मेरठ: बारिश की मार किसानों पर पड़ रही है. इस सप्ताह हुई बारिश से सबसे अधिक नुकसान दलहनी फसलों को पहुंचा है. इसके अलावा गेहूं की फसल भी तेज हवा से गिरकर बर्बाद हुई है और सरसों, आलू की फसल को भी नुकसान पहुंचा है.
बारिश ने सर्दी में रिकॉर्ड तोड़ रखे हैं. दिसंबर और जनवरी के बाद फरवरी में भी सामान्य से अधिक बारिश हुई. अब मार्च में भी बारिश का दौर रुक नहीं रहा है. सामान्य से अधिक बारिश से फसलों को नुकसान पहुंच रहा है. पिछले 3 दिन से रुक-रुक कर हो रही बारिश से फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. इस समय चने की फसल में फूल बन रहा है, बारिश से यह फूल टूट कर गिर गया है. चने की फसल के अलावा मसूर की फसल को भी नुकसान पहुंचा है.
विशेषज्ञों का कहना है इस स्थिति में फसल की बढ़वार तो हो रही है, लेकिन फूल नष्ट होने से उत्पादन प्रभावित होगा. जहां ओलावृष्टि हुई है, वहां नुकसान और भी अधिक हुआ है. इस समय आलू की खुदाई का कार्य चल रहा है, लेकिन बारिश से खेतों में पानी भर जाने से आलू की फसल भी खराब हो रही है. तेज हवा ने गेहूं की फसल को गिरा दिया है. इस बार गेहूं की बुवाई बारिश के कारण पहले ही कम हुई थी. अब फसल पर फिर मौसम की मार पड़ रही है.
प्रधान वैज्ञानिक रितेश शर्मा का कहना है कि बारिश से सभी फसलों को नुकसान पहुंच रहा है. दलहनी फसलों में इस समय फ्लोरिंग हो रही है. बारिश से फूल टूट कर गिर रहा है, जिस कारण उत्पादन प्रभावित होगा. यदि मौसम जल्द ही सामान्य नहीं हुआ तो नुकसान और अधिक होगा. आलू की फसल भी बारिश से प्रभावित हो रही है.