मेरठ: शोभित विश्वविद्यालय में दो दिवसीय ऑनलाइन वेबीनार का आयोजन किया गया. इस आयोजन में देश-विदेश के शोधकर्ताओं ने अपने विचार रखे.
इसका उद्घाटन मुख्य अतिथि शोभित विश्वविद्यालय के चांसलर कुंवर शेखर विजेंद्र ने किया. उन्होंने समस्त शोधकर्ताओं से इस महामारी के समय में मानव उत्थान के लिए बायोइलेक्ट्रॉनिक से जुड़े मूलभूत शोध के लिए प्रेरित किया. इस मौके पर शोभित विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रोफेसर एपी गर्ग ने मुख्य वक्ताओं को शोभित विश्वविद्यालय की खूबियों से अवगत कराया.
इस वेबीनार में कोरोना काल में सैंपल टेस्टिंग की जानकारी दी गई. इस कॉन्फ्रेंस का आयोजन ‘बायोइलेक्ट्रॉनिक्स एवं इनफॉर्मेटिक्स इन प्रेजेंट सेनारियों' पर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट द्वारा किया गया.
देश- विदेश के प्रोफेसर ने लिया हिस्सा
कॉन्फ्रेंस के प्रथम वक्ता प्रोफेसर के. कानन (भूतपूर्व वाइस चांसलर नागालैंड यूनिवर्सिटी) ने बायो मॉलिक्यूल मेजरमेंट में चैलेंज एवं रिलायबिलिटी ऑफ डाटा पर महत्वपूर्ण जानकारी दी. उन्होंने कोरोना काल में सैंपल टेस्टिंग की विधि एवं उसके रिलायबिलिटी के बारे में विस्तार से समझाया. डॉ. एसके चक्रवर्ती (एडवाइजर, मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट आफ रिसर्च एंड स्टडीज, फरीदाबाद) ने नैनो टेक्नोलॉजी इन नैनो डेंटिस्ट्री पर अपना व्याख्यान दिया. उन्हें माइक्रो से नैनो संरचना के पूर्ण खोज को विस्तारपूर्वक समझाया.
बायो सेंसर के बारे में दी जानकारी
प्रोफेसर नंदलाल सिंह (डिपार्टमेंट ऑफ फिजिक्स, एमएस यूनिवर्सिटी बडौदा) ने इफेक्ट ऑफ शिफ्ट हेवी आयन इंड्यूस्ड मॉडिफिकेशन ऑफ इंसुलेटिंग कंडक्टिंग पॉलीमर्स के बारे में अपना व्याख्यान दिया. उन्होंने अपने वक्तव्य में प्रिसटीन के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी और बताया कि कंसंट्रेशन के साथ इसकी रेजिस्टविटी कैसे बदलती है.
इंटरनेशनल स्तर के जर्नल में कैसे करे अपने शोध कार्य प्रकाशित
प्रोफेसर शबाना उरूज (इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट रियाद यूएई) ने अंतरराष्ट्रीय स्तर के जर्नल में अपने शोध कार्य को कैसे प्रकाशित किया जाए, इसके बारे में जानकारी दी. उन्होंने ऑथरशिप डेफिनिशन एवं मनुस्क्रिप्ट वैराइटीज के बारे में भी विस्तार पूर्वक समझाया.
यांत्रिकी में बहुत कुछ नेचर से सीखने की जरूरत
प्रोफेसर एम. मोनी (सेंटर फॉर एग्रीकल्चरल इनफॉर्मेटिक्स एंड रिसर्च स्टडीज, शोभित यूनिवर्सिटी मेरठ) ने डिजिटलाइजेशन ऑफ एग्रीकल्चर इन इंडिया, एप्लीकेशन ऑफ रोबोटिक एंड इनफॉर्मेटिक्स टू इस्टैबलिश्ड एक्सटेंशन 4.0 के बारे में रोचक तथ्य प्रस्तुत किए.
डॉ. प्रदीप कुमार श्रीवास्तव (प्रिंसिपल साइंटिस्ट सीएसआइआर लखनऊ) ने बायो इंस्पायर्ड इंजीनियरिंग लर्निंग फ्रॉम नेचर के शीर्षक पर अपना प्रेजेंटेशन दिया. उन्होंने श्रोताओं को बताया कि यांत्रिकी में बहुत कुछ नेचर से सीखने योग्य है. डॉ. अरुण बलोदी( हेड डिपार्टमेंट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन, एट्रिया इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी बैंगलोर) ने कोविड-19 से लड़ने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग के बारे में बताया.