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मेरठ: दूसरे जुमे पर भी सख्त रहा प्रशासन, सड़क पर नहीं हुई नमाज

यूपी के मेरठ में पुलिस की सख्ती का असर देखने को मिला. दूसरे शुक्रवार को मस्जिदों के अंदर नमाज पढ़ी गई. शुरुआती दौर में पुलिस प्रशासन के फैसले का विरोध कर रहे मुस्लिम व्यापारी अब प्रशासन के इस फैसले से खुश नजर आ रहे हैं.

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Published : Aug 16, 2019, 5:42 PM IST

दूसरे जुमे पर सड़क पर नहीं पढ़ी गई नमाज.

मेरठ: सड़क पर नमाज न पढ़े जाने को लेकर पिछले शुक्रवार से शुरू हुई पुलिस प्रशासन की सख्ती का असर शुक्रवार दूसरे जुमे पर भी देखने को मिला. हापुड़ रोड सहित शहर की तमाम मस्जिदों में जुमे की नमाज मस्जिदों के भीतर ही पढ़ी गई. इस दौरान न तो ट्रैफिक प्रभावित हुआ और न ही व्यापारियों को किसी परेशानी का सामना करना पड़ा. शुरुआती दौर में पुलिस प्रशासन के फैसले का विरोध कर रहे मुस्लिम व्यापारी भी अब प्रशासन के इस फैसले से खुश नजर आ रहे हैं. मुस्लिम व्यापारियों ने प्रशासन के इस फैसले का स्वागत किया है.

दूसरे जुमे पर सड़क पर नहीं पढ़ी गई नमाज.

प्रशासन ने सड़क पर नमाज न पढ़े जाने का किया था फरमान जारी
बताते चलें कि पिछले जुमे से पहले पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों ने सड़क पर नमाज पढ़े जाने की वर्षों से चली आ रही परंपरा समाप्त करने की घोषणा की थी. शहर को जाम के झाम से बचाने के लिए पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा लिया गया यह फैसला शुरुआती दौर में मुस्लिम समाज के लोगों को नागवार गुजरा. मुस्लिम समाज के कुछ लोगों ने इस बात का विरोध किया तो कुछ लोग प्रशासन के समर्थन में कंधे से कंधा मिलाकर अधिकारियों के साथ खड़े नजर आए. नतीजा यह रहा कि पिछले जुमे पर पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों का अमला सड़क पर उतर आया. जिसके बाद मुस्लिम समुदाय के गणमान्य लोगों के समझाने पर लोगों ने मस्जिदों के भीतर ही जुमे की नमाज अदा की. जिसके चलते शहर में कहीं भी जाम के हालात नहीं बने.

पढें- मेरठ: भाइयों को जेल में राखी बांधने पहुंचीं बहनें

इस व्यवस्था को बनाए रखते हुए शुक्रवार दूसरे जुमे पर भी कोतवाली क्षेत्र सहित शहर के कई संवेदनशील इलाकों में मस्जिदों के बाहर फोर्स तैनात रही. मुस्लिम समाज के लोगों ने पुलिस प्रशासन का सहयोग करते हुए शुक्रवार भी जुमे की नमाज मस्जिदों के भीतर ही अदा की.

आप लोग देख रहे हैं, आज सड़क पर नमाज नहीं हुई है. जनहित को ध्यान में रखते हुए नमाज नहीं पढ़ी गई है. इसमें और बेहतर होने की संभावना है. सभी जगह अंदर नमाज हो रही है. ट्रैफिक व्यवस्था सुचारू रूप से जारी है. लोगों से बातचीत करके और अच्छे फैसले लिए जाएंगे.
दिनेश शुक्ला, सीओ

