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मलेरिया विभाग को मलेरिया से कौन बचाएगा, जो खुद नाले के गंदे पानी में फंसा है - मलेरिया विभाग का ऑफिस मेरठ

अगर आप अपने इलाके में जमा गंदा पानी और उसमें पनपने वाले एनाफिलीज मादा मच्छरों के बारे में शिकायत करने मेरठ के मलेरिया विभाग में जा रहे हैं तो यह खबर आपके काम की है. यहां के मलेरिया विभाग के दफ्तर के आसपास पिछले एक साल से मलयुक्त गंदा पानी भरा है और खुद यहां के कर्मचारी परेशान हैं.

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Published : Feb 24, 2023, 4:42 PM IST

Updated : Feb 24, 2023, 10:34 PM IST

मेरठ में मलेरिया विभाग ही बीमार.

मेरठ : मलेरिया एनाफिलीज मादा मच्छरों के काटने से फैलता है. यह मच्छर एक जगह जमे हुए गंदे पानी में पनपता है. इस तथ्य को स्वास्थ्य विभाग और मलेरिया विभाग ही लोगों को बताता रहा है. मगर मेरठ में मलेरिया विभाग के दफ्तर के पास गंदा पानी जमा है और इसमें मलेरिया के मच्छर पनप रहे हैं. गंदे पानी की वजह से विभाग के अधिकारी टेंशन में हैं.

water logged in malaria Department
मेरठ के मलेरिया विभाग में पिछले एक साल से सीवर का पानी भरा है.

हैरानी की बात यह है कि मेरठ के मलेरिया विभाग के आसपास यह कोई एक-दो दिन से नहीं हो रहा बल्कि करीब एक साल से गंदा पानी जमा है. खुद जिला मलेरिया अधिकारी सत्यप्रकाश का कहना है कि पिछले एक साल से उनके विभाग के लगभग 70 लोगों को रोजाना ऐसे गंदे माहौल में काम करने को मजबूर हैं. इस गंदी हालत के लिए नगर निगम जिम्मेदार है. सत्यप्रकाश ने बताया कि घंटाघर की ओर जाने वाली सड़क पर पिछले एक साल से नाले का निर्माण चल रहा है. इस कारण सीवर लाइन बंद है. इस इलाके में बने हजारों घरों का पानी रोड पर आता है. आलम यह है कि घरों का बदबूदार पानी उनके ऑफिस की दहलीज तक भरा रहता है. मलेरिया विभाग के ठीक सामने एक पार्क भी है, जिसके पेड़ पौधे दूषित पानी की वजह से खराब हो चुके हैं.

water logged in malaria Department
मलेरिया विभाग के कर्मचारी और अधिकारी गंदे पानी में घुसने के बाद ही अपने ऑफिस तक पहुंचते हैं.

मलेरिया विभाग के जिन कर्मचारियों के पास वाहन है, वह तो गंदे पानी को जैसे-तैसे पार भी कर लेते हैं. मगर अधिकतर लोगों को दफ्तर तक पहुंचने के लिए रिक्शा लेना होता है या गंदे पानी में घुसकर ऑफिस पहुंचते हैं. बार इस बारे में नगर निगम के जिम्मेदारों को अवगत कराया गया लेकिन समस्या दूर नहीं हुई. ऐसा नहीं है कि गंदे पानी के कारण सिर्फ मलेरिया विभाग के कर्मचारी परेशान हैं, जिला महिला अस्पताल के कर्मचारी और वहां इलाज के लिए आने वाले लोग भी दुर्गंध युक्त दूषित पानी से भरे रास्ते से गुजरते हैं. महिला जिला चिकित्सालय के कार्यवाहक सीएमएस डॉक्टर संजीव त्यागी का कहना है कि बिना बरसात के भी मरेजों और स्टाफ को इस दूषित माहौल को हर दिन झेलना होता है.

water logged in malaria Department
घंटाघर के पास नाला निर्माण में देरी की वजह से महिला अस्पताल में भी गंदा पानी जमा है.

बता दें कि मेरठ जिले में फैमिली हेल्थ इंडिया की ओर से EMBED प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है. इसके तहत मच्छर जनित बीमारियों से बचाव के लिए अभियान चलाया जा रहा है. EMBED प्रोजेक्ट के जिला कॉर्डिनेटर संजय कुमार का कहना है कि मलेरिया विभाग के आसपास ऐसे ही हालात रहेंगे तो यहां कार्य करने वाले लोगों को ही मलेरिया हो जाएगा. दूषित और दुर्गंध युक्त पानी से बीमारियों का होना भी तय है. इस बारे में ईटीवी भारत ने अपर नगर आयुक्त प्रमोद कुमार से बात की. नगर आयुक्त ने कहा कि जल्द ही नाले का निर्माण हो जाएगा और इसके साथ ही समस्या का समाधान भी हो जाएगा.

