मेरठ: दिल्ली के शाहीन बाग में धरने पर बैठे सैकड़ों लोग आतंकवादी नहीं, बल्कि देश के ही बाशिंदे हैं. यदि स्थानीय सरकार चाहे तो इस मुद्दे का हल चुटकियों में निकाल सकती है. बस जरूरत है शाहीन बाग में धरनारत लोगों के बीच जाकर उनसे वार्ता करने और उन्हें समझाने की. यह कहना है प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व मंत्री जगबीर सिंह गुर्जर का.
सोमवार को जगबीर सिंह गुर्जर कार्यकर्ताओं से मिलने और उनकी हौसला आफजाई के लिए मेरठ पहुंचे थे. इस दौरान पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया.
देश में गृहयुद्ध जैसे हालात
राष्ट्रीय महासचिव जगबीर सिंह गुर्जर ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर देश में चल रहे हालात पर रोष जाहिर किया. उन्होंने आरोप लगाया कि देश में इस समय गृहयुद्ध जैसे हालात चल रहे हैं. अपराध चरम सीमा पर है और महिलाओं से लेकर आम नागरिक और व्यापारी तक सुरक्षित नहीं है. भारत हमेशा से ही एक धर्मनिरपेक्ष देश रहा है. यह न कभी जाति और धर्म के नाम पर बंटा है और न ही बंटना चाहिए.
संविधान में जाति और धर्म का कोई स्थान नहीं
प्रसपा के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि देश का संविधान अमेरिका जैसे देशों से वार्ता करने के बाद लागू किया गया था. किसी भी विकसित देश में जाति और धर्म के नाम पर संविधान में कोई स्थान नहीं है. इसीलिए यह देश आज उन्नति की राह पर है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जैसे देश में धर्म और जाति के नाम की राजनीति होती है तो वहां के हालात आज सबके सामने हैं.
स्थानीय सरकार बरत रही लापरवाही
शाहीन बाग के मुद्दे पर बोलते हुए पूर्व मंत्री ने कहा कि स्थानीय सरकार खुद ही इस मामले में ढिलाई बरत रही है. अगले चुनाव में बसपा से गठबंधन पर उन्होंने समय आने पर राय रखने की बात कही. चुनाव में अपनी पार्टी का एजेंडा स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी सभी जाति और धर्मों को साथ जोड़कर चुनाव में भागीदारी करेगी.
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