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वाहन उपभोक्ता अब ईंधन भरवाते वक्त देख सकेंगे तेल और उसकी धार ?

अक्सर सोशल मीडिया पर ऐसे संदेश देखने और पढ़ने में आते हैं जब लोग मांग उठाते हैं कि पैट्रोल और डीजल पंप पर जो पाईप होता है उसे पारदर्शी किया जाए. मेरठ में जिलापूर्ति अधिकारी ने अब इस बारे में गंभीरता दिखाई है.

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पेट्रोल पाईप पारदर्शी
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 9, 2023, 10:03 PM IST

Updated : Sep 10, 2023, 8:22 AM IST

उपभोक्ता वाहनों में फ्यूल लेते हुए अब देख सकेंगे तेल, जिला पूर्ति अधिकारी ने दी जानकारी

मेरठ: काफी बार ऐसी मांग उठाई जाती है कि पेट्रोल या डीजल पंप पर जिस पाइप के जरिए फ्यूल भरा जाता है. पाईप काले रंग का होता है. इस पाइप को लेकर मांग उठती है इसे बदलकर पारदर्शी बनाया जाए. इस मुद्दे पर कई बार लोगों को पेट्रोल पंप पर लड़ते झगड़ते भी देखा जाता है. लोगों का कहना होता है कि जितने का तेल उन्होंने अपने वाहन में डलवाया है, उतना टंकी में नहीं गया है. इसको लेकर कई बार तनातनी, लड़ाई झगड़ा भी मौजूद कर्मचारियों से वाहन मालिकों का हो जाता है. लेकिन, अब मेरठ के जिला पूर्ति अधिकारी ने इस मामले में गंभीरता दिखाई है.

दरअसल, मेरठ के जिलापूर्ति अधिकारी विनय कुमार ने एक पत्र तेल कम्पनियों को लिखा है. पत्र में उन्होंने मांग की है कि जो पंपों पर ईंधन भरने के लिए काला पाइप होता है, उसकी जगह क्यों ना पारदर्शी पाइप का इस्तेमाल किया जाए. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा संभव है तो यह जल्द से जल्द होना चाहिए. क्रांतिकारी सेना के प्रदेश संयोजक राहुल ठाकुर ने कहा कि अगर ऐसा होता है तो यह स्वागतयोग्य कदम है. इससे जो असमंजस की स्थिति उपभोक्ताओं में होती है, इसके बाद वह नहीं होगी. उपभोक्ताओं में विश्वास की स्थिति पैदा होगी.

जिला पूर्ति अधिकारी ने बताया कि एक शिकायत किसी के द्वारा की गई थी. जिसमें यह कहा गया था कि जो भी फ्यूल पंप होते हैं, उनमें काली पाइप ईंधन के लिए लगी होती है. जिससे कि यह आभास नहीं हो पाता कि डीजल या पेट्रोल का प्रवाह उस पाइप में चल रहा है कि नहीं. उपभोक्ता के मन में दुविधा बनी होती है. वह कहते हैं कि क्योंकि ये जो पाईप लगाने का तरीका है, यह ऑयल कम्पनियों के द्वारा किया जाता है. जिला पूर्ति अधिकारी ने कहा कि उनके द्वारा इस बारे में ऑयल कम्पनियों को पत्र लिख कर दिशा निर्देश जारी किए गए हैं कि इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करें. कार्रवाई से प्रशासन को भी अवगत कराएं.

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कार्रवाई के लिए जो पत्र लिखा गया है उसमें कहा है कि इस बारे में कंपनी काम करें और अगर कोई ऐसा एक्ट है या कोई अन्य वजह है जिस वजह से ऐसा नहीं भी हो सकता है तो वह भी बताया जाए. ताकि, उससे भी आमजनता को अवगत कराया जाए. विनय कुमार कहते हैं कि वह यही कहेंगें कि उपभोक्ता की संतुष्टि बेहद जरूरी है. अगर पाइप पारदर्शी हो सकता है तो वह भी चाहेंगे कि ऐसा होना चाहिए. उन्होंने कहा कि फिलहाल तो हम तेल कंपनियों के जवाब का इंतजार कर रहे हैं और अगर जल्द ही वह जवाब नहीं देती हैं तो उन्हें फिर नोटिस देंगे और उसके बाद फिर इसमें आगे बढ़ा जाएगा. उन्होंने कहा कि ऐसा हो जाएगा तो इससे निश्चित ही उपभोक्ताओं में कोई भ्रम भी नहीं रहेगा. अविश्वास भी नहीं पनपेगा.हालांकि जिला पूर्ति अधिकारी का कहना है कि हालांकी अभी तक उन्होंने ऐसा सुना या देखा नहीं है. जहां ट्रांसपेरेंट पाईप पेट्रोल पंप पर उपयोग में लाए जा रहे हों.

