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कोरोना से निपटने में सरकार व्यस्त, यहां हर दूसरे दिन हो रही है एक मौत

उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के एक गांव में आज तक न तो स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची, न सैनिटाइजेशन हुआ. लगातार मौतों से गांव में लोग भयभीत हैं.

मेरठ
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Published : May 14, 2021, 3:57 PM IST

मेरठ: उत्तर प्रदेश समेत पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है, लेकिन मेरठ का गगोल गांव अलग बीमारी से परेशान है. इस गांव में हर दूसरे दिन एक मौत हो जा रही है, लेकिन सरकार या स्वास्थ्य विभाग का ध्यान इस ओर नहीं गया है. करीब 4500 आबादी वाले इस गांव में बीते एक महीने में 13 लोगों की मौत हो चुकी है. गांव के ग्रामीणों में दहशत का माहौल है, लेकिन प्रशासन को कोई फर्क नहीं पड़ता. शायद यही वजह है कि इस गांव में अभी तक कोई झांकने नहीं आया, जबकि ग्रामीण स्थानीय प्रशासन तक से गुहार लगा चुके हैं. मौतें कोरोना से हो रही हैं, इसकी भी पुष्टि नहीं है, लेकिन जान बचाने के खातिर ग्रामीण युवाओं ने खुद से ही गांव को सैनिटाइज करना शुरू कर दिया है.

वायरल बुखार की आशंका
ग्रामीणों की मानें तो गांव में वायरल बुखार के चलते मौतें हो रही हैं. मरने वालों में ज्यादातर 60 साल से ऊपर के लोग हैं. इनमें कई महिलाएं भी शामिल हैं. ग्रामीणों की मौत कैसे हुई, इसके सही कारणों का पता नहीं चल पा रहा है, लेकिन गांव के प्रधान बुखार और अन्य बीमारियों को वजह बता रहे हैं.

लगातार मौतें

सरकार की टीम भी नहीं पहुंची
कहने के लिए तो यूपी सरकार यह दावा कर रही है कि हम प्रदेश के हर घर जाकर कोरोना के लिए टेस्टिंग अभियान चला रहे हैं, लेकिन गगोल गांव में के हालात सरकारी दावे की पोल खोल रहे हैं. यदि टेस्टिंग होती यह पता चल जाता कि आखिर लोगों के बीमार होने की वजह क्या है और उनका समुचित इलाज भी संभव होता.

गांव-गांव कराया जा रहा सैनिटाइजेशन : CMO
हैरानी की बात ये है कि ग्रामीण कहते हैं कि यहां कोई झांकने नहीं आ रहा, जबकि जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. अखिलेश मोहन दावा कर रहे हैं कि सरकार के निर्देशानुसार टीम गठित की गई है. स्वास्थ्य विभाग की टीमें गांव-गांव पहुंचकर कोरोना की टेस्टिंग कर रही हैं. साथ ही साथ गांवों को सैनिटाइज भी कराया जा रहा है. वहीं इन मौतों के बाद गांव वालों में सरकार के प्रति रोष दिखाई दे रहा है. गांव वालों का साफ तौर पर कहना है के गांव की जमीनी हकीकत सरकारी दावों से अलग हैं. ना तो गांव में कोरोना की टेस्टिंग के लिए कोई स्वास्थ्य विभाग की टीम आ रही है और ना ही गांव को सैनिटाइज कराया जा रहा है.

इसे भी पढ़ेंः यूपी में कोरोना वैक्सीन का वेस्टेज 18 फीसदी घटा

अपने खर्चे से सैनिटाइजेशन कर रहे युवा
ग्रामीणों ने बताया कि अभी तक कोई भी अधिकारी भी गांव में नहीं पहुंचा है. शासन प्रशासन की अनदेखी के चलते गांव के युवा खुद अपने खर्चे से पूरे गांव में सैनिटाइजर का छिड़काव कर संक्रमण से बचने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं, ग्राम प्रधान भी लोगों की मौत होना तो बता रहे हैं, लेकिन इससे आगे कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं.

मेरठ: उत्तर प्रदेश समेत पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है, लेकिन मेरठ का गगोल गांव अलग बीमारी से परेशान है. इस गांव में हर दूसरे दिन एक मौत हो जा रही है, लेकिन सरकार या स्वास्थ्य विभाग का ध्यान इस ओर नहीं गया है. करीब 4500 आबादी वाले इस गांव में बीते एक महीने में 13 लोगों की मौत हो चुकी है. गांव के ग्रामीणों में दहशत का माहौल है, लेकिन प्रशासन को कोई फर्क नहीं पड़ता. शायद यही वजह है कि इस गांव में अभी तक कोई झांकने नहीं आया, जबकि ग्रामीण स्थानीय प्रशासन तक से गुहार लगा चुके हैं. मौतें कोरोना से हो रही हैं, इसकी भी पुष्टि नहीं है, लेकिन जान बचाने के खातिर ग्रामीण युवाओं ने खुद से ही गांव को सैनिटाइज करना शुरू कर दिया है.

वायरल बुखार की आशंका
ग्रामीणों की मानें तो गांव में वायरल बुखार के चलते मौतें हो रही हैं. मरने वालों में ज्यादातर 60 साल से ऊपर के लोग हैं. इनमें कई महिलाएं भी शामिल हैं. ग्रामीणों की मौत कैसे हुई, इसके सही कारणों का पता नहीं चल पा रहा है, लेकिन गांव के प्रधान बुखार और अन्य बीमारियों को वजह बता रहे हैं.

लगातार मौतें

सरकार की टीम भी नहीं पहुंची
कहने के लिए तो यूपी सरकार यह दावा कर रही है कि हम प्रदेश के हर घर जाकर कोरोना के लिए टेस्टिंग अभियान चला रहे हैं, लेकिन गगोल गांव में के हालात सरकारी दावे की पोल खोल रहे हैं. यदि टेस्टिंग होती यह पता चल जाता कि आखिर लोगों के बीमार होने की वजह क्या है और उनका समुचित इलाज भी संभव होता.

गांव-गांव कराया जा रहा सैनिटाइजेशन : CMO
हैरानी की बात ये है कि ग्रामीण कहते हैं कि यहां कोई झांकने नहीं आ रहा, जबकि जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. अखिलेश मोहन दावा कर रहे हैं कि सरकार के निर्देशानुसार टीम गठित की गई है. स्वास्थ्य विभाग की टीमें गांव-गांव पहुंचकर कोरोना की टेस्टिंग कर रही हैं. साथ ही साथ गांवों को सैनिटाइज भी कराया जा रहा है. वहीं इन मौतों के बाद गांव वालों में सरकार के प्रति रोष दिखाई दे रहा है. गांव वालों का साफ तौर पर कहना है के गांव की जमीनी हकीकत सरकारी दावों से अलग हैं. ना तो गांव में कोरोना की टेस्टिंग के लिए कोई स्वास्थ्य विभाग की टीम आ रही है और ना ही गांव को सैनिटाइज कराया जा रहा है.

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अपने खर्चे से सैनिटाइजेशन कर रहे युवा
ग्रामीणों ने बताया कि अभी तक कोई भी अधिकारी भी गांव में नहीं पहुंचा है. शासन प्रशासन की अनदेखी के चलते गांव के युवा खुद अपने खर्चे से पूरे गांव में सैनिटाइजर का छिड़काव कर संक्रमण से बचने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं, ग्राम प्रधान भी लोगों की मौत होना तो बता रहे हैं, लेकिन इससे आगे कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं.

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