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एक दिन भी नहीं रुकी गैस आपूर्ति, जान हथेली पर लेकर दे रहे डिलीवरी

मेरठ में भी कोरोना की दूसरी लहर ने जमकर कहर बरपाया है. सैकड़ों लोगों की जान चली गई. हजारों लोग संक्रमित हो गए हैं. लेकिन इसके बावजूद जिले में रसोई गैस डिलीवरी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा. किसी के घर का चुल्हा ना बुझे, इसको लेकर डिलीवरी मैन लगातार अपनी जान हथेली पर रखकर सेवाएं दे रहे हैं.

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Published : Jun 1, 2021, 6:16 PM IST

डिलीवरी मैन का दर्द
डिलीवरी मैन का दर्द

मेरठ : कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का कहर अब थोड़ा सा कम हो रहा है. कोरोना कर्फ्यू के कारण मार्केट से लेकर सभी कारोबार प्रभावित हुए हैं. लेकिन एलपीजी गैस की आपूर्ति बदस्तूर जारी है. कोरोना काल में एक भी दिन रसोई गैस की आपूर्ति प्रभावित नहीं हुई है. कोरोना संक्रमण के बीच जान जोखिम में डालकर डिस्ट्रीब्यूटर और डिलीवरी मैन घर-घर गैस सिलेंडर पहुंचा रहे हैं. इस दौरान बड़ी संख्या में गैस एजेंसियों पर काम करने वाले कर्मचारी और डिलीवरी मैन कोरोना संक्रमित भी हो चुके हैं. बावजूद इसके गैस के बिना किसी घर में चूल्हा बंद नहीं होने दिया.

रसोई गैस डिलीवरी मैन का दर्द

जान की परवाह किये बगैर वितरित कर रहे सिलेंडर
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना लागू होने के बाद शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में भी रसोई गैस की मांग बढ़ी है. कोरोना की दूसरी लहर के चलते जहां हर कोई चितिंत है, वहीं गैस एजेंसी मालिक और डिस्ट्रीब्यूटर लगातार रसोई गैस सप्लाई कर रहे हैं. अपनी जान की परवाह किये बगैर डिलीवरी मैन हर घर में चूल्हा जलाने की जुगत में लगे हुए हैं. संक्रमण से बचाव के लिए एहतियातन सैनिटाइजर, मास्क का इस्तेमाल करते रहते हैं.
एक दिन भी प्रभावित नहीं होने दी गैस आपूर्ति
ETV भारत की टीम ने ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर न सिर्फ एलपीजी गैस आपूर्ति को लेकर जायजा लिया, बल्कि कोरोना काल में गैस एजेंसियों पर काम कर रहे लोगों से बात की. ETV भारत से बातचीत में घर-घर गैस सिलेंडर पहुंचाने वाले डिलीवरी मैन ने बताया कि कोरोना काल में वे लगातार गैस की सप्लाई कर रहे हैं. महामारी के दौर में एक भी दिन ऐसा नहीं गया जब इन्होंने गैस सिलेंडर उपभोक्ता के घर नहीं पहुंचाए हों. सुबह से शाम तक भीषण गर्मी में भी गैस गोदाम से रसोई तक गैस की सप्लाई की जा रही है.
कोरोना के डर से व्यवहार में आया बदलाव
डिलीवरी मैन रणजीत सिंह ने बताया कि कोरोना काल में लोगों के व्यवहार में भी काफी बदलाव आया है. जैसे ही ये सिलेंडर लेकर जाते हैं तो दूर से कोरोना फैलने की बात कहकर लोग सैनिटाइज करने की बात करते हैं. जबकि कुछ उपभोक्ता ऐसे भी है जो ऑनलाइन गैस बुक तो कर देते हैं, लेकिन जब वे होम डिलीवरी करने जाते हैं तो कोरोना फैलने का हवाला देकर वापस भेज देते हैं. जब वे सिलेंडर देने घर-घर जाते है तो उन्हें संक्रमण का डर लगा रहता है. इतना ही नहीं उनके कई साथी कोरोना संक्रमण की चपेट में भी आ चुके हैं. जबकि हम 24 घण्टे अपने साथ सैनिटाइजर रखते हैं.
कोरोना योद्धा घोषित होने पर भी नहीं लगी वैक्सीन
गैस गोदाम पर काम कर रहे प्रमोद कुमार ने बताया कि कोरोना काल में ये लगातार सिलेंडर बांट रहे हैं. उनके साथ काम करने वाले कई कर्मचारी कोरोना संक्रमित भी हो चुके हैं, जो घरों पर आइसोलेट किये गए हैं. बावजूद इसके गैस एजेंसियों पर काम कर रहे कर्मचारी हर घर सिलेंडर पहुंचा रहे हैं. रसोई गैस सिलेंडर आपूर्ति को सरकार ने इमरजेंसी सेवा बताते हुए कर्मचारियों को कोरोना वॉरियर्स घोषित किया है. लेकिन अभी तक इनको वैक्सीन नहीं लगाई गई. राहत की बात यह है कि कोरोना संक्रमण से अभी तक किसी कर्मचारी की मौत नहीं हुई है.
स्टाफ के संक्रमित होने पर भी नहीं रुकी गैस सप्लाई
एजेंसी मैनेजर अवनीश सैनी ने ETV भारत से बातचीत में बताया कि जब से कोरोना संक्रमण फैला है, गैस कारोबारियों की समस्या भी बढ़ गई है. गैस एजेसियों पर काम करने वाले कर्मचारी संक्रमित हो चुके हैं. कम कर्मचारी होने पर गैस आपूर्ति नहीं रुकने दी. इतना ही नहीं डिलीवरी मैन भी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं. बावजूद इसके घरों में लॉकडाउन का पालन कर रहे उपभोक्ताओं की होम डिलीवरी समय पर पहुंचाई है. पहले दिन से ही लगातार हर घर तक गैस सिलेंडर भिजवाया जा रहा है.


