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मेरठ: सोतीगंज में लोग बदल रहे काम ताकि जिंदगी में रहे सुकून और आराम - सोतीगंज व्यापार मंडल

चोरी के वाहनों की खरीद-बिक्री के लिए बदनाम रहे मेरठ के सोतीगंज इलाके का दृश्य अब बदला-बदला सा दिखने लगा है. कुछ महीने पहले तक इस बाजार में लोग पांव रखना पसंद नहीं करते थे. यहां की गलियां अब पेट्रोल-डीजल और ग्रीस की दुर्गंध से नहीं, बल्कि इत्र की सुगंध से महकती नजर आती है. आखिर इसके पीछे का राज क्या है. पढ़िए स्पेशल रिपोर्ट...

स्पेशल रिपोर्ट.
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Published : Jun 1, 2022, 2:30 PM IST

मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले का सोतीगंज इलाका देशभर में अवैध वाहनों के कटान के तौर पर प्रसिद्ध था, लेकिन जब सिस्टम ने प्रबल इच्छा शक्ति के साथ जब बदलाव का बीड़ा उठाया तो हालात बदलते देर न लगी. पिछले साल तक जहां चोरी के अवैध वाहनों की कटाई के लिए ये इलाका कुख्यात था. वहीं, आज यहां के कुख्यात सलाखों के पीछे हैं. जबकि बाकी लोगों ने अब इस काम से तौबा करके इस गंदे धंधे तक को बदल दिया है. देखिए ये खास खबर...

मेरठ के सोतीगंज इलाके को लेकर स्पेशल रिपोर्ट.

एक समय मेरठ के सोतीगंज इलाके में देशभर से चोरी के वाहनों का अवैध कटान होता था, लेकिन बीते एक साल के दौरान अब यहां सब कुछ बदला बदला दिखाई देता है. अवैध कटान में लिप्त अनेकों वाहन कटान करने वाले माफियाओं के खिलाफ पुलिस ने एक्शन लेकर उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाया है. यही वजह है कि करोड़ों रुपये की संपत्ति जब्त की जा चुकी है.

क्रान्तिधरा के नाम से मशहूर मेरठ की पहचान सोतीगंज में चलने वाले अवैध कटान के बाजार की वजह से जैसे ये मेरठ जिले पर किसी बदनुमा धब्बे की तरह था. गंदे धंधेबाजों की वजह से ही पलक झपकते ही यहां दो पहिया चार पहिया वाहन गायब हो जाया करते थे. इस गंदे धंधे से दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की करने वाले वाहन कटान कराने वाले माफियाओं पर अपनी अलग छवि के लिए प्रसिद्ध आईपीएस अधिकारी प्रभाकर चौधरी ने ऐसा एक्शन लिया कि सोतीगंज का स्वरूप ही बदल गया.

इस बीच ईटीवी भारत ने कुछ ऐसे लोगों से बात की जो कि पहले यहां ऑटोपार्ट्स की बिक्री करते थे, लेकिन अब वो कुछ और धंधा करने लगे हैं. कुछ लोगों का कहना है कि वे मानते हैं कि सोतीगंज में पहले बहुत गलत हो रहा था. रिटायर्ड आईएएस प्रभात रॉय बताते हैं कि अधिकारियों की ईमानदार कोशिशों का ही नतीजा है कि यहां बदलाव हुआ है. बदनामी का जो टैग इस शहर पर था वो धुल गया है.

सोतीगंज व्यापार मंडल के महामंत्री मोहम्मद हाजी मुर्सलीन का कहना है कि सभी लोग अब यहां सुकून की जिंदगी बसर करना चाहते हैं. अब यहां अवैध धंधा पूरी तरह से बंद हो गया है. अब यहां स्थानीय लोग प्रशासन और पुलिस को अवैध धंधे के बारे में आगाह करते हैं. वे मानते हैं कि इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि कहीं दूसरी जगह कोई नया सोतीगंज न पनपे.

विधानसभा चुनाव के दौरान देखा गया कि मेरठ के सोतीगंज मार्केट के सूरत बदलनी को लेकर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां तारीफ की. वहीं बीजेपी के नेताओं ने चुनावी मंच से इस बाजार को बंद करवाने की कार्रवाई के बारे में बयान दिया.

एसपी सिटी विनीत भटनागर ने बताया कि एसएसपी प्रभाकर चौधरी के नेतृत्व में पुलिस ने चुन चुन कर ऐसे लोगों के खिलाफ एक्शन लिया है. जो इस गोरख धंधे में लिप्त थे. एसपी सिटी ने बताया कि अगर यहां अवैध धंधे को लेकर कोई इनपुट मिलता है तो तुरंत कार्रवाई की जाती है. जो दोषी पाए गए उनपर कठोर एक्शन लिया गया है और जो सुधरना चाहते हैं. उन्हें मौका भी दिया जा रहा है.

सोतीगंज में नई शुरुआत करने वालों की फेहरिस्त काफी लंबी है. चोरी के ऑटो पार्ट्स और गाड़ियां बेचने वाले अब यहां पुलिस की कार्रवाई के बाद अपने तौर-तरीके और यहां तक कि व्यवसाय बदलकर संतोष जाहिर कर रहे हैं. पुरानी कबाड़ की दुकानों पर जहां पहले चोरी के ऑटो पार्ट्स बिकते थे. अब वहां चिकन की दुकान, फास्ट फूड और कपड़ों की दुकानें खुल गई हैं तो कहीं कोई कपड़ों की दुकान खोलकर बैठ गया है. हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि उनके पास पर्याप्त पूंजी नहीं है. इसलिए प्रशासन उनकी मदद करें.

