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मेरठ शराब कांड: आबकारी और पुलिस की लापरवाही उजागर, दारोगा-सिपाही निलंबित - मेरठ शराब कांड

मेरठ के साधारणपुर गांव में पंचायत चुनाव के दौरान बांटी गई शराब पीने से 10 ग्रामीणों की मौत के बाद पुलिस प्रशासन ने कार्रवाई की है. लापरवाही मिलने पर एक दारोगा और सिपाही को निलंबित कर दिया गया. वहीं, पंचायत प्रत्याशियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है.

थाना इंचौली
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Published : May 1, 2021, 12:49 AM IST

मेरठ : जिले के थाना इंचौली क्षेत्र के गांव साधारणपुर में हुए शराब कांड में 10 ग्रामीणों की मौत के बाद जिला प्रशासन की नींद टूटी है. पुलिस ने न सिर्फ पंचायत प्रत्याशियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया है, बल्कि लापरवाही मिलने पर एक दारोगा और सिपाही को भी निलंबित कर दिया है. वोट के लिए जहरीली शराब बांटने के आरोपी दो प्रधान प्रत्याशी संजय कुमार और महाजन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. तीसरे प्रत्याशी की तलाश में दबिश दी जा रही है.

पंचायत चुनाव के दौरान बांटी गई थी शराब
पंचायत चुनाव के दौरान बांटी गई थी शराब

10 मौतों के बाद जागा प्रशासन

दरअसल, थाना इंचौली क्षेत्र के गांव साधारणपुर में मतदान से पहले प्रधान प्रत्याशियों ने ग्रामीणों को शराब बांटी थी. शराब के सेवन से 48 घंटे में जहां 10 ग्रामीणों की मौत हुई, वहीं दर्जनों ग्रामीण बीमार हो गए. पुलिस ने कोरोना संक्रमण एवं अन्य बीमारियों से मौत होने की बात कहकर शराब कांड पर लीपापोती करने का प्रयास किया. जानकारी के मुताबिक, कई मृतकों के परिजनो को कोरोना का डर दिखाकर बीमारी से मौत हुई है लिखवा कर ले लिया गया. यह भी आरोप है कि पुलिस-प्रशासन और आबकारी विभाग की लापरवाही से शराब कांड हुआ है. अपनी लापरवाही और नाकामी छिपाने के लिए पुलिस ने शवों का पोस्टमार्टम तक नहीं होने दिया.

बिना पोस्टमार्टम अंतिम संस्कार कराने का आरोप

48 घन्टे में 10 ग्रामीणों की मौत होना और बिना पोस्टमार्टम के शवों का अंतिम संस्कार कराना, पुलिस के गले की हड्डी बन गया. ETV भारत ने पहले ही दिन से इस खबर को प्रमुखता से प्रसारित कर पुलिस की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े किए थे. ग्रामीणों के आरोप और रोती बिलखती महिलाओं की चीखें शराब कांड की पोल खोल रही थी. ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस ने जबरन शवों का बिना पोस्टमार्टम के ही अंतिम संस्कार करा दिया था. क्योंकि पुलिस जानती थी कि पोस्टमार्टम हुआ तो पुलिस की पोल खुल जाएगी.

एक सैनिक का नाम भी सामने

गांव साधारणपुर में हुए शराब कांड मामले में एसएसपी अजय साहनी ने लापरवाही मिलने पर हल्के के दारोगा सुधीर सोढ़ी और बीट कांस्टेबल अंकित पांचाल को निलंबित कर दिया है. उन्होंने बताया कि एसपी देहात केशव कुमार से जांच कराई गई थी. जांच में घटना शराब पीने के बाद हुई है. मिलावटी शराब पीने से गांव के 10 लोगों की मौत हो चुकी है. इस मामले में एक सैनिक का नाम भी सामने आ रहा है, उसकी भी जांच की जा रही है.