पढ़ें : Meerut News : यूपी के इस मेडिकल कॉलेज में मरीजों का करना पड़ता है नामकरण, जानिए क्या है वजह

मेरठ में मलेरिया विभाग ही बीमार.

मेरठ : मलेरिया एनाफिलीज मादा मच्छरों के काटने से फैलता है. यह मच्छर एक जगह जमे हुए गंदे पानी में पनपता है. इस तथ्य को स्वास्थ्य विभाग और मलेरिया विभाग ही लोगों को बताता रहा है. मगर मेरठ में मलेरिया विभाग के दफ्तर के पास गंदा पानी जमा है और इसमें मलेरिया के मच्छर पनप रहे हैं. गंदे पानी की वजह से विभाग के अधिकारी टेंशन में हैं.

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मेरठ के मलेरिया विभाग में पिछले एक साल से सीवर का पानी भरा है.

हैरानी की बात यह है कि मेरठ के मलेरिया विभाग के आसपास यह कोई एक-दो दिन से नहीं हो रहा बल्कि करीब एक साल से गंदा पानी जमा है. खुद जिला मलेरिया अधिकारी सत्यप्रकाश का कहना है कि पिछले एक साल से उनके विभाग के लगभग 70 लोगों को रोजाना ऐसे गंदे माहौल में काम करने को मजबूर हैं. इस गंदी हालत के लिए नगर निगम जिम्मेदार है. सत्यप्रकाश ने बताया कि घंटाघर की ओर जाने वाली सड़क पर पिछले एक साल से नाले का निर्माण चल रहा है. इस कारण सीवर लाइन बंद है. इस इलाके में बने हजारों घरों का पानी रोड पर आता है. आलम यह है कि घरों का बदबूदार पानी उनके ऑफिस की दहलीज तक भरा रहता है. मलेरिया विभाग के ठीक सामने एक पार्क भी है, जिसके पेड़ पौधे दूषित पानी की वजह से खराब हो चुके हैं.

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मलेरिया विभाग के कर्मचारी और अधिकारी गंदे पानी में घुसने के बाद ही अपने ऑफिस तक पहुंचते हैं.

मलेरिया विभाग के जिन कर्मचारियों के पास वाहन है, वह तो गंदे पानी को जैसे-तैसे पार भी कर लेते हैं. मगर अधिकतर लोगों को दफ्तर तक पहुंचने के लिए रिक्शा लेना होता है या गंदे पानी में घुसकर ऑफिस पहुंचते हैं. बार इस बारे में नगर निगम के जिम्मेदारों को अवगत कराया गया लेकिन समस्या दूर नहीं हुई. ऐसा नहीं है कि गंदे पानी के कारण सिर्फ मलेरिया विभाग के कर्मचारी परेशान हैं, जिला महिला अस्पताल के कर्मचारी और वहां इलाज के लिए आने वाले लोग भी दुर्गंध युक्त दूषित पानी से भरे रास्ते से गुजरते हैं. महिला जिला चिकित्सालय के कार्यवाहक सीएमएस डॉक्टर संजीव त्यागी का कहना है कि बिना बरसात के भी मरेजों और स्टाफ को इस दूषित माहौल को हर दिन झेलना होता है.

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घंटाघर के पास नाला निर्माण में देरी की वजह से महिला अस्पताल में भी गंदा पानी जमा है.

बता दें कि मेरठ जिले में फैमिली हेल्थ इंडिया की ओर से EMBED प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है. इसके तहत मच्छर जनित बीमारियों से बचाव के लिए अभियान चलाया जा रहा है. EMBED प्रोजेक्ट के जिला कॉर्डिनेटर संजय कुमार का कहना है कि मलेरिया विभाग के आसपास ऐसे ही हालात रहेंगे तो यहां कार्य करने वाले लोगों को ही मलेरिया हो जाएगा. दूषित और दुर्गंध युक्त पानी से बीमारियों का होना भी तय है. इस बारे में ईटीवी भारत ने अपर नगर आयुक्त प्रमोद कुमार से बात की. नगर आयुक्त ने कहा कि जल्द ही नाले का निर्माण हो जाएगा और इसके साथ ही समस्या का समाधान भी हो जाएगा.

पढ़ें : Meerut News : यूपी के इस मेडिकल कॉलेज में मरीजों का करना पड़ता है नामकरण, जानिए क्या है वजह

Last Updated : Feb 24, 2023, 10:34 PM IST
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