. पंकज मित्तल ने कहा कि उच्च शिक्षा का अंतरराष्ट्रीयकरण होगा. जिसके तहत दुनिया भर के उच्च गुणवत्ता वाले विश्वविद्यालयों और संस्थानों को भारत में संस्थान खोलने की अनुमति मिलेगी. इसके अलावा भारत के उत्कृष्ट विश्वविद्यालयों को अपने परिसर अन्य देशों में खोलने की अनुमति मिलेगी. जिसका परिणाम यह होगा कि भारत की 2 बिलियन मुद्रा प्रतिवर्ष विदेश जाने से बचेगी. यह वेबिनार अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा उत्तर प्रदेश शासन मोनिका एस गर्ग के आह्वान पर आयोजित की गई थी.

वेबीनार में डॉ. पंकज मित्तल ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश के शिक्षा जगत के चंहुमुखी विकास में अपना विशेष योगदान देगी. इस पॉलिसी को तैयार करने में देश के शिक्षा जगत के 2.5 लाख शिक्षाविदों व आमजन से सुझाव आमंत्रित कर शिक्षा मंत्रालय द्वारा तैयार किया गया है. उन्होंने कहा कि यह शिक्षा नीति छात्रों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर बनाई गई है. इसमें एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट का भी प्रावधान है. जिस तरह एक बैंक आमजन के पैसों को अपने यहां सुरक्षित रखता है, उसी प्रकार नई शिक्षा नीति छात्रों द्वारा आयोजित क्रेडिट के अनुसार सर्टिफिकेट डिप्लोमा या डिग्री की उपाधि प्रदान की जा सकेगी. साथ ही इसमें छात्रों के लिए कई विश्वविद्यालयों या संस्थानों में पढ़ाई करने की छूट का भी प्रावधान है. डॉ. पंकज मित्तल ने कहा कि हमारे देश के छात्र बाहर जाकर पढ़ाई करते हैं, इस नीति से अपना धन बाहर नहीं जाएगा. छात्रों को विदेश में ना जाकर अपने अनुकूल शिक्षा भारत में ही मिल जाएगी.

बहु-विषयक शोध से बनेगा आत्मनिर्भर भारत

वेबीनार के मुख्य अतिथि भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान दिल्ली के सदस्य सचिव एवं चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के पूर्व आचार्य वीके मल्होत्रा ने उच्च शिक्षा के विस्तृत और समग्र दृष्टि पर अपने विचार प्रस्तुत किए. उन्होंने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सकल नामांकन अनुपात को वर्तमान में 24 प्रतिशत से बढ़ाकर आने वाले समय में शिक्षा नीति लागू होने पर 50 प्रतिशत के लक्ष्य को पूर्ण होने की बात कही. उन्होंने कहा कि वर्तमान में संचालित विभिन्न शिक्षण संस्थानों को शोध एवं शिक्षण में बेहतर करने के हिसाब से पुनर्गठन करने के प्रावधान बताए. आत्मनिर्भर भारत का सपना भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में समाहित है.

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को सफल बनाने में रहेगी विश्वविद्यालय की अहम भूमिका

वेबिनार की अध्यक्षता कर रहे चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर नरेंद्र कुमार तनेजा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सफल क्रियान्वयन करने के लिए शिक्षा जगत के मूल कर्णधार शिक्षकों का आह्वान जरूरी है. केंद्र सरकार द्वारा एक राष्ट्रीय शिक्षा नीति को बहुत ही बेहतर एवं देश की आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार किया गया है. अब इसके क्रियान्वयन की जिम्मेदारी देश व प्रदेश के विश्वविद्यालय के कुलपतियों एवं शिक्षकों पर है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षा नीति को लागू करने के लिए विश्वविद्यालय की महत्वपूर्ण भूमिका होगी.

वेबीनार से जुड़े 1500 से अधिक शिक्षाविद एवं छात्र-छात्राएं

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 उच्च शिक्षा में क्रियान्वयन विषय पर आयोजित वेबीनार में 1500 से अधिक शिक्षाविद एवं छात्र-छात्राएं जुड़े. इसमें जूम एप पर 500 तथा यू ट्यूब पर 1000 से अधिक शिक्षकों और छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग किया. कार्यक्रम का संचालन व आयोजन सचिव प्रोफेसर बीरपाल सिंह ने किया. अंत में कार्यक्रम के संयोजक प्रोफेसर हरे कृष्णा ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.