इसे भी पढ़ें- कोरोना संकट और पंचायत चुनाव पर मायावती ने किया ट्वीट, सरकार से की यह मांग

साधारणपुर में हुई घटना में प्रधान प्रत्याशियों पर शराब बांटने का आरोप लगा है. जहरीली शराब बांटने वाले दो प्रधान प्रत्याशी संजय और महाजन निवासी साधारणपुर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, जबकि तीसरा प्रत्याशी फरार चल रहा है. इसकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है. पकड़े गए दोनों प्रत्याशियों को बुधवार को कोर्ट के सामने पेश कर जेल भेज दिया था. इस प्रकरण में जिस की संलिप्ता पाई जाएगी, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

-अजय साहनी, एसएसपी

मेरठ : जिले के थाना इंचौली क्षेत्र के गांव साधारणपुर में हुए शराब कांड में 10 ग्रामीणों की मौत के बाद जिला प्रशासन की नींद टूटी है. पुलिस ने न सिर्फ पंचायत प्रत्याशियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया है, बल्कि लापरवाही मिलने पर एक दारोगा और सिपाही को भी निलंबित कर दिया है. वोट के लिए जहरीली शराब बांटने के आरोपी दो प्रधान प्रत्याशी संजय कुमार और महाजन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. तीसरे प्रत्याशी की तलाश में दबिश दी जा रही है.

पंचायत चुनाव के दौरान बांटी गई थी शराब
पंचायत चुनाव के दौरान बांटी गई थी शराब

10 मौतों के बाद जागा प्रशासन

दरअसल, थाना इंचौली क्षेत्र के गांव साधारणपुर में मतदान से पहले प्रधान प्रत्याशियों ने ग्रामीणों को शराब बांटी थी. शराब के सेवन से 48 घंटे में जहां 10 ग्रामीणों की मौत हुई, वहीं दर्जनों ग्रामीण बीमार हो गए. पुलिस ने कोरोना संक्रमण एवं अन्य बीमारियों से मौत होने की बात कहकर शराब कांड पर लीपापोती करने का प्रयास किया. जानकारी के मुताबिक, कई मृतकों के परिजनो को कोरोना का डर दिखाकर बीमारी से मौत हुई है लिखवा कर ले लिया गया. यह भी आरोप है कि पुलिस-प्रशासन और आबकारी विभाग की लापरवाही से शराब कांड हुआ है. अपनी लापरवाही और नाकामी छिपाने के लिए पुलिस ने शवों का पोस्टमार्टम तक नहीं होने दिया.

बिना पोस्टमार्टम अंतिम संस्कार कराने का आरोप

48 घन्टे में 10 ग्रामीणों की मौत होना और बिना पोस्टमार्टम के शवों का अंतिम संस्कार कराना, पुलिस के गले की हड्डी बन गया. ETV भारत ने पहले ही दिन से इस खबर को प्रमुखता से प्रसारित कर पुलिस की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े किए थे. ग्रामीणों के आरोप और रोती बिलखती महिलाओं की चीखें शराब कांड की पोल खोल रही थी. ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस ने जबरन शवों का बिना पोस्टमार्टम के ही अंतिम संस्कार करा दिया था. क्योंकि पुलिस जानती थी कि पोस्टमार्टम हुआ तो पुलिस की पोल खुल जाएगी.

एक सैनिक का नाम भी सामने

गांव साधारणपुर में हुए शराब कांड मामले में एसएसपी अजय साहनी ने लापरवाही मिलने पर हल्के के दारोगा सुधीर सोढ़ी और बीट कांस्टेबल अंकित पांचाल को निलंबित कर दिया है. उन्होंने बताया कि एसपी देहात केशव कुमार से जांच कराई गई थी. जांच में घटना शराब पीने के बाद हुई है. मिलावटी शराब पीने से गांव के 10 लोगों की मौत हो चुकी है. इस मामले में एक सैनिक का नाम भी सामने आ रहा है, उसकी भी जांच की जा रही है.

इसे भी पढ़ें- कोरोना संकट और पंचायत चुनाव पर मायावती ने किया ट्वीट, सरकार से की यह मांग

साधारणपुर में हुई घटना में प्रधान प्रत्याशियों पर शराब बांटने का आरोप लगा है. जहरीली शराब बांटने वाले दो प्रधान प्रत्याशी संजय और महाजन निवासी साधारणपुर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, जबकि तीसरा प्रत्याशी फरार चल रहा है. इसकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है. पकड़े गए दोनों प्रत्याशियों को बुधवार को कोर्ट के सामने पेश कर जेल भेज दिया था. इस प्रकरण में जिस की संलिप्ता पाई जाएगी, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

-अजय साहनी, एसएसपी

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