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जियो टैगिंग से होगी पौधों की निगरानी, ऑनलाइन रखा जाएगा ख्याल - जियो टैगिंग

पौधारोपण (Plantation) को लेकर हर साल सरकार विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करती है. इसके लिए अभियान भी चलाया जाता है, लेकिन अभियान के बाद पौधों की सुध कोई नहीं लेता है. वहीं, अब जियो टैगिंग (Geo Tagging) के माध्यम से मेरठ वन विभाग पौधों पर निगरानी रखेगा.

जियो टैगिंग से होगी पौधों की निगरानी
जियो टैगिंग से होगी पौधों की निगरानी
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Published : Jul 23, 2021, 8:20 PM IST

मेरठ: पौधरोपण (Plantation) को लेकर हर साल सरकार द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. इतना ही नहीं संस्थाएं भी पौधरोपण में अपना सहयोग करती हैं, लेकिन यह अभियान सिर्फ अभियान तक ही सीमित रहता है. अभियान के बाद कितने पौधे पनपे इसका कोई भी डाटा न तो सरकार के पास होता है न ही किसी एनजीओं के पास. पौधों को लगाने के लिए तो हर कोई आगे आता है, लेकिन उनके संरक्षण के बारे में कोई भी विशेष ध्यान नहीं देता. इसी वजह से लाखों की संख्या में लगाए गए पौधे कुछ ही समय में सूख जाते हैं. इन्हीं सभी बातों को ध्यान में रखते हुए अब उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पौधों की देखभाल के लिए वन विभाग को सक्रिय भूमिका निभाने के निर्देश दिए गए हैं.

प्रदेश सरकार के निर्देश के अनुसार, जियो टैगिंग (Geo Tagging) के माध्यम से सभी पौधों की देखभाल की जाएगी. इसके लिए सरकार ने 'क्विक कैप्चर' नाम का ऐप जारी किया है. इस पर हर पौधे की फोटो खींचकर डालनी होगी. इसकी एक्यूरेसी तीन मीटर की है. आगे चलकर इस ऐप के माध्यम से पेड़ों की निगरानी भी करने की योजना है.

पढ़ें: श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले में सीनियर डिविजन की कोर्ट में हुई सुनवाई, 30 जुलाई को अगली तारीख

मेरठ डीएफओ राजेश कुमार ने बताया कि सरकार द्वारा जारी निर्देश के अनुसार विभाग में टीम बनाई जा रही है. जो अन्य विभागों से कोआर्डिनेशन कर यह जानकारी एकत्रित करेगी कि किस जगह किस विभाग द्वारा पौधरोपण किया गया. उन सभी पौधों का विवरण पीएमएस वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इसके लिए 4 जुलाई और 19 जुलाई को एक बैठक की गई. इसमें भविष्य की रूपरेखा तैयार की गई है.

डीएफओ राजेश कुमार की मानें तो प्रदेश सरकार द्वारा जनपद को दिए गए लक्ष्य के अनुसार 28 लाख पौधे लगाए जाने थे, लेकिन इस योजना के अंतर्गत विभिन्न विभागों के सहयोग से 31 लाख पौधे लगाए जा चुके हैं.

मेरठ: पौधरोपण (Plantation) को लेकर हर साल सरकार द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. इतना ही नहीं संस्थाएं भी पौधरोपण में अपना सहयोग करती हैं, लेकिन यह अभियान सिर्फ अभियान तक ही सीमित रहता है. अभियान के बाद कितने पौधे पनपे इसका कोई भी डाटा न तो सरकार के पास होता है न ही किसी एनजीओं के पास. पौधों को लगाने के लिए तो हर कोई आगे आता है, लेकिन उनके संरक्षण के बारे में कोई भी विशेष ध्यान नहीं देता. इसी वजह से लाखों की संख्या में लगाए गए पौधे कुछ ही समय में सूख जाते हैं. इन्हीं सभी बातों को ध्यान में रखते हुए अब उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पौधों की देखभाल के लिए वन विभाग को सक्रिय भूमिका निभाने के निर्देश दिए गए हैं.

प्रदेश सरकार के निर्देश के अनुसार, जियो टैगिंग (Geo Tagging) के माध्यम से सभी पौधों की देखभाल की जाएगी. इसके लिए सरकार ने 'क्विक कैप्चर' नाम का ऐप जारी किया है. इस पर हर पौधे की फोटो खींचकर डालनी होगी. इसकी एक्यूरेसी तीन मीटर की है. आगे चलकर इस ऐप के माध्यम से पेड़ों की निगरानी भी करने की योजना है.

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मेरठ डीएफओ राजेश कुमार ने बताया कि सरकार द्वारा जारी निर्देश के अनुसार विभाग में टीम बनाई जा रही है. जो अन्य विभागों से कोआर्डिनेशन कर यह जानकारी एकत्रित करेगी कि किस जगह किस विभाग द्वारा पौधरोपण किया गया. उन सभी पौधों का विवरण पीएमएस वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इसके लिए 4 जुलाई और 19 जुलाई को एक बैठक की गई. इसमें भविष्य की रूपरेखा तैयार की गई है.

डीएफओ राजेश कुमार की मानें तो प्रदेश सरकार द्वारा जनपद को दिए गए लक्ष्य के अनुसार 28 लाख पौधे लगाए जाने थे, लेकिन इस योजना के अंतर्गत विभिन्न विभागों के सहयोग से 31 लाख पौधे लगाए जा चुके हैं.

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