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उपभोक्ता वाहनों में फ्यूल लेते हुए अब देख सकेंगे तेल, जिला पूर्ति अधिकारी ने दी जानकारी

मेरठ: काफी बार ऐसी मांग उठाई जाती है कि पेट्रोल या डीजल पंप पर जिस पाइप के जरिए फ्यूल भरा जाता है. पाईप काले रंग का होता है. इस पाइप को लेकर मांग उठती है इसे बदलकर पारदर्शी बनाया जाए. इस मुद्दे पर कई बार लोगों को पेट्रोल पंप पर लड़ते झगड़ते भी देखा जाता है. लोगों का कहना होता है कि जितने का तेल उन्होंने अपने वाहन में डलवाया है, उतना टंकी में नहीं गया है. इसको लेकर कई बार तनातनी, लड़ाई झगड़ा भी मौजूद कर्मचारियों से वाहन मालिकों का हो जाता है. लेकिन, अब मेरठ के जिला पूर्ति अधिकारी ने इस मामले में गंभीरता दिखाई है.

दरअसल, मेरठ के जिलापूर्ति अधिकारी विनय कुमार ने एक पत्र तेल कम्पनियों को लिखा है. पत्र में उन्होंने मांग की है कि जो पंपों पर ईंधन भरने के लिए काला पाइप होता है, उसकी जगह क्यों ना पारदर्शी पाइप का इस्तेमाल किया जाए. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा संभव है तो यह जल्द से जल्द होना चाहिए. क्रांतिकारी सेना के प्रदेश संयोजक राहुल ठाकुर ने कहा कि अगर ऐसा होता है तो यह स्वागतयोग्य कदम है. इससे जो असमंजस की स्थिति उपभोक्ताओं में होती है, इसके बाद वह नहीं होगी. उपभोक्ताओं में विश्वास की स्थिति पैदा होगी.

जिला पूर्ति अधिकारी ने बताया कि एक शिकायत किसी के द्वारा की गई थी. जिसमें यह कहा गया था कि जो भी फ्यूल पंप होते हैं, उनमें काली पाइप ईंधन के लिए लगी होती है. जिससे कि यह आभास नहीं हो पाता कि डीजल या पेट्रोल का प्रवाह उस पाइप में चल रहा है कि नहीं. उपभोक्ता के मन में दुविधा बनी होती है. वह कहते हैं कि क्योंकि ये जो पाईप लगाने का तरीका है, यह ऑयल कम्पनियों के द्वारा किया जाता है. जिला पूर्ति अधिकारी ने कहा कि उनके द्वारा इस बारे में ऑयल कम्पनियों को पत्र लिख कर दिशा निर्देश जारी किए गए हैं कि इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करें. कार्रवाई से प्रशासन को भी अवगत कराएं.

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कार्रवाई के लिए जो पत्र लिखा गया है उसमें कहा है कि इस बारे में कंपनी काम करें और अगर कोई ऐसा एक्ट है या कोई अन्य वजह है जिस वजह से ऐसा नहीं भी हो सकता है तो वह भी बताया जाए. ताकि, उससे भी आमजनता को अवगत कराया जाए. विनय कुमार कहते हैं कि वह यही कहेंगें कि उपभोक्ता की संतुष्टि बेहद जरूरी है. अगर पाइप पारदर्शी हो सकता है तो वह भी चाहेंगे कि ऐसा होना चाहिए. उन्होंने कहा कि फिलहाल तो हम तेल कंपनियों के जवाब का इंतजार कर रहे हैं और अगर जल्द ही वह जवाब नहीं देती हैं तो उन्हें फिर नोटिस देंगे और उसके बाद फिर इसमें आगे बढ़ा जाएगा. उन्होंने कहा कि ऐसा हो जाएगा तो इससे निश्चित ही उपभोक्ताओं में कोई भ्रम भी नहीं रहेगा. अविश्वास भी नहीं पनपेगा.हालांकि जिला पूर्ति अधिकारी का कहना है कि हालांकी अभी तक उन्होंने ऐसा सुना या देखा नहीं है. जहां ट्रांसपेरेंट पाईप पेट्रोल पंप पर उपयोग में लाए जा रहे हों.

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Last Updated : Sep 10, 2023, 8:22 AM IST
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