मेरठ: सड़क पर नमाज न पढ़े जाने को लेकर पिछले शुक्रवार से शुरू हुई पुलिस प्रशासन की सख्ती का असर शुक्रवार दूसरे जुमे पर भी देखने को मिला. हापुड़ रोड सहित शहर की तमाम मस्जिदों में जुमे की नमाज मस्जिदों के भीतर ही पढ़ी गई. इस दौरान न तो ट्रैफिक प्रभावित हुआ और न ही व्यापारियों को किसी परेशानी का सामना करना पड़ा. शुरुआती दौर में पुलिस प्रशासन के फैसले का विरोध कर रहे मुस्लिम व्यापारी भी अब प्रशासन के इस फैसले से खुश नजर आ रहे हैं. मुस्लिम व्यापारियों ने प्रशासन के इस फैसले का स्वागत किया है.

दूसरे जुमे पर सड़क पर नहीं पढ़ी गई नमाज.

प्रशासन ने सड़क पर नमाज न पढ़े जाने का किया था फरमान जारी
बताते चलें कि पिछले जुमे से पहले पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों ने सड़क पर नमाज पढ़े जाने की वर्षों से चली आ रही परंपरा समाप्त करने की घोषणा की थी. शहर को जाम के झाम से बचाने के लिए पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा लिया गया यह फैसला शुरुआती दौर में मुस्लिम समाज के लोगों को नागवार गुजरा. मुस्लिम समाज के कुछ लोगों ने इस बात का विरोध किया तो कुछ लोग प्रशासन के समर्थन में कंधे से कंधा मिलाकर अधिकारियों के साथ खड़े नजर आए. नतीजा यह रहा कि पिछले जुमे पर पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों का अमला सड़क पर उतर आया. जिसके बाद मुस्लिम समुदाय के गणमान्य लोगों के समझाने पर लोगों ने मस्जिदों के भीतर ही जुमे की नमाज अदा की. जिसके चलते शहर में कहीं भी जाम के हालात नहीं बने.

पढें- मेरठ: भाइयों को जेल में राखी बांधने पहुंचीं बहनें

इस व्यवस्था को बनाए रखते हुए शुक्रवार दूसरे जुमे पर भी कोतवाली क्षेत्र सहित शहर के कई संवेदनशील इलाकों में मस्जिदों के बाहर फोर्स तैनात रही. मुस्लिम समाज के लोगों ने पुलिस प्रशासन का सहयोग करते हुए शुक्रवार भी जुमे की नमाज मस्जिदों के भीतर ही अदा की.

आप लोग देख रहे हैं, आज सड़क पर नमाज नहीं हुई है. जनहित को ध्यान में रखते हुए नमाज नहीं पढ़ी गई है. इसमें और बेहतर होने की संभावना है. सभी जगह अंदर नमाज हो रही है. ट्रैफिक व्यवस्था सुचारू रूप से जारी है. लोगों से बातचीत करके और अच्छे फैसले लिए जाएंगे.
दिनेश शुक्ला, सीओ