इसे भी पढ़ें- मेरठ के सोतीगंज में पुलिस अनुमति के बाद खुले नए पार्ट्स के दुकान, गोदाम अभी भी बंद

मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले का सोतीगंज इलाका देशभर में अवैध वाहनों के कटान के तौर पर प्रसिद्ध था, लेकिन जब सिस्टम ने प्रबल इच्छा शक्ति के साथ जब बदलाव का बीड़ा उठाया तो हालात बदलते देर न लगी. पिछले साल तक जहां चोरी के अवैध वाहनों की कटाई के लिए ये इलाका कुख्यात था. वहीं, आज यहां के कुख्यात सलाखों के पीछे हैं. जबकि बाकी लोगों ने अब इस काम से तौबा करके इस गंदे धंधे तक को बदल दिया है. देखिए ये खास खबर...

मेरठ के सोतीगंज इलाके को लेकर स्पेशल रिपोर्ट.

एक समय मेरठ के सोतीगंज इलाके में देशभर से चोरी के वाहनों का अवैध कटान होता था, लेकिन बीते एक साल के दौरान अब यहां सब कुछ बदला बदला दिखाई देता है. अवैध कटान में लिप्त अनेकों वाहन कटान करने वाले माफियाओं के खिलाफ पुलिस ने एक्शन लेकर उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाया है. यही वजह है कि करोड़ों रुपये की संपत्ति जब्त की जा चुकी है.

क्रान्तिधरा के नाम से मशहूर मेरठ की पहचान सोतीगंज में चलने वाले अवैध कटान के बाजार की वजह से जैसे ये मेरठ जिले पर किसी बदनुमा धब्बे की तरह था. गंदे धंधेबाजों की वजह से ही पलक झपकते ही यहां दो पहिया चार पहिया वाहन गायब हो जाया करते थे. इस गंदे धंधे से दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की करने वाले वाहन कटान कराने वाले माफियाओं पर अपनी अलग छवि के लिए प्रसिद्ध आईपीएस अधिकारी प्रभाकर चौधरी ने ऐसा एक्शन लिया कि सोतीगंज का स्वरूप ही बदल गया.

इस बीच ईटीवी भारत ने कुछ ऐसे लोगों से बात की जो कि पहले यहां ऑटोपार्ट्स की बिक्री करते थे, लेकिन अब वो कुछ और धंधा करने लगे हैं. कुछ लोगों का कहना है कि वे मानते हैं कि सोतीगंज में पहले बहुत गलत हो रहा था. रिटायर्ड आईएएस प्रभात रॉय बताते हैं कि अधिकारियों की ईमानदार कोशिशों का ही नतीजा है कि यहां बदलाव हुआ है. बदनामी का जो टैग इस शहर पर था वो धुल गया है.

सोतीगंज व्यापार मंडल के महामंत्री मोहम्मद हाजी मुर्सलीन का कहना है कि सभी लोग अब यहां सुकून की जिंदगी बसर करना चाहते हैं. अब यहां अवैध धंधा पूरी तरह से बंद हो गया है. अब यहां स्थानीय लोग प्रशासन और पुलिस को अवैध धंधे के बारे में आगाह करते हैं. वे मानते हैं कि इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि कहीं दूसरी जगह कोई नया सोतीगंज न पनपे.

विधानसभा चुनाव के दौरान देखा गया कि मेरठ के सोतीगंज मार्केट के सूरत बदलनी को लेकर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां तारीफ की. वहीं बीजेपी के नेताओं ने चुनावी मंच से इस बाजार को बंद करवाने की कार्रवाई के बारे में बयान दिया.

एसपी सिटी विनीत भटनागर ने बताया कि एसएसपी प्रभाकर चौधरी के नेतृत्व में पुलिस ने चुन चुन कर ऐसे लोगों के खिलाफ एक्शन लिया है. जो इस गोरख धंधे में लिप्त थे. एसपी सिटी ने बताया कि अगर यहां अवैध धंधे को लेकर कोई इनपुट मिलता है तो तुरंत कार्रवाई की जाती है. जो दोषी पाए गए उनपर कठोर एक्शन लिया गया है और जो सुधरना चाहते हैं. उन्हें मौका भी दिया जा रहा है.

सोतीगंज में नई शुरुआत करने वालों की फेहरिस्त काफी लंबी है. चोरी के ऑटो पार्ट्स और गाड़ियां बेचने वाले अब यहां पुलिस की कार्रवाई के बाद अपने तौर-तरीके और यहां तक कि व्यवसाय बदलकर संतोष जाहिर कर रहे हैं. पुरानी कबाड़ की दुकानों पर जहां पहले चोरी के ऑटो पार्ट्स बिकते थे. अब वहां चिकन की दुकान, फास्ट फूड और कपड़ों की दुकानें खुल गई हैं तो कहीं कोई कपड़ों की दुकान खोलकर बैठ गया है. हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि उनके पास पर्याप्त पूंजी नहीं है. इसलिए प्रशासन उनकी मदद करें.

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