मेरठ: जनपद में चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने सोमवार को लाला लाजपत राय मेमोरियल मेडिकल कॉलेज अस्पताल का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने अस्पताल में भर्ती मरीजों से उनका हाल जाना और इसके साथ ही डॉक्टरों को भी नैतिकता का पाठ पढ़ाया. उन्होंने निर्देश दिया कि मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टॉफ की हर 15 दिन में ऐथिक्स (नैतिकता) की 90 मिनट की कार्यशाला कराई जाए, जिसमें डीन और सीनियर डॉक्टर उपस्थित रहें.
डॉक्टरों से कहा स्वयं करे अपने कार्य का मूल्यांकन
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने डॉक्टरों से कहा कि हर आदमी अपना करेक्टर रोल खुद लिखता है. उन्होंने सभी डॉक्टरों से कहा कि हर शाम अपने आप से सवाल करें कि जिस उद्देश्य से वह मेडिकल सेवाओं में आए हैं, उसमें कितने सफल हो रहे हैं. आप स्वयं प्रश्नकर्ता, उत्तरदाता व मूल्यांकनकर्ता बने. यदि आप अपने आपको 100 में से 100 नंबर नहीं दे पाते हैं तो इसका आशय यह है कि कहीं कोई कमी है. यदि कमी है तो उसमें सुधार करें. उन्होंने कहा कि चरक संहिता में लिखा है कि एक वैद्य को मरीज के साथ एक पितृत्व और मातृत्व का रोल निभाना होता है.
मरीजों के साथ करें सहानुभूतिपूर्वक आत्मीयता का व्यवहार
मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि मरीज की मृत्यु अपनी गंभीर बीमारियों से तो हो सकती है लेकिन, डॉक्टर और स्टाफ की लापरवाही से न हो यह सुनिश्चित करना होगा. उन्होंने मरीज से सहानुभूतिपूर्वक और आत्मीयता का व्यवहार करने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि सहानुभूति का आशय सह व अनुभूति से है. इसका मतलब अपने आप को मरीज के स्थान पर रखकर देखें. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि डॉक्टर नियमित रूप से आकर मरीज और व्यवस्थाओं को चेक करते रहे.
वार्डों की सफाई कराने के लिए दिया निर्देश
मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने इमरजेन्सी वार्ड में भर्ती मरीजों और आईपीडी का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि शौचालय में हाथ धोने के लिए साबुन की व्यवस्था और हाथ पोंछने के लिए तौलिए आदि की व्यवस्था की जाए. इसके साथ ही उन्होंने यूरिनल में फिनाईल की गोली डलवाने के लिए निर्देशित किया.
डॉक्टर और अधिकारियों के साथ की बैठक
डॉक्टर और अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए चिकित्सा मंत्री ने कहा कि पूरे प्रदेश में मेडिकल इमरजेन्सी पूर्व की भांति संचालित हो, जिससे आमजन को सुविधा मिल सके. उन्होंने कहा कि डॉक्टर के चेहरे में आम आदमी भगवान का चेहरा देखता है.
योगी आदित्यनाथ को बताया एक रोल मॉडल
सुरेश खन्ना ने बैठक में कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक रोल मॉडल हैं. लोगों के जीवन उत्थान के लिए है उनका जीवन समर्पित है. वह प्रत्येक दिन सुबह उठने के बाद और रात तक आम आदमी का जीवन कैसे सहज और सुखद बनाया जाए इस पर चिंतन करते हैं. इसी सोच के साथ कार्य करते हैं. मुख्यमंत्री के दिए गए निर्देशों का ही असर है कि यूपी इतना बड़ा राज्य होने के बाद भी यहां कोरोना मरीजों की संख्या दूसरे बड़े प्रदेशों के मुकाबले काफी कम है.