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इस शख्स पर ऐसा था राम मंदिर का जुनून, 10 लाख बार किया श्रीराम नाम का जाप

अयोध्या राम मंदिर को लेकर सभी उत्साहित हैं. ऐसे में मेरठ जिले के पल्हैड़ा गांव के रहने वाले शीलेंद्र चौहान एक वरिष्ठ समाजसेवी हैं, जो राम मंदिर के लिए 10 लाख बार श्री राम नाम का जप किया है. उनका कहना है कि श्री राम आस्था का केंद्र हैं. उनका जन्म स्थान कैद में हो, यह सहनशक्ति से बाहर था.

श्री राम मंदिर को लेकर 10 लाख बार जप
श्री राम मंदिर को लेकर 10 लाख बार जप.
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Published : Aug 5, 2020, 11:09 AM IST

मेरठ: अयोध्या में श्री राम मंदिर को लेकर इस शख्स का ऐसा जुनून रहा है कि उसने 10 लाख बार श्री राम नाम का जाप किया. यह जुनून आज भी कायम है. आज भी यह शख्स रोज करीब 100 बार राम नाम का जाप करता है, ताकि अयोध्या में उसके आराध्य श्री राम का भव्य राम मंदिर का निर्माण हो सके. यह शख्स अपने पास श्रीराम की एक मूर्ति रखे हुए है, जिसे हर रोज सुबह व शाम को नमन करते हुए कामना करता है कि श्री राम जल्द से जल्द अयोध्या में अपने जन्म स्थान पर विराजमान हों.

श्री राम मंदिर को लेकर 10 लाख बार जप.
जिले के पल्हैड़ा गांव के रहने वाले शीलेंद्र चौहान एक वरिष्ठ समाजसेवी हैं. शीलेंद्र चौहान अन्य राम भक्तों की तरह चाहते हैं कि अयोध्या में श्री राम का भव्य मंदिर बने. उन्होंने वर्ष 1992 में अयोध्या में हुई कार सेवा में भी हिस्सा लिया था. इस शख्स को श्री राम को लेकर इस कदर जुनून है कि उसने वर्ष 2010 में 10 लाख बार श्री राम के नाम का जाप किया. यह सिलसिला आज भी जारी है. आज भी वह कम से कम 100 बार दिन में राम नाम का जाप करते हैं. इनका कहना है कि श्री राम आस्था का केंद्र हैं. उनका जन्म स्थान कैद में हो, यह सहनशक्ति से बाहर था.कैलेंडर पर लगाते थे निशान शीलेंद्र चौहान ने बताया कि राम नाम का जाप करने के लिए वह कैलेंडर में निशान लगाते थे. एक दिन में वह 2 से 5 हजार बार राम नाम का जाप करते थे. यह संख्या जब तक 10 लाख नहीं पहुंची, उनका यह सिलसिला जारी रहा और तबसे शुरू किया गया यह सिलसिला आज भी जारी है. उन्होंने कहा कि श्रीराम उनके आराध्य हैं, इसलिए वह लगातार उनके नाम का जाप कर रहे हैं.आज भी अपने पास रखे हैं श्री राम की मूर्ति शीलेंद्र चौहान ने बताया कि विहिप श्रीराम मंदिर बनवाने के लिए लगातार अभियान चला रहा है. वर्ष 2007 में प्रयागराज में तीसरा विश्व हिंदू सम्मेलन किया गया था. उस सम्मेलन में श्री राम की मूर्ति वितरण का कार्यक्रम भी रखा गया था. तब पूरे देश में श्री राम की मूर्ति बांटी गई. मंदिरों में श्री राम की मूर्ति की दूसरे आराध्य देवी-देवताओं के साथ स्थापना कराई गई. उन्होंने भी अपने क्षेत्र के कई गांव में जाकर वहां के मंदिरों में श्री राम की मूर्ति स्थापित करवाई. उसी समय की एक मूर्ति आज भी उनके पास है, जिसे उन्होंने संभाल कर अपने पास रखा हुआ है.

मेरठ: अयोध्या में श्री राम मंदिर को लेकर इस शख्स का ऐसा जुनून रहा है कि उसने 10 लाख बार श्री राम नाम का जाप किया. यह जुनून आज भी कायम है. आज भी यह शख्स रोज करीब 100 बार राम नाम का जाप करता है, ताकि अयोध्या में उसके आराध्य श्री राम का भव्य राम मंदिर का निर्माण हो सके. यह शख्स अपने पास श्रीराम की एक मूर्ति रखे हुए है, जिसे हर रोज सुबह व शाम को नमन करते हुए कामना करता है कि श्री राम जल्द से जल्द अयोध्या में अपने जन्म स्थान पर विराजमान हों.

श्री राम मंदिर को लेकर 10 लाख बार जप.
जिले के पल्हैड़ा गांव के रहने वाले शीलेंद्र चौहान एक वरिष्ठ समाजसेवी हैं. शीलेंद्र चौहान अन्य राम भक्तों की तरह चाहते हैं कि अयोध्या में श्री राम का भव्य मंदिर बने. उन्होंने वर्ष 1992 में अयोध्या में हुई कार सेवा में भी हिस्सा लिया था. इस शख्स को श्री राम को लेकर इस कदर जुनून है कि उसने वर्ष 2010 में 10 लाख बार श्री राम के नाम का जाप किया. यह सिलसिला आज भी जारी है. आज भी वह कम से कम 100 बार दिन में राम नाम का जाप करते हैं. इनका कहना है कि श्री राम आस्था का केंद्र हैं. उनका जन्म स्थान कैद में हो, यह सहनशक्ति से बाहर था.कैलेंडर पर लगाते थे निशान शीलेंद्र चौहान ने बताया कि राम नाम का जाप करने के लिए वह कैलेंडर में निशान लगाते थे. एक दिन में वह 2 से 5 हजार बार राम नाम का जाप करते थे. यह संख्या जब तक 10 लाख नहीं पहुंची, उनका यह सिलसिला जारी रहा और तबसे शुरू किया गया यह सिलसिला आज भी जारी है. उन्होंने कहा कि श्रीराम उनके आराध्य हैं, इसलिए वह लगातार उनके नाम का जाप कर रहे हैं.आज भी अपने पास रखे हैं श्री राम की मूर्ति शीलेंद्र चौहान ने बताया कि विहिप श्रीराम मंदिर बनवाने के लिए लगातार अभियान चला रहा है. वर्ष 2007 में प्रयागराज में तीसरा विश्व हिंदू सम्मेलन किया गया था. उस सम्मेलन में श्री राम की मूर्ति वितरण का कार्यक्रम भी रखा गया था. तब पूरे देश में श्री राम की मूर्ति बांटी गई. मंदिरों में श्री राम की मूर्ति की दूसरे आराध्य देवी-देवताओं के साथ स्थापना कराई गई. उन्होंने भी अपने क्षेत्र के कई गांव में जाकर वहां के मंदिरों में श्री राम की मूर्ति स्थापित करवाई. उसी समय की एक मूर्ति आज भी उनके पास है, जिसे उन्होंने संभाल कर अपने पास रखा हुआ है.
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