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मेरठ धर्मांतरण मामला: जेल में बना ताराचन्द से ताहिर, डीएम ने दिए जांच के आदेश

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Published : Jun 29, 2021, 3:14 AM IST

उत्तर प्रदेश के मेरठ जेल में हुए धर्म परिवर्तन मामले में जिला अधिकारी के. बालाजी ने संज्ञान लिया है. जिलाधिकारी ने जेल अधीक्षक समेत संबन्धित अधिकारियों से न सिर्फ जानकारी ली है, बल्कि पूरे प्रकरण पर जांच बिठा दी है.

मेरठ धर्मांतरण मामला
मेरठ धर्मांतरण मामला

मेरठ : उत्तर प्रदेश के मेरठ जेल में हुए धर्मातंरण को लेकर जहां हिन्दू संगठनों में गुस्सा देखा जा रहा है, वहीं पैरोल पर छूटकर आये ताराचन्द उर्फ ताहिर पर ग्रामीणों ने धर्मातंरण के लिए बाध्य करने का आरोप लगाया था. हालांकि पैरोल पर आए कैदी ने जेल में धर्म परिवर्तन करने और पांचों वक्त नमाज पढ़ने की बात तो स्वीकार की है, लेकिन ग्रामीणों के द्वारा लगाए जा रहे धर्मातरण कराने के आरोप को बेबुनियाद बताया है. दूसरी तरफ उसने जिला पंचायत सदस्य दुष्यंत चौधरी और पुलिस अधिकारियों पर उसकी दाढ़ी कटवाने का आरोप लगाया है. ताराचन्द का कहना है कि उसने अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन कर दाढ़ी रखी थी. ताराचन्द से ताहिर नाम बदल लिया था.

पत्नी के प्रेमी की हत्या कर गया जेल

आपको बता दें कि दो दिन पहले मेरठ के थाना मुंडाली इलाके के गांव मऊखास निवासी ताराचन्द ने 2017 में अपनी पत्नी के प्रेमी रत्नपाल की हत्या कर दी थी. पुलिस ने हत्या के मामले में ताराचन्द को जेल भेज दिया था. जेल जाने के बाद परिवार ने उसका साथ छोड़ दिया था. ताराचंद बैरक नम्बर-9 में अन्य कैदियों के साथ रहता था. यहां उसकी मुलाकात मुस्लिम कैदी उस्मान से हो गई. उस्मान ने उसको अपना भाई मान लिया और पैरोल दिलाने में उसकी मदद की.

मेरठ धर्मांतरण मामला

जेल में बना ताराचन्द से ताहिर
ताहिर बने ताराचन्द ने बताया कि उसने जेल में ही न सिर्फ अपनी दाढ़ी बढ़ा ली, बल्कि पांचों वक्त नमाज पढ़ने लगा. 42 महीने में उस्मान के परिवार और वकील ने उसको पैरोल दिला दी. पैरोल पर घर लौटे ताराचन्द उर्फ ताहिर पर ग्रामीणों ने धर्म परिवर्तन करने के लिए बाध्य करने का आरोप लगाया था. जिसके बाद जेल में धर्मातंरण मामले का खुलासा हुआ है. ग्रामीण श्याम सिंह ने उसकी शिकायत की थी. वहीं जिला पंचायत सदस्य दुष्यंत चौधरी ने पुलिस की मौजूदगी में ताराचन्द की दाढ़ी कटवा दी. ताराचन्द उर्फ ताहिर का आरोप है कि नवनियुक्त जिला पंचायत सदस्य दुष्यंत चौधरी ने जबरन उसकी दाढ़ी कटवाई है. इतना ही नहीं नमाज पढ़ने
और दाढ़ी रखने पर धमकियां दे रहे हैं.
मामला मीडिया में आया तो जिला अधिकारी के. बालाजी ने पूरे प्रकरण की जांच बैठा दी है. जेल में हुए धर्मातंरण को लेकर जेल अधीक्षक से जवाब मांगा गया है. जिलाधिकारी के मुताबिक जेल अधीक्षक ने बताया है कि धर्म परिवर्तन कराने के आरोपी और ताराचन्द अलग-अलग बैरक में हैं. सभी के आपराधिक इतिहास की जानकारी ली जा रही है. जिलाधिकारी के. बालाजी के मुताबिक जेल अधीक्षक को यह निर्देशीत किया गया है कि जिला कारागार के अंदर ऐसी कोई गतिविधि चल रही है तो उस पर निगरानी रखें. वहीं जो शिकायतें गांव से मिली हैं उनकी भी जांच कराई जा रही है. गांव में जाकर सभी से पूछताछ की जा रही है. अगर कोई भी अपराधी या ग्रामीण धर्मातंरण मामले में संलिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाई की जाएगी. फिलहाल इस मामले पर उच्चाधिकारियों को नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं.

