मेरठ: जनपद स्थित मेरठ मेडिकल कॉलेज में बीते दिन कोरोना संक्रमित मरीज के शव बदलने के मामले में अस्पताल प्रशासन की बड़ी कार्रवाई की गई है. मामले में प्राथमिक जांच के बाद कोविड वार्ड की सिस्टर इंचार्ज को हटा दिया गया. साथ ही कोविड-19 वार्ड में तैनात 12 कर्मचारियों व चिकित्सकों से जवाब तलब किया है. हालांकि लाइन ऑफ एक्शन तय होना अभी बाकी है.
महत्वपूर्ण तथ्य-
- कोविड वार्ड की सिस्टर इंचार्ज को हटाया, अन्य 12 कर्मचारियों, चिकित्सकों से जवाब तलब.
- प्रशासन की ओर से जांच टीम गठित किए जाने के बाद अस्पताल प्रशासन ने की कार्रवाई.
बता दें कि मोदीनगर निवासी गुरबचन लाल को मेरठ मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. इसी दौरान वह कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. जिसके बाद शनिवार को मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. अस्पताल कर्मचारियों ने मृत व्यक्ति का शव परिजनों को सौंप दिया. इस मामले ने नया मोड़ तब ले लिया, जब रविवार को परिजन मृतक का अंतिम संस्कार करने लगे. जब परिजनों ने शव का चेहरा देखा, तो वह आश्चर्यचकित रह गए. मृतक का शव बदला हुआ था.
शव बदलने के मामले को लेकर मेरठ मेडिकल कॉलेज में परिजनों द्वारा हंगामा भी हुआ. मामला डीएम के संज्ञान में आते ही उन्होंने अधिकारियों को जांच के आदेश दिए थे. प्रशासन की ओर से जांच टीम गठित किए जाने के बाद अस्पताल प्रशासन ने प्राथमिक जांच में देर रात कार्रवाई करते हुए कोविड वार्ड की सिस्टर इंचार्ज को हटा दिया. वहीं 12 कर्मचारियों व चिकित्सकों को जवाब तलब करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया है.