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मेरठ : 19 अक्टूबर से खुलेंगे कक्षा 9 से 12 तक के स्कूल - 19 अक्टूबर से खुलेंगे स्कूल

यूपी के मेरठ जिलाधिकारी ने आगामी 19 अक्टूबर से कक्षा 9 से कक्षा 12 तक के सभी स्कूल व कॉलेज को खोलने की सहमति जता दी है. लेकिन इसके साथ ही निर्देश भी दिया है कि एसओपी का पूरी तरह पालन किया जाए.

19 अक्टूबर से खुलेंगे कक्षा 9 से 12 तक के स्कूल.
19 अक्टूबर से खुलेंगे कक्षा 9 से 12 तक के स्कूल.
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Published : Oct 17, 2020, 7:44 PM IST

मेरठ : आगामी 19 अक्टूबर से जिले के कक्षा 9 से कक्षा 12 तक के सभी स्कूल व कॉलेज अब खुल जाएंगे. इसके लिए मेरठ जिलाधिकारी ने सहमति दे दी है. लेकिन इसके साथ ही निर्देश भी दिया है कि एसओपी का पूरी तरह पालन किया जाए. शनिवार को चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के सुभाष चन्द्र बोस प्रेक्षागृह में माध्यमिक शिक्षा परिषद, सीबीएसई व आईसीएसई आदि बोर्ड के स्कूल व कॉलेज के प्रधानाचार्यों के साथ जिलाधिकारी ने बैठक की. जिसमें स्कूल-कॉलेजों को खोलने को लेकर गाइडलाइन तय की गई. बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी के. बालाजी ने कहा कि कोविड-19 के दिशा-निर्देशों के साथ कक्षा 9 से कक्षा 12 तक के स्कूल व कॉलेज खोले जाएं. सभी स्कूल व कॉलेज सरकार द्वारा जारी एसओपी (स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) का पालन करें. उन्होंने कहा कि जिला विद्यालय निरीक्षक अपने यहां कंट्रोल रूम बनाएं. उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य बीमारी को हराना व बच्चों को पढ़ाना है.

स्कूलों को करें पूरी तरह सैनिटाइज

जिलाधिकारी के. बालाजी ने कहा कि स्कूल-कॉलेज खोले जाने से पूर्व उन्हें पूरी तरह से सैनिटाइज किया जाए. सैनिटाइज किए जाने की प्रक्रिया प्रतिदिन प्रत्येक पाली के उपरान्त नियमित रूप से सुनिश्चित की जाए. उन्होंने कहा कि स्कूल-कॉलेजों में सैनिटाइजर, हैंडवॉश, थर्मल स्कैनिंग एवं प्राथमिक उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. स्कूलों में कोई भी शिक्षक या विद्यार्थी बिना मॉस्क के प्रवेश न करें.

'200 से अधिक छात्र होने पर दो पाली करें संचालित'

जिलाधिकारी ने कहा कि जिस विद्यालय में 200 तक विद्यार्थी हैं उनके यहां 1 पाली में स्कूल संचालित किया जाए. विद्यार्थियों की संख्या 200 से अधिक होने पर 2 पालियों में कक्षाएं संचालित की जाएं. उन्होंने कहा कि सीटिंग अरेंजमेन्ट भी सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखकर किया जाए. कक्षा में छात्र को 6 फीट की दूरी पर बैठने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं को उनके माता-पिता या अभिभावकों की लिखित सहमति के उपरान्त ही स्कूल में बुलाया जाए. किसी भी छात्र को स्कूल आने के लिए बाध्य न किया जाए. एक दिवस में प्रत्येक कक्षा के अधिकतम 50 प्रतिशत तक छात्रों को बुलाया जाए तथा शेष 50 प्रतिशत छात्रों को अगले दिन बुलाया जाए.

