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मोहन भागवत बोले, विदेशी आक्रांताओं ने मनोबल तोड़ने के लिए मंदिरों का विध्वंस किया

आरएसएस सर संघचालक मोहन भागवत एकदिवसीय दौरे पर मुजफ्फरनगर पहुंचे. इस मौके पर उन्होंने कहा कि विदेशी आक्रांताओं ने मनोबल तोड़ने के लिए मंदिरों का विध्वंस किया.

संघ प्रमुख मोहन भागवत
संघ प्रमुख मोहन भागवत
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Published : Jun 15, 2022, 8:46 AM IST

Updated : Jun 15, 2022, 8:23 PM IST

मेरठ: आरएसएस सर संघचालक मोहन भागवत एकदिवसीय दौरे पर बुधवार को मुजफ्फरनगर पहुंचे. वे संत समागम कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत का खतौली कस्बे में जोरदार स्वागत हुआ. उन्होंने श्रीकृष्ण मंदिर के 65वें वार्षिकोत्सव समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लिया. उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने बताया था कि जो हमारी बुद्धि दिखाती है, वही हम देखते हैं. सत्य के पास बैठना एक उपासना कहलाती है. नियम सब में होते हैं, कर्तव्य का बोध सब में मिलता है. समस्या का समाधान एकदम नहीं होता है. धैर्य रखना चाहिए, जिसने जन्म लिया है उसका मरण भी आवश्यक है. धर्म ने हम सब का कर्तव्य बताया है. धर्म पर संकट भी आते हैं. दुष्ट और अधर्मी आक्रमण करते हैं, ऐसी स्थिति में शक्ति के साथ सुशील भी रहना चाहिए. कहा कि हम सब एक हैं तो उन्नति होगी नहीं तो अवनति होगी.

उन्होंने कहा कि एक-दूसरे के साथ विश्वासपूर्वक आचरण करना चाहिए. उन्होंने कहा कि विदेशी आक्रांताओं ने मनोबल तोड़ने के लिए मंदिरों का विध्वंस किया था. मंदिर के मर्म को समझना चाहिए. धर्म रक्षण का प्रभावी रास्ता धर्माचरण है. दो हाथ से काम कर हजार हाथों से बांटें. सभी मिलकर देश को बड़ा बनाएं. भारत विश्वगुरु बने तो दुनिया में सुख-शांति रहेगी.

वह बोले कि हम सब मिलकर देश को बड़ा बनाएं. भारत विश्वगुरु बनेगा. इसके लिए प्रत्येक नागरिक अपनी सहभागिता निभाएं. सत्य, शुचिता, पवित्रता और करुणा आदि धर्म के मूल हैं, हमे इनका पालन करना चाहिए. उन्होंने हिंदुओं के एक होने का संदेश दिया. साथ ही युवाओं को संस्कृत अपनाने के लिए भी प्रेरित किया.

इससे पूर्व संतों ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का शंख बजाकर स्वागत किया. उन्होंने श्रीकृष्ण मंदिर में पूजा-अर्चना की. मंदिर के कार्यक्रम के बाद सरसंघचालक खतौली में ही संत समागम में हिस्सा लिया. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खतौली नगर कार्यवाह पवन कुमार ने बताया कि सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत खतौली के बाद मेरठ जाएंगे. मेरठ के सरदार बल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में जल संरक्षण पर होने वाले एक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. इस दौरान नीर फाउंडेशन के संस्थापक रमनकांत की पुस्तक का विमोचन किया जाएगा. कार्यक्रम की अध्यक्षता परमार्थ निकेतन के संस्थापक स्वामी चिदानंद करेंगे.

आरएसएस सर संघचालक मोहन भागवत सरदार पटेल कृषि विश्वविद्यालय में नीर फाउंडेशन की ओर से आयोजित 'भारत के जल संसाधन: मुद्दे, चुनौतियां व समाधान' विषय पर आयोजित संगोष्ठी में मुख्य अतिथि होंगे. इसमें मोहन भागवत अपने विचार रखेंगे. प्राप्त जानकारी के मुताबिक, इस मौके पर कुलपति आरके मित्तल और चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति एनके तनेजा विशिष्ट अतिथि के तौर पर कार्यकक्रम में शामिल रहेंगे.

यह भी पढ़ें: रामपुर में आजम खां के बिगड़े बोल- नवाब काजिम अली खान पर दिया विवादित बयान

मीडिया को नीर फाउंडेशन के निदेशक रमन कांत त्यागी ने बताया कि काली नदी को पुनर्जीवित करने और जल संसाधनों को बचाने से संबंधित विषयों पर मंथन किया जाएगा. इसमें 300 लोग भाग लेंगे. वहीं, श्री कृष्ण मंदिर के संचालक शांतमुनि माधवव्यास शेवलीकर जी महाराज ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी आना था लेकिन वह किसी कारणवश नहीं आ पाए.

