मेरठ: योगी सरकार ने सोमवार को अपने कार्यकाल का आखिरी बजट प्रस्तुत कर दिया है. बजट में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए लुभावनी योजनाओं पर विशेष बल दिया गया है. योगी सरकार के बजट की भाजपा नेता सराहना कर रहे हैं. केंद्रीय कौशल विकास मंत्री महेंद्रनाथ पांडेय ने यूपी बजट को किसान उन्मुक्त, लघु एवं माध्यम उदयोग का बढ़ावा देने वाला बजट बताया है. उन्होंने कहा कि सीएम योगी ने पीएम मोदी की तरह 'वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी' का लक्ष्य तैयार कर बजट पेश किया है. इस बजट से जहां किसानों को राहत मिलेगी. वहीं युवाओं को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे. केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस के पास आग ही नहीं बची तो राजनीतिक रोटियां कैसे सकेंगे.
सभी वर्गों के लिए आकांक्षी बजट
केंद्रीय कौशल विकास मंत्री महेन्द्रनाथ पांडेय ने यूपी सरकार के बजट में स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी मिलने पर मेरठ वासियों को बधाई देते हुए कहा कि यूपी सरकार का यह आकांक्षी बजट है. कोविड पीरियड की कठिनाइयों के बावजूद पिछले बजट से बढ़ाने एवं आकांक्षी बजट पेश करने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को बधाई दी है. यह बजट किसान उन्मुक्त बजट, लघु एवं मध्यम उद्योग को बढ़ावा देने वाला बजट, युवाओं को अवसर देने वाला बजट बहुत ही शानदार बजट उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रस्तुत किया है.
'वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी' का लक्ष्य
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसमें उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 'वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी' का लक्ष्य बनाया है. कौशल विकास के लिए जहां केंद्र सरकार ने कई नई पहल की है. भारत सरकार के बजट में भी इसका प्रावधान है. खास कर नए आधुनिक तरीको से कौशल विकास में युवाओं के लिए अनेकों प्रकार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे.
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बिना आग के रोटियां कैसे सकेगी कांग्रेस
कृषि कानूनों पर कांग्रेस के राजनीति सेकने के सवाल पर उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस के पास तो आग ही नहीं बची रोटियां कैसे सेंक सकती है. कांग्रेस पूरे देश मे जमीन खो चुकी है और कांग्रेस पार्टी नेतृत्वहीन एक भटकी हुई पार्टी है. जिसके परिणाम स्वरूप आज कांग्रेस का कोई जनाधार नहीं है.
किसान आंदोलन का समाधान करने के लिए सरकार तैयार
दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलन के सवाल पर उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की हर उचित बात का समाधान करने के लिए सदैव तैयार है. किसान संगठनों के साथ कई राउंड बैठक हो चुकी है, लेकिन किसान संगठन जिद लिए बैठे है, लेकिन किसी भी जिद्द का समाधान नहीं हो सकता. जबकि तर्क एवं वितर्क का समाधान हो सकता है. उसके लिए भारत सरकार सदैव तत्पर है. कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों से उन्होंने अपील करते हुए कहा कि वे अपने सही सुझाव और तथ्यों के आधार पर सुधारात्मक चर्चा करके समस्याओं का सामाधान करें. मोदी सरकार के पिछले साढ़े छह साल के कार्यकाल मे सभी कदम किसानों के हित मे उठाए गए हैं.