प्रधानाचार्यों ने दिया यह भरोसा

बैठक में शामिल हुए स्कूल-कॉलेजों के प्रधानाचार्यों ने कहा कि हम बच्चों को पढ़ाएंगे भी और बचाएंगे भी. स्कूल शिक्षा का मंदिर है, बच्चों का भविष्य सर्वोपरि है. साथ ही प्रधानार्यों को निर्देशित किया गया कि भारत सरकार की योजनाओं के लिए सभी स्कूल व कॉलेज आगामी 22 अक्टूबर तक केवाईसी भरना सुनिश्चित करें. बैठक में प्रभारी जिला विद्यालय निरीक्षक फतेह चन्द्र भी मौजूद रहे.

मेरठ : आगामी 19 अक्टूबर से जिले के कक्षा 9 से कक्षा 12 तक के सभी स्कूल व कॉलेज अब खुल जाएंगे. इसके लिए मेरठ जिलाधिकारी ने सहमति दे दी है. लेकिन इसके साथ ही निर्देश भी दिया है कि एसओपी का पूरी तरह पालन किया जाए. शनिवार को चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के सुभाष चन्द्र बोस प्रेक्षागृह में माध्यमिक शिक्षा परिषद, सीबीएसई व आईसीएसई आदि बोर्ड के स्कूल व कॉलेज के प्रधानाचार्यों के साथ जिलाधिकारी ने बैठक की. जिसमें स्कूल-कॉलेजों को खोलने को लेकर गाइडलाइन तय की गई. बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी के. बालाजी ने कहा कि कोविड-19 के दिशा-निर्देशों के साथ कक्षा 9 से कक्षा 12 तक के स्कूल व कॉलेज खोले जाएं. सभी स्कूल व कॉलेज सरकार द्वारा जारी एसओपी (स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) का पालन करें. उन्होंने कहा कि जिला विद्यालय निरीक्षक अपने यहां कंट्रोल रूम बनाएं. उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य बीमारी को हराना व बच्चों को पढ़ाना है.

स्कूलों को करें पूरी तरह सैनिटाइज

जिलाधिकारी के. बालाजी ने कहा कि स्कूल-कॉलेज खोले जाने से पूर्व उन्हें पूरी तरह से सैनिटाइज किया जाए. सैनिटाइज किए जाने की प्रक्रिया प्रतिदिन प्रत्येक पाली के उपरान्त नियमित रूप से सुनिश्चित की जाए. उन्होंने कहा कि स्कूल-कॉलेजों में सैनिटाइजर, हैंडवॉश, थर्मल स्कैनिंग एवं प्राथमिक उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. स्कूलों में कोई भी शिक्षक या विद्यार्थी बिना मॉस्क के प्रवेश न करें.

'200 से अधिक छात्र होने पर दो पाली करें संचालित'

जिलाधिकारी ने कहा कि जिस विद्यालय में 200 तक विद्यार्थी हैं उनके यहां 1 पाली में स्कूल संचालित किया जाए. विद्यार्थियों की संख्या 200 से अधिक होने पर 2 पालियों में कक्षाएं संचालित की जाएं. उन्होंने कहा कि सीटिंग अरेंजमेन्ट भी सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखकर किया जाए. कक्षा में छात्र को 6 फीट की दूरी पर बैठने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं को उनके माता-पिता या अभिभावकों की लिखित सहमति के उपरान्त ही स्कूल में बुलाया जाए. किसी भी छात्र को स्कूल आने के लिए बाध्य न किया जाए. एक दिवस में प्रत्येक कक्षा के अधिकतम 50 प्रतिशत तक छात्रों को बुलाया जाए तथा शेष 50 प्रतिशत छात्रों को अगले दिन बुलाया जाए.

प्रधानाचार्यों ने दिया यह भरोसा

बैठक में शामिल हुए स्कूल-कॉलेजों के प्रधानाचार्यों ने कहा कि हम बच्चों को पढ़ाएंगे भी और बचाएंगे भी. स्कूल शिक्षा का मंदिर है, बच्चों का भविष्य सर्वोपरि है. साथ ही प्रधानार्यों को निर्देशित किया गया कि भारत सरकार की योजनाओं के लिए सभी स्कूल व कॉलेज आगामी 22 अक्टूबर तक केवाईसी भरना सुनिश्चित करें. बैठक में प्रभारी जिला विद्यालय निरीक्षक फतेह चन्द्र भी मौजूद रहे.

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