मेरठः बढ़ते वायु प्रदूषण की वजह से शहर में हवा की सेहत अभी सुधर नहीं रही है. सोमवार को भी वायु प्रदूषण की दृष्टि से मेरठ शहर रेड जोन में शामिल रहा. हालांकि रविवार के मुकाबले सोमवार को प्रदूषण की स्थिति में थोड़ी गिरावट आई है. रविवार को एक्यूआई 363 दर्ज हुआ था, जबकि सोमवार को शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 331 दर्ज किया गया.
वायु प्रदूषण को रोकने के लिए किए जा रहे तमाम प्रयासों के बावजूद शहर का वायु प्रदूषण खतरनाक स्थिति तक पहुंच रहा है. सोमवार को शहर का एक्यूआई 331 दर्ज किया गया जो बेहद खराब स्थिति यानि रेड जोन में आता है. वायु प्रदूषण को रोकने के लिए प्रदूषण नियंत्रण विभाग की टीम जहां चेकिंग अभियान चलाकर उद्योग ईकाईयों में इस बात की निगरानी कर रहा है कि वहां कोई प्रतिबंधित ईंधन तो नहीं जल रहा. वहीं खुले में जलाए जा रहे कूड़े के मामले में संबंधित के खिलाफ जुर्माना आदि की कार्रवाई भी कर रहा है.
स्वास्थ्य का रखे ध्यान
जिस तरह से शहर का वायु प्रदूषण बढ़ा हुआ है. उसके चलते स्वास्थ्य के प्रति अधिक सचेत रहने की जरूरत है. डॉक्टर राजकुमार का कहना है कि वायु प्रदूषित होने पर सांस के मरीजों को सबसे अधिक दिक्कत परेशानी होती है. इसीलिए उन्हें ऐसे स्थानों पर जाने से बचना चाहिए, जहां धूल या धुआं अधिक हो. सांस, दमा, एलर्जी आदि के मरीजों को किसी तरह की समस्या होने पर तुरंत अपने चिकित्सक से सलाह लेकर इलाज करना चाहिए.
कैंट बोर्ड पर लग चुका है दो बार जुर्माना
दो बार कैंट बोर्ड पर कूड़ा जलाए जाने पर जुर्माना लगाया जा चुका है. नगर निगम की टीम भी मानकों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी डॉ. योगेंद्र कुमार के मुताबिक कैंट एरिया में निरीक्षण के दौरान दो बार खुले में कूड़ा जलता हुआ पाया गया. दोनों बार कैंट बोर्ड पर 25-25 हजार का जुर्माना लगाया गया.