इसे भी पढे़ं- विश्वनाथ कॉरिडोर में बड़ा हादसा, 2 की मौत, कई घायल

एजेंसी मैनेजर ने बताया कि गैस की पर्ची बनाने से लेकर सिलेंडर डिलीवरी तक संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है. इसके बाद भी किसी का चूल्हा बंद ना रहे इसके लिए ये डिलीवरी मैन रसोई गैस वितरित कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस दौरान बड़ी संख्या में कर्मचारी पॉजिटिव हुए हैं, लेकिन किसी की मौत नहीं हुई ये सबसे बड़ी राहत की बात है. सभी कर्मचारियों का वैक्सीनेशन कराने के लिए संबंधित अधिकारी को पत्र लिख चुके हैं, लेकिन अभी तक स्टाफ और डिलीवरी मैन का वैक्सीनेशन नहीं हो पाया है.


मेरठ : कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का कहर अब थोड़ा सा कम हो रहा है. कोरोना कर्फ्यू के कारण मार्केट से लेकर सभी कारोबार प्रभावित हुए हैं. लेकिन एलपीजी गैस की आपूर्ति बदस्तूर जारी है. कोरोना काल में एक भी दिन रसोई गैस की आपूर्ति प्रभावित नहीं हुई है. कोरोना संक्रमण के बीच जान जोखिम में डालकर डिस्ट्रीब्यूटर और डिलीवरी मैन घर-घर गैस सिलेंडर पहुंचा रहे हैं. इस दौरान बड़ी संख्या में गैस एजेंसियों पर काम करने वाले कर्मचारी और डिलीवरी मैन कोरोना संक्रमित भी हो चुके हैं. बावजूद इसके गैस के बिना किसी घर में चूल्हा बंद नहीं होने दिया.

