ETV Bharat / state

आत्मनिर्भर भारत विषय पर शोध करेगा मेरठ कॉलेज, इन विभागों को मिली जिम्मेदारी

author img

By

Published : Jun 21, 2022, 5:28 PM IST

मेरठ कॉलेज को भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद नई दिल्ली की तरफ से आत्मनिर्भर भारत विषय पर शोध करने के लिए अधिकृत किया गया है. ये शोध सेना की मांग और उपलब्धताओं पर आधारित होंगे.

etv bharat
मेरठ कॉलेज

मेरठः मेरठ कॉलेज को भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद नई दिल्ली की तरफ से आत्मनिर्भर भारत विषय पर शोध करने के लिए अधिकृत किया गया है. शोध के लिए कॉलेज के रक्षा अध्ययन विभाग, रसायन विभाग और गणित विभाग को स्पांसर्ड रिसर्च प्रोजेक्ट की स्वीकृति दी गई है. खास तौर पर ये शोध सेना की मांग और उपलब्धताओं पर आधारित होंगे.

भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद की तरफ से मेरठ कॉलेज के संयुक्त रूप से तीन विभागों जिनमें रक्षा अध्ययन, रसायन विभाग और गणित विभाग को आत्मनिर्भर भारत विषय पर शोध करने की अनुमति प्रदान की है. रक्षा अध्ययन विभाग के जिम्मेदारों की मानें तो विज्ञान तकनीक, विकास और इसका भारतीय सेना के आधुनिकीकरण पर क्या कुछ प्रभाव पड़ सकते हैं, इन सभी बिंदुओं पर अध्ययन कर शोध किया जाएगा.

प्रोफेसर डॉक्टर संजय कुमार

रक्षा अध्ययन विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर संजय कुमार ने बताया कि रक्षा अध्ययन विभाग, रसायन विभाग और गणित विभाग ने संयुक्त रूप से ICSSR को भेजा था. उन्होंने कहा कि उन्हें इस पर रिसर्च के लिए अनुमति मिली है. वे कहते हैं कि हमें ये देखना है कि आत्मनिर्भर भारत के तहत भारत को क्या फायदा मिलेगा, क्या हम अपनी रक्षा जरूरतों को पूरा करते हुए इसका कितना लाभ ले सकते हैं, इसी पर शोध कर रहे हैं.

पढ़ेंः CCSU ने अचानक स्थगित की बीएड की परीक्षाएं, ये है वजह..

उन्होंने बताया कि भारतीय सेना की 'डिमांड और सप्लाई' जरूरतों को पूरी करने के लिए तमाम आवश्यक बिंदुओं पर रिसर्च की जाएगी. साथ ही साथ "गन और बटर' सिद्धांत कितना उपयोगी है अगर है यो आगे क्या सुधार की आवश्यकता है इस पर शोध होंगे.

बता दें, कि गन-बटर से मतलब है कि रक्षा जरूरतों को पूरा करते हुए अन्य देशों को हथियारों की सप्लाई की जा सके. प्रोफेसर संजय का कहना है कि इसके तहत ही जनवरी 2022 में भारत सरकार ने ब्रह्मोस मिसाइल के निर्माण के बाद फिलीपींस को बेची थी. यानी आत्मनिर्भर भारत बनने की राह पर देश है.

देश के पहले सीडीएस बिपिन रावत ने भी मेरठ कॉलेज से मिलिट्री मीडिया स्ट्रैटजिक स्ट्डीज, जियो स्ट्रैटजिक अप्रेजल ऑफ द कश्मीर वैली विषय में रिसर्च किया था. अब जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं लगातार देश को आत्मनिर्भर भारत बनाने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं वहीं अब मेरठ कॉलेज को बड़ी जिम्मेदारी मिल गई है. पश्चिमी यूपी का मेरठ कॉलेज अकेला ऐसा कॉलेज है जहां रक्षा अध्धयन विभाग है, जिसमें अब यहां पढाई करने वाले स्टूडेंट को आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत रिसर्च करने का मौका मिल सकता है.

पढ़ेंः CCSU ने अचानक स्थगित की बीएड की परीक्षाएं, ये है वजह..