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मेरठ: आरएसएस सर संघचालक मोहन भागवत एकदिवसीय दौरे पर बुधवार को मुजफ्फरनगर पहुंचे. वे संत समागम कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत का खतौली कस्बे में जोरदार स्वागत हुआ. उन्होंने श्रीकृष्ण मंदिर के 65वें वार्षिकोत्सव समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लिया. उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने बताया था कि जो हमारी बुद्धि दिखाती है, वही हम देखते हैं. सत्य के पास बैठना एक उपासना कहलाती है. नियम सब में होते हैं, कर्तव्य का बोध सब में मिलता है. समस्या का समाधान एकदम नहीं होता है. धैर्य रखना चाहिए, जिसने जन्म लिया है उसका मरण भी आवश्यक है. धर्म ने हम सब का कर्तव्य बताया है. धर्म पर संकट भी आते हैं. दुष्ट और अधर्मी आक्रमण करते हैं, ऐसी स्थिति में शक्ति के साथ सुशील भी रहना चाहिए. कहा कि हम सब एक हैं तो उन्नति होगी नहीं तो अवनति होगी.

उन्होंने कहा कि एक-दूसरे के साथ विश्वासपूर्वक आचरण करना चाहिए. उन्होंने कहा कि विदेशी आक्रांताओं ने मनोबल तोड़ने के लिए मंदिरों का विध्वंस किया था. मंदिर के मर्म को समझना चाहिए. धर्म रक्षण का प्रभावी रास्ता धर्माचरण है. दो हाथ से काम कर हजार हाथों से बांटें. सभी मिलकर देश को बड़ा बनाएं. भारत विश्वगुरु बने तो दुनिया में सुख-शांति रहेगी.

वह बोले कि हम सब मिलकर देश को बड़ा बनाएं. भारत विश्वगुरु बनेगा. इसके लिए प्रत्येक नागरिक अपनी सहभागिता निभाएं. सत्य, शुचिता, पवित्रता और करुणा आदि धर्म के मूल हैं, हमे इनका पालन करना चाहिए. उन्होंने हिंदुओं के एक होने का संदेश दिया. साथ ही युवाओं को संस्कृत अपनाने के लिए भी प्रेरित किया.

इससे पूर्व संतों ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का शंख बजाकर स्वागत किया. उन्होंने श्रीकृष्ण मंदिर में पूजा-अर्चना की. मंदिर के कार्यक्रम के बाद सरसंघचालक खतौली में ही संत समागम में हिस्सा लिया. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खतौली नगर कार्यवाह पवन कुमार ने बताया कि सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत खतौली के बाद मेरठ जाएंगे. मेरठ के सरदार बल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में जल संरक्षण पर होने वाले एक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. इस दौरान नीर फाउंडेशन के संस्थापक रमनकांत की पुस्तक का विमोचन किया जाएगा. कार्यक्रम की अध्यक्षता परमार्थ निकेतन के संस्थापक स्वामी चिदानंद करेंगे.

आरएसएस सर संघचालक मोहन भागवत सरदार पटेल कृषि विश्वविद्यालय में नीर फाउंडेशन की ओर से आयोजित 'भारत के जल संसाधन: मुद्दे, चुनौतियां व समाधान' विषय पर आयोजित संगोष्ठी में मुख्य अतिथि होंगे. इसमें मोहन भागवत अपने विचार रखेंगे. प्राप्त जानकारी के मुताबिक, इस मौके पर कुलपति आरके मित्तल और चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति एनके तनेजा विशिष्ट अतिथि के तौर पर कार्यकक्रम में शामिल रहेंगे.

यह भी पढ़ें: रामपुर में आजम खां के बिगड़े बोल- नवाब काजिम अली खान पर दिया विवादित बयान

मीडिया को नीर फाउंडेशन के निदेशक रमन कांत त्यागी ने बताया कि काली नदी को पुनर्जीवित करने और जल संसाधनों को बचाने से संबंधित विषयों पर मंथन किया जाएगा. इसमें 300 लोग भाग लेंगे. वहीं, श्री कृष्ण मंदिर के संचालक शांतमुनि माधवव्यास शेवलीकर जी महाराज ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी आना था लेकिन वह किसी कारणवश नहीं आ पाए.

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Last Updated : Jun 15, 2022, 8:23 PM IST
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