रसोई गैस डिलीवरी मैन का दर्द

जान की परवाह किये बगैर वितरित कर रहे सिलेंडर
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना लागू होने के बाद शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में भी रसोई गैस की मांग बढ़ी है. कोरोना की दूसरी लहर के चलते जहां हर कोई चितिंत है, वहीं गैस एजेंसी मालिक और डिस्ट्रीब्यूटर लगातार रसोई गैस सप्लाई कर रहे हैं. अपनी जान की परवाह किये बगैर डिलीवरी मैन हर घर में चूल्हा जलाने की जुगत में लगे हुए हैं. संक्रमण से बचाव के लिए एहतियातन सैनिटाइजर, मास्क का इस्तेमाल करते रहते हैं.
एक दिन भी प्रभावित नहीं होने दी गैस आपूर्ति
ETV भारत की टीम ने ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर न सिर्फ एलपीजी गैस आपूर्ति को लेकर जायजा लिया, बल्कि कोरोना काल में गैस एजेंसियों पर काम कर रहे लोगों से बात की. ETV भारत से बातचीत में घर-घर गैस सिलेंडर पहुंचाने वाले डिलीवरी मैन ने बताया कि कोरोना काल में वे लगातार गैस की सप्लाई कर रहे हैं. महामारी के दौर में एक भी दिन ऐसा नहीं गया जब इन्होंने गैस सिलेंडर उपभोक्ता के घर नहीं पहुंचाए हों. सुबह से शाम तक भीषण गर्मी में भी गैस गोदाम से रसोई तक गैस की सप्लाई की जा रही है.
कोरोना के डर से व्यवहार में आया बदलाव
डिलीवरी मैन रणजीत सिंह ने बताया कि कोरोना काल में लोगों के व्यवहार में भी काफी बदलाव आया है. जैसे ही ये सिलेंडर लेकर जाते हैं तो दूर से कोरोना फैलने की बात कहकर लोग सैनिटाइज करने की बात करते हैं. जबकि कुछ उपभोक्ता ऐसे भी है जो ऑनलाइन गैस बुक तो कर देते हैं, लेकिन जब वे होम डिलीवरी करने जाते हैं तो कोरोना फैलने का हवाला देकर वापस भेज देते हैं. जब वे सिलेंडर देने घर-घर जाते है तो उन्हें संक्रमण का डर लगा रहता है. इतना ही नहीं उनके कई साथी कोरोना संक्रमण की चपेट में भी आ चुके हैं. जबकि हम 24 घण्टे अपने साथ सैनिटाइजर रखते हैं.
कोरोना योद्धा घोषित होने पर भी नहीं लगी वैक्सीन
गैस गोदाम पर काम कर रहे प्रमोद कुमार ने बताया कि कोरोना काल में ये लगातार सिलेंडर बांट रहे हैं. उनके साथ काम करने वाले कई कर्मचारी कोरोना संक्रमित भी हो चुके हैं, जो घरों पर आइसोलेट किये गए हैं. बावजूद इसके गैस एजेंसियों पर काम कर रहे कर्मचारी हर घर सिलेंडर पहुंचा रहे हैं. रसोई गैस सिलेंडर आपूर्ति को सरकार ने इमरजेंसी सेवा बताते हुए कर्मचारियों को कोरोना वॉरियर्स घोषित किया है. लेकिन अभी तक इनको वैक्सीन नहीं लगाई गई. राहत की बात यह है कि कोरोना संक्रमण से अभी तक किसी कर्मचारी की मौत नहीं हुई है.
स्टाफ के संक्रमित होने पर भी नहीं रुकी गैस सप्लाई
एजेंसी मैनेजर अवनीश सैनी ने ETV भारत से बातचीत में बताया कि जब से कोरोना संक्रमण फैला है, गैस कारोबारियों की समस्या भी बढ़ गई है. गैस एजेसियों पर काम करने वाले कर्मचारी संक्रमित हो चुके हैं. कम कर्मचारी होने पर गैस आपूर्ति नहीं रुकने दी. इतना ही नहीं डिलीवरी मैन भी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं. बावजूद इसके घरों में लॉकडाउन का पालन कर रहे उपभोक्ताओं की होम डिलीवरी समय पर पहुंचाई है. पहले दिन से ही लगातार हर घर तक गैस सिलेंडर भिजवाया जा रहा है.


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एजेंसी मैनेजर ने बताया कि गैस की पर्ची बनाने से लेकर सिलेंडर डिलीवरी तक संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है. इसके बाद भी किसी का चूल्हा बंद ना रहे इसके लिए ये डिलीवरी मैन रसोई गैस वितरित कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस दौरान बड़ी संख्या में कर्मचारी पॉजिटिव हुए हैं, लेकिन किसी की मौत नहीं हुई ये सबसे बड़ी राहत की बात है. सभी कर्मचारियों का वैक्सीनेशन कराने के लिए संबंधित अधिकारी को पत्र लिख चुके हैं, लेकिन अभी तक स्टाफ और डिलीवरी मैन का वैक्सीनेशन नहीं हो पाया है.


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