मेरठः जिले में मंगलवार को राष्ट्रीय लोकदल की एक महत्वपूर्ण बैठक मेरठ महानगर कार्यालय पर आयोजित की गई. इस बैठक में रालोद के मेरठ नगर निकाय चुनाव की चयन समिति के सदस्यों ने भाग लिया. इसमें यह निर्णय लिया गया है कि राष्ट्रीय लोक दल मेरठ में महापौर का चुनाव लड़ेगी. राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय सचिव डॉ. राजकुमार सांगवान ने कहा है कि केंद्रीय नेतृत्व को पांच सदस्य महापौर प्रत्याशी के लिए सूची भेजी जा चुकी है. उन्होंने कहा कि मुस्लिम, जाट और गुर्जर को तरजीह दी गई है. राष्ट्रीय लोक दल के कार्यकर्ताओं की भावनाओं को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है.
पार्टी के नेताओं का कहना है कि यह निर्णय कार्यकर्ताओं और समर्थकों की भावनाओं को समझते हुए लिया गया है. अब राष्ट्रीय लोकदल नगर निकाय चुनाव के अंतर्गत मेरठ महापौर का चुनाव लड़ेगा. प्रत्याशियों के नाम केंद्रीय नेतृत्व को भेज दिए गए हैं. केंद्रीय नेतृत्व को मुस्लिम जाट और गुर्जर प्रत्याशियों की सूची केंद्रीय नेतृत्व को भेजी गई है कुल पांच दावेदारों की सूची भेजी गई है. इस महत्वपूर्ण बैठक में नगर निकाय समिति के सदस्यों द्वारा फैसला लिया गया कि समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन जारी रहेगा. राष्ट्रीय लोकदल के कार्यकर्ता जहां भी चुनाव लड़ना चाहते हैं उसकी सूची भी जिले में जारी की गई.
इस मौके पर महानगर पार्टी कार्यालय पर बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश मीडिया प्रभारी सुनील रोहटा ने कहा है कि समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन जारी रहेगा, लेकिन जहां-जहां राष्ट्रीय लोकदल के कार्यकर्ता चुनाव लड़ना चाहते हैं वहां-वहां चुनाव लड़ा जाएगा. इसीलिए राष्ट्रीय लोकदल आज अपनी सूची जारी कर रहा है और जो सूची जारी की गई है व राष्ट्रीय लोकदल के कार्यकर्ता पार्षद का चुनाव राष्ट्रीय लोकदल के चुनाव चिन्ह पर लड़ेंगे.
इस दौरान जिलाध्यक्ष ने राष्ट्रीय लोकदल द्वारा नगर निकाय में पार्षद पद के प्रत्याशीयों की सूची भी जारी कर दी. नगर पालिका व नगर पंचायत के 3 प्रत्याशियों की सूची जारी की गई, जिसमें मवाना नगर पंचायत पर राष्ट्रीय लोकदल का प्रत्याशी चुनाव लड़ेगा और बाकी जगह जहां घोषित की जा चुकी है वहां राष्ट्रीय लोकदल का प्रत्याशी चुनाव लड़ेगा, बाकि जगह पर जहां घोषित आपसी सहमति से गठबंधन चुनाव लड़ेगा, जहां सहमति नहीं होंगी वहां गठबंधन के तीनों दल अपने प्रत्याशी को चुनाव लड़ाएंगे.
बता दें कि सोमवार से दोनों दलों के बीच अंदरखाने सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. हालांकि समाजवादी पार्टी ने आज ऐलान किया था कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश की बड़ौत और बागपत में समाजवादी पार्टी स्थानीय नगर निकाय चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं लड़ेगी. यहां सपा राष्ट्रीय लोक दल का समर्थन करेगी. समाजवादी पार्टी की तरफ से मंगलवार को ट्वीट भी किया था.
गौरतलब है कि बीते दिन चर्चाओं के पीछे वजह थी कि समाजवादी पार्टी ने राष्ट्रीय लोक दल से बिना कोई बात किए ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तमाम स्थानीय निकाय चुनाव की सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए थे. मेरठ और मथुरा के मेयर पद के लिए राष्ट्रीय लोक दल ने दावेदारी पेश की थी, लेकिन सपा मुखिया अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय लोक दल मुखिया जयंत चौधरी से कोई बात नहीं की. दोनों ही सीटों पर समाजवादी पार्टी ने महापौर प्रत्याशी उतार दिया था. इसके बाद दोनों पार्टियों में नाराजगी का सिलसिला शुरू हो गया था. राष्ट्रीय लोकदल की तरफ से तो यहां तक कह दिया गया कि अखिलेश यादव बात ही नहीं करते हैं. प्रत्याशी घोषित करते समय एक बार भी पूछा ही नहीं गया. जबकि सपा मुखिया अखिलेश यादव द्वारा राष्ट्रीय लोक दल की तरफ से मेयर की दो सीटें मांगी गई थी. जब समाजवादी पार्टी ने राष्ट्रीय लोक दल से बात नहीं की तो राष्ट्रीय लोक दल ने भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 30 से ज्यादा सीटों पर बीते दिनों अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए थे.
इसके बाद आज समाजवादी पार्टी को एहसास भी हुआ कि अगर राष्ट्रीय लोक दल और समाजवादी पार्टी का उत्तर प्रदेश में गठबंधन टूटता है तो इसका असर आने वाले लोकसभा चुनाव पर जरूर पड़ेगा. लिहाजा, समाजवादी पार्टी ने यू-टर्न लेते हुए पश्चिम उत्तर प्रदेश की दो सीटों पर अध्यक्ष प्रत्याशी उतारने का फैसला न लेकर गठबंधन को बचाने की कोशिश भी की थी. मेरठ में अब रालोद के नेताओं के निर्णय के बाद न सिर्फ मेयर की सीट पर मुकाबला रोचक होने जा रहा है, बल्कि इसका फायदा कई जगह हो सकता है कि बैठे-बिठाए ही बीजेपी के प्रत्याशियों को फायदा भी मिल सकता है.