Intro:दूसरे जुम्मे पर भी सख्त रहा प्रशासन सड़क पर नहीं हुई नमाज

मेरठ। सड़क पर नमाज ना पढ़े जाने को लेकर पिछले शुक्रवार से शुरू हुई पुलिस प्रशासन की सख्ती का असर आज दूसरे जुम्मे पर भी देखने को मिला। हापुड़ रोड सहित शहर की तमाम मस्जिदों में जुम्मे की नमाज मस्जिदों के भीतर ही पढ़ी गई। इस दौरान ना तो ट्रैफिक प्रभावित हुआ और ना ही व्यापारियों को किसी परेशानी का सामना करना पड़ा। शुरुआती दौर में पुलिस प्रशासन के फैसले का विरोध कर रहे मुस्लिम व्यापारी भी अब प्रशासन के इस फैसले से खुश नजर आ रहे हैं। मुस्लिम व्यापारियों ने प्रशासन के इस फैसले का स्वागत किया है।
बताते चलें कि पिछले जुम्मे से पहले पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों ने सड़क पर नमाज पढ़े जाने की वर्षों से चली आ रही परंपरा समाप्त करने की घोषणा की थी। शहर को जाम के झाम से बचाने के लिए पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा लिया गया यह फैसला शुरुआती दौर में मुस्लिम समाज के लोगों को नागवार गुजरा। मुस्लिम समाज के कुछ लोगों ने इस बात का विरोध किया तो कुछ लोग प्रशासन के समर्थन में कंधे से कंधा मिलाकर अधिकारियों के साथ खड़े नजर आए। नतीजा यह रहा कि पिछले जुम्मे पर पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों का अमला सड़क पर उतर आया। जिसके बाद मुस्लिम समुदाय के गणमान्य लोगों के समझाने पर लोगों ने मस्जिदों के भीतर ही जुम्मे की नमाज अदा की। जिसके चलते शहर में कहीं भी जाम के हालात नहीं बने। इस व्यवस्था को बनाए रखते हुए आज दूसरे जुम्मे पर भी कोतवाली क्षेत्र सहित शहर के कई संवेदनशील इलाकों में मस्जिदों के बाहर फोर्स तैनात रही। मुस्लिम समाज के लोगों ने पुलिस प्रशासन का सहयोग करते हुए आज भी जुम्मे की नमाज मस्जिदों के भीतर ही अदा की।

बाइट - दिनेश शुक्ला, सीओBody:मेरठ दूसरे जुम्मे पर भी सख्त रहा प्रशासन सड़क पर नहीं हुई नमाज

मेरठ। सड़क पर नमाज ना पढ़े जाने को लेकर पिछले शुक्रवार से शुरू हुई पुलिस प्रशासन की सख्ती का असर आज दूसरे जुम्मे पर भी देखने को मिला। हापुड़ रोड सहित शहर की तमाम मस्जिदों में जुम्मे की नमाज मस्जिदों के भीतर ही पढ़ी गई। इस दौरान ना तो ट्रैफिक प्रभावित हुआ और ना ही व्यापारियों को किसी परेशानी का सामना करना पड़ा। शुरुआती दौर में पुलिस प्रशासन के फैसले का विरोध कर रहे मुस्लिम व्यापारी भी अब प्रशासन के इस फैसले से खुश नजर आ रहे हैं। मुस्लिम व्यापारियों ने प्रशासन के इस फैसले का स्वागत किया है।
बताते चलें कि पिछले जुम्मे से पहले पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों ने सड़क पर नमाज पढ़े जाने की वर्षों से चली आ रही परंपरा समाप्त करने की घोषणा की थी। शहर को जाम के झाम से बचाने के लिए पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा लिया गया यह फैसला शुरुआती दौर में मुस्लिम समाज के लोगों को नागवार गुजरा। मुस्लिम समाज के कुछ लोगों ने इस बात का विरोध किया तो कुछ लोग प्रशासन के समर्थन में कंधे से कंधा मिलाकर अधिकारियों के साथ खड़े नजर आए। नतीजा यह रहा कि पिछले जुम्मे पर पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों का अमला सड़क पर उतर आया। जिसके बाद मुस्लिम समुदाय के गणमान्य लोगों के समझाने पर लोगों ने मस्जिदों के भीतर ही जुम्मे की नमाज अदा की। जिसके चलते शहर में कहीं भी जाम के हालात नहीं बने। इस व्यवस्था को बनाए रखते हुए आज दूसरे जुम्मे पर भी कोतवाली क्षेत्र सहित शहर के कई संवेदनशील इलाकों में मस्जिदों के बाहर फोर्स तैनात रही। मुस्लिम समाज के लोगों ने पुलिस प्रशासन का सहयोग करते हुए आज भी जुम्मे की नमाज मस्जिदों के भीतर ही अदा की।

बाइट - दिनेश शुक्ला, सीओ


Pankaj Gupta
Meerut
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