मेरठ : अगर आप किसी से पांच परमवीर चक्र विजेता का नाम पूछें तो वह बगलें झांकने लगेगा. देश के लिए वीरता दिखाने वाले सैनिकों की शौर्यगाथा (param vir chakra winners story) को लोग जानते भी नहीं हैं. अगर देश के नागरिकों में देशभक्ति और शूरवीर सैनिकों के प्रति सम्मान की भावना जागृत करना हो तो यह जरूरी है कि उन्हें वीरता के बारे में बताया जाए. मेरठ के इस्माईल नेशनल गर्ल्स इंटर कॉलेज (Ismail National Girls Inter College meerut) यह काम बखूबी हो रहा है, जहां बेटियां देश के लिए पराक्रम दिखाने वाले परमवीर सैनिकों के बारे में भी पढ़ाई कर रही हैं. नतीजा यह है कि इस्माईल नेशनल गर्ल्स इंटर कॉलेज की छात्राएं देश के वीरों का नाम और उनके पराक्रम की कहानी सुना सकती हैं.
मेरठ के इस्माईल नेशनल गर्ल्स इंटर कॉलेज में करीब 2000 छात्राएं हैं. यहां क्लास 12 तक की पढ़ाई होती हैं. वैसे तो इस स्कूल में एजुकेशन बोर्ड के सिलेबस के हिसाब से पढ़ाई होती है, मगर यहां पढ़ने वाली छात्राओं को देश के परमवीर चक्र विजेताओं के बारे में नियमित रूप से जानकारी दी जाती है. वीर सैनिकों की शौर्यगाथा बताने के लिए इंटर कॉलेज में पूरा कोर्स ज़ाइन किया गया है, जिसे ऑडियो विजुअल माध्यम से पढ़ाया जाता है.
स्कूल ने एक संस्था के सहयोग से देश के सभी परमवीर चक्र से सम्मानित वीर सपूतों (param vir chakra winners story) से जुड़ी हर छोटी बड़ी जानकारी संग्रहित किया है. बच्चियों को पढ़ाने में यहां की टीचर भी काफी दिलचस्पी लेती हैं. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान छात्रा सना चौहान ने बताया उन्हें नियमित तौर पर अपने देश के परमवीर चक्र विजेताओं के बारे में पढ़ना बहुत अच्छा लगता है. फराह नूर का कहना है कि उनके विद्यालय में तमाम माध्यमों से उन्हें परमवीर चक्र विजेताओं के बारे में यहां जानकारी मिलती है, जिससे उनमें भी नई ऊर्जा का संचार होता है. ऐसी ही एक अन्य छात्रा कशिश ने बताया कि क्लास में बताए गए वीरों की कहानी प्रेरणादायी हैं. कोर्स में शामिल होने के कारण वह घर में जाकर उनके बारे में सर्च करती हैं. एक छात्रा ने तो आठ परमवीरों की पेटिंग भी बनाई है. उसकी मंशा 21 परमवीर चक्र विजेताओं की तस्वीर बनाने की है.
स्कूल की प्रधानाचार्या मृदुला शर्मा बताती हैं कि परमवीर चक्र विजेता रणबांकुरों के पढ़ने के बाद बेटियों में इतना उत्साह है कि अब वह अन्य महापुरुषों के विषय में भी नियमित ज्ञानवर्धन चाहती हैं. उन्होंने बताया कि इसके अलावा भी वह अब खास प्लान तैयार कर रही हैं, जिसमें 75 स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में भी पढ़ाया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस कार्य में स्टूडेंट्स खुद भी उनका सहयोग भी कर रही हैं. बहरहाल इस्माईल नेशनल गर्ल्स इंटर कॉलेज की छात्राएं पढ़ाई के साथ साथ देशभक्ति की भावना से भी ओतप्रोत नजर आती हैं. यही वजह है कि वह भी न सिर्फ सेना में जाना चाहती हैं बल्कि देश की सेवा के लिए आगे आने के अपने सपने गढ़ रही हैं.
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