मेरठ : उत्तर प्रदेश के मेरठ जेल में हुए धर्मातंरण को लेकर जहां हिन्दू संगठनों में गुस्सा देखा जा रहा है, वहीं पैरोल पर छूटकर आये ताराचन्द उर्फ ताहिर पर ग्रामीणों ने धर्मातंरण के लिए बाध्य करने का आरोप लगाया था. हालांकि पैरोल पर आए कैदी ने जेल में धर्म परिवर्तन करने और पांचों वक्त नमाज पढ़ने की बात तो स्वीकार की है, लेकिन ग्रामीणों के द्वारा लगाए जा रहे धर्मातरण कराने के आरोप को बेबुनियाद बताया है. दूसरी तरफ उसने जिला पंचायत सदस्य दुष्यंत चौधरी और पुलिस अधिकारियों पर उसकी दाढ़ी कटवाने का आरोप लगाया है. ताराचन्द का कहना है कि उसने अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन कर दाढ़ी रखी थी. ताराचन्द से ताहिर नाम बदल लिया था.

पत्नी के प्रेमी की हत्या कर गया जेल

आपको बता दें कि दो दिन पहले मेरठ के थाना मुंडाली इलाके के गांव मऊखास निवासी ताराचन्द ने 2017 में अपनी पत्नी के प्रेमी रत्नपाल की हत्या कर दी थी. पुलिस ने हत्या के मामले में ताराचन्द को जेल भेज दिया था. जेल जाने के बाद परिवार ने उसका साथ छोड़ दिया था. ताराचंद बैरक नम्बर-9 में अन्य कैदियों के साथ रहता था. यहां उसकी मुलाकात मुस्लिम कैदी उस्मान से हो गई. उस्मान ने उसको अपना भाई मान लिया और पैरोल दिलाने में उसकी मदद की.

मेरठ धर्मांतरण मामला

जेल में बना ताराचन्द से ताहिर
ताहिर बने ताराचन्द ने बताया कि उसने जेल में ही न सिर्फ अपनी दाढ़ी बढ़ा ली, बल्कि पांचों वक्त नमाज पढ़ने लगा. 42 महीने में उस्मान के परिवार और वकील ने उसको पैरोल दिला दी. पैरोल पर घर लौटे ताराचन्द उर्फ ताहिर पर ग्रामीणों ने धर्म परिवर्तन करने के लिए बाध्य करने का आरोप लगाया था. जिसके बाद जेल में धर्मातंरण मामले का खुलासा हुआ है. ग्रामीण श्याम सिंह ने उसकी शिकायत की थी. वहीं जिला पंचायत सदस्य दुष्यंत चौधरी ने पुलिस की मौजूदगी में ताराचन्द की दाढ़ी कटवा दी. ताराचन्द उर्फ ताहिर का आरोप है कि नवनियुक्त जिला पंचायत सदस्य दुष्यंत चौधरी ने जबरन उसकी दाढ़ी कटवाई है. इतना ही नहीं नमाज पढ़ने
और दाढ़ी रखने पर धमकियां दे रहे हैं.
मामला मीडिया में आया तो जिला अधिकारी के. बालाजी ने पूरे प्रकरण की जांच बैठा दी है. जेल में हुए धर्मातंरण को लेकर जेल अधीक्षक से जवाब मांगा गया है. जिलाधिकारी के मुताबिक जेल अधीक्षक ने बताया है कि धर्म परिवर्तन कराने के आरोपी और ताराचन्द अलग-अलग बैरक में हैं. सभी के आपराधिक इतिहास की जानकारी ली जा रही है. जिलाधिकारी के. बालाजी के मुताबिक जेल अधीक्षक को यह निर्देशीत किया गया है कि जिला कारागार के अंदर ऐसी कोई गतिविधि चल रही है तो उस पर निगरानी रखें. वहीं जो शिकायतें गांव से मिली हैं उनकी भी जांच कराई जा रही है. गांव में जाकर सभी से पूछताछ की जा रही है. अगर कोई भी अपराधी या ग्रामीण धर्मातंरण मामले में संलिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाई की जाएगी. फिलहाल इस मामले पर उच्चाधिकारियों को नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं.
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