एचओडी हेमंत पांडेय का कहना है कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत सरकार ने कहा कि एफडीआई के माध्यम से देश की सभी सुरक्षा जरूरतों को पूरी कर सकती है. इस विषय पर काम करने का अवसर होगा. शोध से जुड़े प्रोजेक्ट्स में सेना के तीनों अंग एवं सशस्त्र बल के अधिकारियों समेत सरकारी एजेंसी, गैर-सरकारी एजेंसी, नीति निर्माण करने वाले अधिकारियों से साक्षात्कार भी करके प्राथमिक आकंड़े एकत्रित किए जाएंगे. इस बीच रक्षा मंत्री, रक्षा सचिव, सुरक्षा सलाहकार समेत तीनों सेना अध्यक्ष से भी बातचीत की जाएगी, ताकि तमाम सम्भावनाएं प्रोजेक्ट में समाहित हो.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

मेरठः मेरठ कॉलेज को भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद नई दिल्ली की तरफ से आत्मनिर्भर भारत विषय पर शोध करने के लिए अधिकृत किया गया है. शोध के लिए कॉलेज के रक्षा अध्ययन विभाग, रसायन विभाग और गणित विभाग को स्पांसर्ड रिसर्च प्रोजेक्ट की स्वीकृति दी गई है. खास तौर पर ये शोध सेना की मांग और उपलब्धताओं पर आधारित होंगे.

भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद की तरफ से मेरठ कॉलेज के संयुक्त रूप से तीन विभागों जिनमें रक्षा अध्ययन, रसायन विभाग और गणित विभाग को आत्मनिर्भर भारत विषय पर शोध करने की अनुमति प्रदान की है. रक्षा अध्ययन विभाग के जिम्मेदारों की मानें तो विज्ञान तकनीक, विकास और इसका भारतीय सेना के आधुनिकीकरण पर क्या कुछ प्रभाव पड़ सकते हैं, इन सभी बिंदुओं पर अध्ययन कर शोध किया जाएगा.

प्रोफेसर डॉक्टर संजय कुमार

रक्षा अध्ययन विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर संजय कुमार ने बताया कि रक्षा अध्ययन विभाग, रसायन विभाग और गणित विभाग ने संयुक्त रूप से ICSSR को भेजा था. उन्होंने कहा कि उन्हें इस पर रिसर्च के लिए अनुमति मिली है. वे कहते हैं कि हमें ये देखना है कि आत्मनिर्भर भारत के तहत भारत को क्या फायदा मिलेगा, क्या हम अपनी रक्षा जरूरतों को पूरा करते हुए इसका कितना लाभ ले सकते हैं, इसी पर शोध कर रहे हैं.

पढ़ेंः CCSU ने अचानक स्थगित की बीएड की परीक्षाएं, ये है वजह..

उन्होंने बताया कि भारतीय सेना की 'डिमांड और सप्लाई' जरूरतों को पूरी करने के लिए तमाम आवश्यक बिंदुओं पर रिसर्च की जाएगी. साथ ही साथ "गन और बटर' सिद्धांत कितना उपयोगी है अगर है यो आगे क्या सुधार की आवश्यकता है इस पर शोध होंगे.

बता दें, कि गन-बटर से मतलब है कि रक्षा जरूरतों को पूरा करते हुए अन्य देशों को हथियारों की सप्लाई की जा सके. प्रोफेसर संजय का कहना है कि इसके तहत ही जनवरी 2022 में भारत सरकार ने ब्रह्मोस मिसाइल के निर्माण के बाद फिलीपींस को बेची थी. यानी आत्मनिर्भर भारत बनने की राह पर देश है.

देश के पहले सीडीएस बिपिन रावत ने भी मेरठ कॉलेज से मिलिट्री मीडिया स्ट्रैटजिक स्ट्डीज, जियो स्ट्रैटजिक अप्रेजल ऑफ द कश्मीर वैली विषय में रिसर्च किया था. अब जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं लगातार देश को आत्मनिर्भर भारत बनाने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं वहीं अब मेरठ कॉलेज को बड़ी जिम्मेदारी मिल गई है. पश्चिमी यूपी का मेरठ कॉलेज अकेला ऐसा कॉलेज है जहां रक्षा अध्धयन विभाग है, जिसमें अब यहां पढाई करने वाले स्टूडेंट को आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत रिसर्च करने का मौका मिल सकता है.

पढ़ेंः CCSU ने अचानक स्थगित की बीएड की परीक्षाएं, ये है वजह..

एचओडी हेमंत पांडेय का कहना है कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत सरकार ने कहा कि एफडीआई के माध्यम से देश की सभी सुरक्षा जरूरतों को पूरी कर सकती है. इस विषय पर काम करने का अवसर होगा. शोध से जुड़े प्रोजेक्ट्स में सेना के तीनों अंग एवं सशस्त्र बल के अधिकारियों समेत सरकारी एजेंसी, गैर-सरकारी एजेंसी, नीति निर्माण करने वाले अधिकारियों से साक्षात्कार भी करके प्राथमिक आकंड़े एकत्रित किए जाएंगे. इस बीच रक्षा मंत्री, रक्षा सचिव, सुरक्षा सलाहकार समेत तीनों सेना अध्यक्ष से भी बातचीत की जाएगी, ताकि तमाम सम्भावनाएं प्रोजेक्ट में समाहित हो.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.