मेरठ : प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) ने मेरठ की धरती से 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए बिगुल फूंक दिया है. राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने जहां पहले प्रत्याशी के नाम की घोषणा की, वहीं डेढ़ साल पहले ही चुनावी आगाज कर दिया. पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के जयंती समारोह में उन्होंने चुनावी जंग का एलान किया.
'किसान विरोधी है कृषि कानून'
जनसभा को संबोधित करते हुए शिवपाल यादव ने केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए कृषि कानूनों को किसान विरोधी करार दिया. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार ने अंबानी-अडानी को लाभ पहुंचाने के लिए काले कानून बनाए हैं, जिसका प्रसपा खुलकर विरोध करती है. शिवपाल यादव ने आगामी विधानसभा चुनाव में प्रसपा की सरकार बनने पर रोजगार के लिए नया कानून बनाने का वादा किया है. उन्होंने कहा कि अगर उनकी पार्टी की सरकार आई तो वे ऐसा कानून बनाएंगे जिससे प्रत्येक परिवार के एक युवा को सरकारी नौकरी दी जाएगी.
चौधरी चरण सिंह की जयंती के बहाने की चुनावी रैली
बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती समारोह के बहाने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी ने चुनावी रैली कर डाली. हालांकि कोरोना संक्रमण के चलते जिला प्रशासन ने महज 100 लोगों के आने की अनुमति दी थी. बावजूद इसके चौधरी साहब की जयंती के बहाने हजारों की संख्या में पार्टी नेता, पदाधिकारी और समर्थकों की भीड़ जुट गई. अध्यक्ष शिवपाल यादव ने जयंती समारोह को ही चुनावी जनसभा बना लिया और चुनावी मुद्दे गिनाने शुरू कर दिए. हालांकि 2022 के विधानसभा चुनाव में अभी डेढ़ साल का समय शेष है. प्रगतिशील समाजवादी पार्टी ने सभी दलों से पहले चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है.
बीजेपी सरकार पर साधा निशाना
प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव ने बीजेपी की राज्य और केंद्र सरकारों पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार में न सिर्फ कानून व्यवस्था बिगड़ी है, बल्कि आम जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. शिवपाल यादव ने नोटबन्दी और जीएसटी लागू करने से लेकर किसानों की आय दोगुनी करने के वादे को याद दिलाते हुए कहा कि आज वही सरकार किसानों के ऊपर आंसू गैस के गोले चलवा रही है. कृषि कानून बनाने और किसानों पर अत्याचार करने वाले नेताओं को सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है.
'रोजगार के लिए बनाएंगे नया कानून'
मंच से संबोधन में शिवपाल यादव ने कहा कि 2022 के चुनाव में अगर उनकी पार्टी की सरकार बनती है तो वे एक ऐसा कानून बनाएंगे, जिससे प्रदेश के हर परिवार के कम से कम एक युवा को सरकारी नौकरी दी जाएगी. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने चुनाव से पहले 2 करोड़ युवाओं को सरकारी नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन 2 लाख युवाओं को भी नौकरी नहीं दी है. इतना ही नहीं, कोरोना काल में करोड़ों लोग बेरोजगार कर दिए गए. प्रसपा सरकार आने पर हर घर में सरकारी नौकरी होगी.
'बीजेपी को हराने के लिए गठबंधन का स्वागत'
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में चाचा-भतीजा शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के एक होने की संभावनाएं समाप्त होती जा रही हैं. सपा अध्यक्ष एवं पूर्व सीएम अखिलेश यादव के ऑफर रिजेक्ट करने के बाद शिवपाल यादव ने सोमवार से पश्चिमी यूपी में चुनावी जंग का आगाज कर दिया. शिवपाल यादव ने अखिलेश यादव के साथ विलय होने की अटकलों पर विराम लगा दिया है. उन्होंने कहा कि अब वह समय निकल गया है. प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के साथ जिसको गठबंधन करना है, वह उनके साथ आ सकता है. हालांकि उन्होंने बीजेपी के रोकने के लिए एक होना भी जरूरी बताया है.
प्रदेश के प्रत्येक जिले में जाएंगे शिवपाल
प्रसपा अध्यक्ष ने मिशन 2020 की शुरुआत मेरठ की धरती से कर दी है. उन्होंने कहा कि वे 2022 चुनाव के लिए प्रदेश भर में रैलियां करेंगे. प्रदेश के प्रत्येक जिले में प्रसपा नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर चुनाव जीतने की तैयारी करेंगे. 23 दिसंबर को इटावा में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के जन्म दिवस पर एक कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. इसके बाद शिवपाल यादव 24 दिसंबर को यूपी के गांव-गांव की पदयात्रा पर निकलेंगे, जो पूरे राज्य में 6 महीने तक चलेगी.
अमित जानी को प्रसपा ने बनाया पहला प्रत्याशी
प्रसपा अध्यक्ष सोमवार को मेरठ के सिवाल खास कस्बा पहुंचे, जहां उन्होंने चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए न सिर्फ चुनावी बिगुल बजा दिया, बल्कि प्रसपा के पहले प्रत्याशी के नाम की घोषणा भी कर दी. शिवपाल यादव ने सिवाल खास विधानसभा सीट से अमित जानी के नाम पर मुहर लगा दी है. उन्होंने सिवाल खास की जनता से आग्रह किया है कि वे अमित जानी को भारी मतों से जिताकर विधानसभा भेजने का काम करें. विधायक बनने पर अमित उनके काम करेगा.
कृषि कानून को बताया काला कानून
शिवपाल यादव ने केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए कानून को काला कानून बताया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार ने अंबानी, अडानी को लाभ पहुंचाने के लिए कृषि कानून लाई है. इन कानून के लागू किए जाने के बाद न सिर्फ एमएसपी खत्म हो जाएगी, बल्कि मंडियों का अस्तित्व भी खत्म हो जाएगा. प्रसपा किसानों के समर्थन में आकर इन कानून का विरोध करती है.