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देश भर में एक साथ बदले जाएं पौराणिक शहरों के नाम : शंकराचार्य

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Published : Apr 2, 2021, 5:49 PM IST

ज्योतिष पीठाधीश्वर स्वरूपानंद महाराज हरिद्वार में कुंभ में भाग लेने जा रहे हैं. गुरुवार की शान वह मेरठ पहुंच गए. इस दौरान उन्होंने कृषि कानून को लेकर बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा.

ज्योतिष पीठाधीश्वर स्वरूपानंद महाराज
ज्योतिष पीठाधीश्वर स्वरूपानंद महाराज

मेरठ: ज्योतिष पीठाधिश्वर शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती महाराज गुरुवार की शाम मेरठ पहुंचे. शुक्रवार की सुबह मीडिया से रूबरू होते हुए स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने बीजेपी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए बल्कि कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की है. उन्होंने कहा, "सरकार जनता की प्रतिनिधि है अभिभावक बनने की कोशिश न करे. जब किसानों का मानना है कि ये कृषि कानून उनके हित में नहीं है तो कानूनों को सरकार जबरदस्ती क्यों थोपना चाहती है. आधुनिकता के दौर में किसान अनपढ़ और बच्चे नहीं है जो अपने अच्छे बुरे को न समझ पाए."

शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती मेरठ के एक मंदिर में रात्रि विश्राम के लिए रुके थे

'एक साथ बदले जाएं पौराणिक शहरों के नाम'

शंकाराचार्य महाराज ने कहा, "पवित्र गंगा नदी पर बांध बनाने से उसकी निर्मलता प्रभावित हो रही है. इसलिए गंगा नदी पर बांध बनाने से सरकार को परहेज करना चाहिए" शहरों के नाम बदलने के सवाल पर उन्होंने कहा, "जिन शहरों के नाम मुगल शासन काल में बदले गए थे ऐसे पौराणिक शहरों के नाम बदलने की प्रक्रिया देश भर में एक साथ होनी चाहिए. किसी भी शहर या मार्ग का नाम किसी राजनीतिक व्यक्ति विशेष के नाम पर नहीं होना चाहिए. इससे देशवासियों में नकारात्मक सोच उत्पन्न होती है."

'कुंभ मेले में कोरोना सर्टिफिकेट न मांगे सरकार'

ज्योतिष पीठाधीश्वर स्वरूपानंद महाराज हरिद्वार में कुंभ में भाग लेने जा रहे हैं. गुरुवार की शाम को मेरठ के एक मंदिर में रात्रि विश्राम के लिए रुके थे, जहां उनके शिष्यों और अनुयायियों ने जोरदार स्वागत किया. इस दौरान उन्होंने कहा, "हरिद्वार में बह रही गंगा मैया देश की नहीं पूरी दुनिया के लिए पवित्र नदी है. कुंभ नगरी हरिद्वार का आने हर किसी को अधिकार है, लेकिन कोरोना काल में उत्तराखंड सरकार कोविड 19 टेस्ट रिपोर्ट के बाद प्रवेश दे रही है, जो बहुत ही निंदनीय है. कुंभ में स्नान करने वालों से कोरोना का सर्टिफिकेट मांगना किसी भी सूरत में सही नहीं है." हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित है तो उसको गंगा स्नान के लिए नहीं आना चाहिए.


'राम मंदिर के नाम पर विश्व हिंदू परिषद का कार्यालय'

शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने विहिप पर आरोप लगाते हुए कहा, "अयोध्या में राम मंदिर के नाम पर विश्व हिंदू परिषद अपना कार्यालय बनाने का काम रही है, लेकिन यह हर दृष्टि से गलत है. वहीं उन्होंने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के वायरल हुए वीडियो का हवाला देते हुए कहा कि मोहन भागवत वीडियो में कह रहे हैं कि श्रीराम राम को हम भगवान नहीं महापुरुष मानते हैं, इसलिए हम अयोध्या में उनका स्मारक बनाना चाहते है, जबकि अयोध्या में भगवान श्रीराम का नहीं बल्कि राम लला का मंदिर बनाना चाहिए."

मेरठ: ज्योतिष पीठाधिश्वर शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती महाराज गुरुवार की शाम मेरठ पहुंचे. शुक्रवार की सुबह मीडिया से रूबरू होते हुए स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने बीजेपी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए बल्कि कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की है. उन्होंने कहा, "सरकार जनता की प्रतिनिधि है अभिभावक बनने की कोशिश न करे. जब किसानों का मानना है कि ये कृषि कानून उनके हित में नहीं है तो कानूनों को सरकार जबरदस्ती क्यों थोपना चाहती है. आधुनिकता के दौर में किसान अनपढ़ और बच्चे नहीं है जो अपने अच्छे बुरे को न समझ पाए."

शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती मेरठ के एक मंदिर में रात्रि विश्राम के लिए रुके थे

'एक साथ बदले जाएं पौराणिक शहरों के नाम'

शंकाराचार्य महाराज ने कहा, "पवित्र गंगा नदी पर बांध बनाने से उसकी निर्मलता प्रभावित हो रही है. इसलिए गंगा नदी पर बांध बनाने से सरकार को परहेज करना चाहिए" शहरों के नाम बदलने के सवाल पर उन्होंने कहा, "जिन शहरों के नाम मुगल शासन काल में बदले गए थे ऐसे पौराणिक शहरों के नाम बदलने की प्रक्रिया देश भर में एक साथ होनी चाहिए. किसी भी शहर या मार्ग का नाम किसी राजनीतिक व्यक्ति विशेष के नाम पर नहीं होना चाहिए. इससे देशवासियों में नकारात्मक सोच उत्पन्न होती है."

'कुंभ मेले में कोरोना सर्टिफिकेट न मांगे सरकार'

ज्योतिष पीठाधीश्वर स्वरूपानंद महाराज हरिद्वार में कुंभ में भाग लेने जा रहे हैं. गुरुवार की शाम को मेरठ के एक मंदिर में रात्रि विश्राम के लिए रुके थे, जहां उनके शिष्यों और अनुयायियों ने जोरदार स्वागत किया. इस दौरान उन्होंने कहा, "हरिद्वार में बह रही गंगा मैया देश की नहीं पूरी दुनिया के लिए पवित्र नदी है. कुंभ नगरी हरिद्वार का आने हर किसी को अधिकार है, लेकिन कोरोना काल में उत्तराखंड सरकार कोविड 19 टेस्ट रिपोर्ट के बाद प्रवेश दे रही है, जो बहुत ही निंदनीय है. कुंभ में स्नान करने वालों से कोरोना का सर्टिफिकेट मांगना किसी भी सूरत में सही नहीं है." हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित है तो उसको गंगा स्नान के लिए नहीं आना चाहिए.


'राम मंदिर के नाम पर विश्व हिंदू परिषद का कार्यालय'

शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने विहिप पर आरोप लगाते हुए कहा, "अयोध्या में राम मंदिर के नाम पर विश्व हिंदू परिषद अपना कार्यालय बनाने का काम रही है, लेकिन यह हर दृष्टि से गलत है. वहीं उन्होंने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के वायरल हुए वीडियो का हवाला देते हुए कहा कि मोहन भागवत वीडियो में कह रहे हैं कि श्रीराम राम को हम भगवान नहीं महापुरुष मानते हैं, इसलिए हम अयोध्या में उनका स्मारक बनाना चाहते है, जबकि अयोध्या में भगवान श्रीराम का नहीं बल्कि राम लला का मंदिर बनाना चाहिए."

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